सपा में सुलह का नहीं निकल रहा रास्ता

- तनातनी कम करने को त्योहार पर जुटा पूरा कुनबा

- अखिलेश के अलावा शिवपाल व रामगोपाल पहुंचे सैफई

- सैफई में सीएम से मुलाकात के दौरान मची भगदड़

LUCKNOW@inext.co.ion

LUCKNOW:समाजवादी पार्टी में बीते डेढ़ महीने से मची रार का अंत नहीं हो रहा है। दीपावली के पर्व पर यादव परिवार सैफई में जमा तो हुआ लेकिन सभी एक दूसरे से दूरी बनाए रहे। पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के भी सैफई जाने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने राजधानी स्थित अपने आवास में ही दीपावली का पर्व मनाया, वहीं शिवपाल यादव के राजधानी से सैफई निकलते के चंद घंटों बाद ही अखिलेश सैफई से वापस आ गये। इससे परिवारीजनों की मौजूदगी में सुलह का रास्ता निकलने की कोशिशों को फिर झटका लगा है।

12 बजे निकले शिवपाल

रविवार दोपहर बारह बजे शिवपाल सिंह यादव सड़क मार्ग से सैफई रवाना हुए तो अखिलेश शाम करीब चार बजे राजकीय वायुयान से सैफई से वापस आ गये। वहीं पिछले कई दिनों से सुलह के लिए हुई कवायदें कितनी सफल हुई, इसकी झलक आगामी पांच नवंबर को होने वाली रजत जयंती समारोह में देखने को मिल सकती है। देश भर के तमाम बडे़ नेताओं को इस कार्यक्रम में आने का न्योता शिवपाल सिंह यादव ने दिया है, वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी रजत जयंती समारोह को सपा के लिए पर्व बताकर इसकी सफलता के लिए जुटने का आहवान कर चुके हैं। वहीं रविवार को मुख्यमंत्री ने सैफई और इटावा में तमाम परिजनों के घर जाकर उन्हें दीपावली की शुभकामना दी, यह कवायद पारिवारिक रार को खत्म करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री सोमवार से रथयात्रा और रजत जयंती समारोह को सफल बनाने के लिए पार्टी नेताओं तमाम निर्देश भी देंगे।

बढ़ता जा रहा अखिलेश की लोकप्रियता का ग्राफ

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ब्रांडिंग में जुटे जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के प्रयासों का असर भी दिखना शुरू हो गया है। रार के बाद हुए एक सर्वे में मुख्यमंत्री की इमेज में बढ़ोतरी की बात सामने आई है तो दूसरी ओर तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाने से जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। यही वजह रही कि रविवार को सैफई के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उमड़ी भीड़ की वजह से वहां भगदड़ मच गयी। आगामी तीन नवंबर को रथयात्रा के बाद मुख्यमंत्री की लोकप्रियता में और इजाफा होना भी तय माना जा रहा है।

विपक्षी दलों में भी बेचैनी

सपा में रार के बाद भी मुख्यमंत्री की लोकप्रियता होना विपक्षी दलों के लिए बेचैनी का सबब बन चुका है। तमाम कोशिशों के बाद भी विपक्षी दल चुनावी बयार में भी सुर्खियां बटोरने में सफल नहीं हो पा रहे है। रथयात्रा और रजत जयंती समारोह तक इसके बरकरार रहने और बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है। वहीं नवंबर के तीसरे हफ्ते में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में मुलायम सिंह यादव की बड़ी रैली भी प्रस्तावित है। इन हालात में विपक्षी दलों को किसी ऐसे मुद्दे की तलाश है जिससे वह भी समाजवादी पार्टी को कड़ी टक्कर दे सकें।

Posted By: Inextlive