- नगर निगम से लेकर मेडिकल स्टाफ और पुलिसकर्मी हो रहे संक्रमित

- अस्पताल में एडमिट होने के बाद भी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया

LUCKNOW कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच कोरोना फाइटर्स के लिए भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आलम यह है कि गुजरते वक्त के साथ कोरोना के मकड़जाल में कोरोना फाइटर्स (नगर निगम कर्मी, मेडिकल स्टाफ और पुलिसकर्मी) फंसते हुए नजर आ रहे हैं। आम जनता के साथ-साथ कोरोना फाइटर्स के संक्रमित होने का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए भी कई चरणों में कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें बूस्ट अप करने के लिए भी कवायद की जा रही है।

पहली तस्वीर

नगर निगम पर कोरोना का साया

फ्रंटलाइन वॉरियर्स की श्रेणी में शामिल नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अभी तक एक दर्जन से अधिक निगम कर्मी और अधिकारी कोरोना का शिकार बन चुके हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि सभी स्वस्थ हैं। वहीं निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष भी हाल में ही कोरोना से जंग जीतकर घर लौट चुके हैं और एक बार फिर से जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुट गए हैं। हालांकि उनकी ओर से लगातार पब्लिक को और साथी पार्षदों को कोरोना से बचाव संबंधी जागरुक भी किया जा रहा है।

जोन आठ से शुरुआत

सबसे पहले नगर निगम के जोन आठ में कोरोना ने दस्तक दी थी। जोन में तैनात एक कर्मचारी कोरोना की चपेट में आया था, जिससे पूरे महकमे में हड़कंप मच गया था। जोन ऑफिस को बंद कर दिया गया था और कुछ दिन बाद ऑफिस को फिर से खोल दिया गया। इसके बाद जोन चार का नंबर आया, यहां एक जेई कोरोना पॉजिटिव मिला। इसकी वजह से यह जोन भी बंद हुआ। फिलहाल दोनों पेशेंट अब स्वस्थ हैं।

निगम मुख्यालय तक दस्तक

जोन ऑफिस के बाद कोरोना ने निगम मुख्यालय में दस्तक दी। एक साथ जांच में अपर नगर आयुक्त, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी समेत कुल 11 कर्मचारी पॉजिटिव निकले। सभी को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं। इसके बाद नगर आयुक्त डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने भी अपनी जांच कराई, जो निगेटिव आई।

काम पर असर नहीं

निगम अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटिव होने का असर निगम कार्यप्रणाली पर ज्यादा नहीं पड़ा। इसकी वजह यह रही कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अस्पताल में रहकर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

सुरक्षा का चक्रव्यूह तैयार

निगम प्रशासन की ओर से अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चक्रव्यूह बनाया गया है। जो इस प्रकार है

1-निगम मुख्यालय, जोन कार्यालयों में हेल्प डेस्क खुली

2-बेवजह पब्लिक की एंट्री बंद

3-सभी कर्मचारियों की कोरोना जांच शुरू

4-ऑनलाइन सुविधाओं पर फोकस

5-हेल्प डेस्क की नियमित समीक्षा

6-मुख्यालय व जोन कार्यालयों के अंदर मास्क अनिवार्य

7-सोशल डिस्टेंसिंग पर भी खासा फोकस

फैमिली को सपोर्ट

निगम अधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मेयर संयुक्ता भाटिया ने खुद उनके परिजनों से बातचीत की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कोरोना से पीडि़त अधिकारियों और कर्मचारियों से लगातार संवाद भी किया, जिससे उनका हौसला कम नहीं हुआ।

वर्जन

मुख्यालय से लेकर जोन कार्यालयों में हेल्प डेस्क शुरू कर दी गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य है और हर किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा गया है।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

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तस्वीर दो

मेडिकल स्टाफ भी हो रहे संक्रमित

राजधानी में कोरोना से सीधा मुकाबला कर रहे डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ भी कोरोना के संक्रमण से अछूते नहीं हैं। राजधानी के केजीएमयू की बात करें तो यहां अब तक 30 से अधिक मेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुका है। इसी तरह लोहिया में 1 डॉक्टर समेत करीब 15 अन्य मेडिकल स्टाफ भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

पीजीआई पर भी साया

पीजीआई की बात की जाए तो यहां भी 25 के करीब लोग संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि इसमें कोई डॉक्टर नहीं है, अधिकतर नर्स या अन्य स्टाफ है। लोकबंधु हॉस्पिटल में भी अब तक 2 डॉक्टर कोरोना की गिरफ्त में आ चुके हैं।

सुरक्षा के बावजूद खतरा

कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट के साथ मास्क, हेड गियर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं। किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर आइसोलेशन के साथ टेस्ट भी किया जाता है। डॉक्टर और स्टाफ खुद पूरा ध्यान रखते हैं। इसके बावजूद मेडिकल स्टाफ संक्रमण से सुरक्षित नहीं है।

वर्जन

डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। कोरोना से बचाव को लेकर जो गाइडलाइंस हैं, उसको फॉलो किया जा रहा है।

प्रो। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

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तस्वीर तीन

आईपीएस से लेकर 45 से ज्यादा पुलिसकर्मी बन चुके शिकार

राजधानी में अब तक 45 से ज्यादा पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर पुलिसकर्मी स्वस्थ होकर वापस ड्यूटी ज्वॉइन कर एक बार फिर से कोरोना से सीधा मुकाबला कर रहे हैं।

थाना व पुलिस ऑफिस करना पड़ा बंद

कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से दो बार पुलिस ऑफिस को 24 से 48 घंटे के लिए बंद करना पड़ा। वहीं मोहनलालगंज थाने को भी सील किया गया। सीओ मोहनलालगंज के ऑफिस में तैनात एक सिपाही के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद पूरे स्टॉफ का कोरोना टेस्ट हुआ। हाल ही में गाजीपुर में तैनात एक सिपाही के कोरोना पॉजिटिव होने से हड़कंप मच गया। वहीं ठाकुरगंज में भी एक सब इंस्पेक्टर कोरोना के चपेट में आया। इसके अलावा पुलिस लाइन व अन्य कई थानों में तैनात पुलिस कर्मी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। नाका में भी दो सिपाही कोरोना संक्रमित मिले और हजरतगंज थाने की विवेचना सेल में भी एक सब इंस्पेक्टर कोरोना पॉजिटिव मिला। यहां तक की आईपीएस नवनीत सिकेरा भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए।

वर्जन

सभी थानों में प्रॉपर सेनेटाइजेशन कराने के साथ ही टनल बनाई गई है। सभी पुलिसकर्मियों को कोविड 19 की गाइडलाइंस को फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं।

सुजीत पांडेय, पुलिस कमिश्नर

Posted By: Inextlive