- मरीजों को सीधे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ रहा है

- तीन से चार दिन में ही मरीज की हालत हो रही है गंभीर

- लोगों का जांच जल्द न करना भी बिगाड़ रहा है हालात

- अचानक सभी अस्पतालों में काफी बढ़ गई ऑक्सीजन की खपत

- पहले के मुकाबले कोरोना फेफड़ों पर कर रहा ज्यादा बीमार

- मरीजों को सीधे ऑक्सीजन सपोर्ट देने के मामले बढ़े

- अस्पतालों में अचानक बढ़ी ऑक्सीजन की खपत

LUCKNOW:

राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले न केवल ज्यादा खतरनाक है बल्कि इसकी चपेट में आने वाले मरीजों की हालत भी काफी तेजी से खराब हो रही है। कोविड अस्पताल में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स के अनुसार इसबार जो भी मरीज आ रहे हैं, उन्हें सीधे ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ रहा है। जिससे ऑक्सीजन की डिमांड भी तेजी से बढ़ गई है। वायरस इसबार ज्यादा तेजी से फेफड़ों पर असर डाल रहा है जो चिंता का भी विषय है। केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई व लोकबंधु समेत अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की खपत काफी बढ़ गई है।

मरीज सीधे ऑक्सीजन सपोर्ट पर

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश सिंह के मुताबिक इसबार लोगों में ज्यादा तेजी से इंफेक्शन देखने को मिल रहा है जो पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी से छाती तक पहुंच रहा है। जिससे दो-तीन दिनों में ही लोगों की हालत गंभीर हो रही है। जिससे ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है। इस समय ऑक्सीजन की खपत हजार किलोलीटर से अधिक रोजाना खर्च हो रही है।

फेफड़ों को जल्द कर रहा बीमार

केजीएमयू कोविड अस्पताल के नोडल डॉ। जेडी रावत के मुताबिक मरीजों में इंफेक्शन ज्यादा तेजी से फैलते हुए फेफड़ों तक पहुंच रहा है। जिसकी वजह से मरीज को सीधा ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती करना पड़ रहा है। दूसरा लोग जांच देरी से करा रहे है या होम आइसोलेशन में दिक्कत बढ़ रही है। ऐसे में अचानक से सांस की समस्या ज्यादा हो रही है। जिसकी वजह से अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत बढ़कर 3000 लीटर रोजाना हो गई है जबकि 20 हजार लीटर का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है।

पहले के मुकाबले बढ़ गई खपत

पीजीआई के आरसीएच इंचार्ज डॉ। आरके सिंह के मुताबिक अस्पताल में पहले के मुकाबले ऑक्सीजन की खपत काफी बढ़ गई है। लोकबंधु कोविड अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक जो भी मरीज आ रहे है उनको ऑक्सीजन की सपोर्ट की जरूरत पहले के मुकाबले ज्यादा पड़ रही है। संस्थान में 104 लीटर का लिक्विड प्लांट और 200 से अधिक जंबो सिलेंडर भी है। इस समय अस्पातल में 125 तक जंबो ऑक्सीजन की खपत हो रही है। जो पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

Posted By: Inextlive