कोविड से पहले इस तरह का मरीज छह माह में एक आता था लेकिन अब यह संख्या बढ़कर हर हफ्ते दो से तीन मरीज की हो गई है जो चिंता की बात है। दवा लेने और आराम करने से 40 फीसदी मरीजों में बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन 60 फीसदी मरीजों को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना के दौरान बहुत से लोगों की हालत बेहद गंभीर होने की वजह से उनको आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उनको इलाज के लिए स्टेरायड भी दी गई थी, जिसके चलते छह माह से एक साल के बाद उनमें हड्डी संबंधी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। इन मरीजों में खासतौर पर हिप बोन संबंधी समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है, क्योंकि हिप बोन में खून की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इससे बॉल सूखने और कार्यक्षमता प्रभावित होने की दिक्कत हो रही है। शुरुआत में हल्का दर्द और आगे चलकर गंभीर समस्या होती है, जिसके चलते मरीजों में हिप ट्रांसप्लांट तक करने की जरूरत पड़ रही है। यह समस्या दूसरी लहर में संक्रमित हुए मरीजों में ज्यादा देखने को मिल रही है। यह जानकारी यूपी अर्थराइटिस फाउंडेशन के संस्थापक डॉ। संदीप कपूर ने रविवार को बोन एंड ज्वाइंट वर्कशॉप के दौरान दी।


जरूर कराना चाहिए एमआरआई

इस दौरान डॉ। कश्यप अर्देशना ने बताया कि कोविड से पहले इस तरह का मरीज छह माह में एक आता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर हर हफ्ते दो से तीन मरीज की हो गई है, जो चिंता की बात है। दवा लेने और आराम करने से 40 फीसदी मरीजों में बीमारी ठीक हो जाती है, लेकिन 60 फीसदी मरीजों को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। सही समय पर पहचान के लिए एमआरआई कराना बेहद जरूरी है। एक्स-रे में इसकी पहचान दो से तीन महीने बाद ही संभव है।राजधानी में कोरोना के 16 संक्रमित मिले

राजधानी मेें कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। रविवार को कोरोना के मरीजों में बढ़ातरी हुई और 16 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि 12 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। वहीं, राजधानी में कोरोना के 103 एक्टिव केस हो गये है। सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल ने बताया कि सभी संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में है। उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। 95 फीसद मरीजों में कोई लक्षण नहीं हैं, महज 5 फीसद मरीजों में बेहद हल्के लक्षण देखने को मिले हैं। कांटेकट ट्रेसिंग के तहत संक्रमित के संपर्क में आने वाले करीब 50 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। कोरोना अभी गया नहीं है। लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क पहने और समय पर वैक्सीन जरूर लगवाएं। राजधानी में कोरोना के सर्वाधिक 4 संक्रमित आलमबाग इलाके में मिले हैं। जबकि 3-3 संक्रमित चिनहट व रेडक्रास में, 2 टूडियागंज में और 1-1 संक्रमित कैसरबाग, अलीगंज, गोसाईगंज और इंदिरा नगर में मिले हैं ।

Posted By: Inextlive