इंजीनियरिंग फैकल्टी बिल्डिंग पर कोरोना की काली छाया
- साल 2017 में शुरू हुआ निर्माण 2021 तक नहीं हुआ पूरा
LUCKNOW: कोरोना संक्रमण के कारण लखनऊ यूनिवर्सिटी के विकासकार्य भी प्रभावित हुए हैं। करोड़ों के प्रोजेक्ट अधूरे हैं तो कई की समय सीमा ही खत्म हो चुकी है लेकिन कार्य पूरे नहीं हो सके हैं। हालांकि अब जब कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ी है तो यहां के विकास कार्य फिर धीरे-धीरे पटरी पर आते नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं, यहां कोरोना के कारण कौन-कौन से विकास कार्य प्रभावित हुए हैं इंजीनियरिंग फैकल्टी की बिल्डिंग अधूरी2017 में यूनिवर्सिटी के सेकंड कैंपस में इंजीनियरिंग फैकल्टी का कार्य शुरू हुआ जिसे साल 2020 में पूरा होना था। जैसे ही इसके निर्माण का करीब 70 फीसद कार्य पूरा हुआ कोरोना की पहली लहर शुरू हो गई और काम बंद हो गया। इसके बाद फिर से काम शुरू हुआ तो कोरोना की दूसरी लहर ने उस पर ब्रेक लगा दिया।
गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण सेकंड कैंपस में 200 बेड के गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण जुलाई 2021 से पहले कर लिया जाना था। कोरोना के कारण इसका निर्माण कार्य भी अधर में है। कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने के साथ ही इसका निर्माण फिर शुरू कर दिया गया है।हॉस्टलों का होना था कायाकल्प
यहां के सभी हॉस्टल का रंग-रोगन, मरम्मत, बाथरूम से लेकर टॉयलेट तक का कायाकल्प किया जाना है। वहीं बिजली, वायरिंग, लाइब्रेरी, कॉमन हॉल की भी मरम्मत की जानी है। यह काम भी रुके हुए हैं।
बाक्स अब कार्य में आई तेजी जून के पहले सप्ताह से स्थितियां सामान्य होने के बाद इन कार्यो में फिर से गति आई है। उम्मीद है कि अगस्त-सितंबर तक इसे पूरा कर स्टूडेंट को अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बाक्स राज्य सरकार के बजट से कार्य 1. बीरबल साहनी हॉस्टल, 2. सुभाष हॉस्टल, 3. गोल्डन जुबली 4. कैलाश हॉस्टल फंड- राज्य सरकार, कुल राशि 12 करोड़ बाक्स यूनिवर्सिटी फंड से कार्य 1. तिलक हॉस्टल 2. महमूदाबाद हॉस्टल 3. हबीबुल्लाह हॉस्टल 4. आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल 5. एलबीएस नोट- बजट करीब एक करोड़ रुपए है।