वीरेंद्र पहली पत्नी प्रियंका के घर छोड़कर जाने के बाद दूसरी पत्नी खुशबून तारा और बेटों के साथ रहता था। तीनों बच्चे प्रियंका से हैं। दूसरी पत्नी ने पुलिस से कहा है कि प्रियंका घर और वीरेंद्र के कुछ ठेकों पर कब्जा करना चाहती है। 15 दिन पहले उसने घर आकर धमकी भी दी थी।

लखनऊ (ब्यूरो)। रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की यूपी से बिहार तक रेलवे के ठेकों में वर्चस्व को लेकर कई लोगों से रंजिश थी। बिहार नरकटियागंज में 2014 में शंभूराम की हत्या में उसका नाम आया था। जिसमें जमानत के बाद से वह लखनऊ में नाम बदल कर रह रहा था। गोरख ठाकुर से वह वीरेंद्र बन कर रह रहा था। बिहार में उसके खिलाफ करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं।
गोली मारने वाला भी हत्याआरोपी
पश्चिम बंगाल से बिहार तक कई ठेके वीरेंद्र के पास थे। बेतिया में एक करोड़ 29 लाख रुपये के ठेके को लेकर ही उस पर हमला हुआ था। जिसमें रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से वह पैरालिस होने से बिस्तर पर आ गया था। इस हमले के पीछे बिहार बेतिया में नगर पालिका परिषद के ठेके का विवाद सामने आया था। जीआरपी ने दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी फिरदौस ने ठेके पर कब्जा कायम करने के लिए वीरेंद्र पर हमला करने की बात कबूल की थी। इस बार भी वह नामजद आरोपी है।
पुराने आरोपी की तलाश में दबिश
एडीसीपी पूर्वी सै। कासिम आब्दी ने बताया कि वीरेंद्र की दूसरी पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कई संदिग्धों से पूछताछ हो रही है। घटना के पीछे पारिवारिक और ठेकेदारी की रंजिश के बिंदु पर जांच आगे बढ़ाई गई है। वीरेंद्र के पुराने आपराधिक रिकार्ड को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने पांच संदिग्ध युवकों को उठाया है।
पहली पत्नी ने दी थी धमकी
वीरेंद्र पहली पत्नी प्रियंका के घर छोड़कर जाने के बाद दूसरी पत्नी खुशबून तारा और बेटों के साथ रहता था। तीनों बच्चे प्रियंका से हैं। दूसरी पत्नी ने पुलिस से कहा है कि प्रियंका घर और वीरेंद्र के कुछ ठेकों पर कब्जा करना चाहती है। 15 दिन पहले उसने घर आकर धमकी भी दी थी।
दिवाली पर ही बाहर निकलता था
वीरेंद्र ने हमले की आशंका पर जनवरी में एक निजी सुरक्षा गार्ड रखा था और फरवरी में उसने तीन और गार्ड रख लिए थे। वारदात के समय घर पर तीन ही सुरक्षा गार्ड मौजूद थे। बदमाशों के घर में घुसते ही सुरक्षा गार्डों ने अपने हथियार मेज के नीचे रख दिए थे और उनके जाते ही वे हथियार लेकर भाग गए थे। वीरेंद्र अपना पूरा धंधा मोबाइल से ही करता था। उसने घर को पूरी तरह किले में तब्दील कर दिया था और जगह-जगह सीसीटीवी भी लगवा दिए थे। वीरेंद्र की अनुमति के बिना घर का दरवाजा नहीं खुलता था और वह मोहल्ले में किसी से मिलता भी नहीं था। वह सिर्फ दिवाली के दिन ही घर से बाहर निकलता था।

सात दिन में बिहार के कई नंबरों से हुई थी बात
वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के मामले में कई नए खुलासे हो रहे हैं। बीते सात दिन में वीरेंद्र की बिहार के कई मोबाइल नंबरों से बात हुई थी। इनमें करीब दो दर्जन नंबर ऐसे मिले हैं, जिन पर अधिक बातें की गई थीं। ये नंबर बिहार और लखनऊ के लोगों के हैं। वहीं पुलिस इस मामले में पत्नी खुशबू और करीबी दोस्तों से भी पूछताछ करेगी। दूसरी ओर रविवार को वीरेंद्र के कई साथी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे, लेकिन इस मामले में किसी ने कुछ बोला नहीं। वहीं पुलिस को फरार सुरक्षा गार्र्डों के बारे में भी सुराग मिल गए हैं। वहीं घटना के बाद से वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका फरार हो गई है। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वह घर पर मिली नहीं। इस पूरे मामले में बिहार पुलिस ने भी लखनऊ पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं।

55 सीसी फुटेज खंगाले गए
पुलिस ने रविवार को घटनास्थल के आस पास 55 और सीसी फुटेज खंगाले। इनमें कई में बदमाश दिखे हैं। इन फुटेज के आधार पर ही पुलिस ने बदमाशों के आने और वारदात के बाद फरार होने का रूट चार्ट तैयार किया है। इन बदमाशों ने पुलिस की वर्दी और सेना की कैप पहन कर शनिवार दिनदहाड़े कैंट में पत्नी, दो बच्चों और तीन गार्ड को बंधक बना कर कमरे में ठेकेदार वीरेन्द्र को गोलियों से छलनी कर दिया था।

Posted By: Inextlive