लखनऊ में सितंबर में डेंगू मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जनवरी से अबतक सरकारी पोर्टल पर डेंगू मरीजों की संख्या 332 हो गई है। अकेले सितंबर माह में 126 मामले सामने आ चुके है पर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी की माने तो ये आंकड़ा सिर्फ 82 मरीजों का ही है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में सितंबर माह में हुई बारिश का बुरा असर लोगों की बिगड़ती सेहत पर देखने को मिल रहा है। लोगों में बुखार की समस्या खासतौर पर सबसे ज्यादा है, जिसकी जांच कराने पर बड़ी संख्या में डेंगू की पुष्टि हो रही है। पर स्वास्थ्य विभाग इन आंकड़ों में भी खेल कर रहा है। सीएमओ कार्यालय के अनुसार, इस साल जनवरी से अब तक 192 लोगों का ही आधिकारिक डाटा जारी किया गया है, जबकि असल में डेंगू मरीजों की संख्या 300 से ज्यादा है। सीएमओ आफिस में डेंगू मरीजों का आंकड़ा रोजाना भेजा जाता है, पर इसके बावजूद विभाग लापरवाह बना हुआ है।सितंबर माह में मिले 126 मामले


लखनऊ में सितंबर में डेंगू मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जनवरी से अबतक सरकारी पोर्टल पर डेंगू मरीजों की संख्या 332 हो गई है। अकेले सितंबर माह में 126 मामले सामने आ चुके है, पर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी की माने तो ये आंकड़ा सिर्फ 82 मरीजों का ही है। राजधानी के लोकबंधु, सिविल व बलरामपुर अस्पताल समेत अन्य कई सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना डेंगू से पीडि़त मरीज भर्ती हो रहे हैं। पर इसके बावजूद विभाग लापरवाह बना हुआ है।विभाग कर रहा बस खानापूर्ति

संचारी रोगों की रोकथाम और जागरूकता के लिए राज्य की तरफ से पांच लाख रुपए का बजट भी जारी किया जाता है। पर विभाग के अफसरों की लापरवाही का नतीजा है कि बजट आने के बाद भी संचारी रोगों के बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार नहीं हो रहा। टीमें सिर्फ संक्रमित इलाकों में जाकर खानापूर्ति कर रही हैं, जबकि राजधानी के कई इलाकों में समस्या बनी हुई है।डेंगू के केस बढ़े हैं, पर पिछले साल के मुकाबले कम हैं। विभाग द्वारा काम लगातार जारी है। अतिरिक्त स्टाफ लगाकर काम किया जा रहा है।-डॉ। संदीप सिंह, नोडल इंचार्ज, संचारी रोग

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