मिस्ड कॉल दोस्ती प्यार और फिर ब्लैकमेलिंग कर रहे हनीट्रैप गैंग ने लखनवाइट्स समेत पुलिस की नाक में दम कर रखा है। पिछले कुछ माह में इस गैंग ने बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बनाया है। इनके कुछ शिकार काफी हिम्मत कर पुलिस तक शिकायत करने पहुंचे हैं तो कुछ बदनामी के खौफ से ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे हैं। आइये आपको बताते हैं क्राइम वल्र्ड के नए हथियार 'सेक्सट्रॉसन से

लखनऊ (ब्यूरो)। आप सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और बिजी शेड्यूल है तो हनी ट्रैप के शिकार बन सकते हैं। मिस्ड कॉल से दोस्ती, चैट हनी ट्रैप का मेन हथियार है। वहीं वर्तमान में साइबर क्राइम सेल में जो मामले आए रहे हैं, उससे साफ है कि गैैंग नए नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहा है। करीब तीन माह में 65 से ज्यादा मामले साइबर क्राइम सेल के पास आए है।

कैसे होता है सेक्सट्रॉसन
यह हनी ट्रैप की तरह होता है। आमतौर पर इसमें सबसे ज्यादा फेसबुक और सोशल साइट्स का सहारा लिया जाता है।
लोगों के पास एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है, जिसके प्रोफाइल डीपी में एक खूबसूरत लड़की की फोटो होती है।
अक्सर लोग सोशल मीडिया पर चल रहे इस अनसोशल खेल को समझ नहीं पाते और फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते हैं।
कुछ दिन तक फॉर्मल बातचीत के बाद लड़की अपनी बातों से इस तरह से पेश आती है जैसे कि वह उसे पसंद करती है
वह वीडियो कॉल पर सेक्स चैट करने का ऑफर दे देती है। फौरन अपना खुद का वाट्सअप नंबर देती है और वाट्सअप नंबर पर वीडियो कॉल शुरू हो जाती है।

ऐसे चुनते हैं शिकार
सबसे पहले फेसबुक प्रोफाइल से शिकार की हैसियत पता करते हैं, कि वह अमीर है कि नहीं
उसकी मनोस्थिति का भी अंदाजा उस पर पड़ी पोस्ट से लगाया जाता है, मसलन शेरो-शायरी, आशिक मिजाज पोस्ट आदि।
यंग एज और स्टूडेंट्स को अपना शिकार बनाने से करते हैं परहेज

तरीका नंबर एक
मिस्ड कॉल से दोस्ती करती
हनी ट्रैप गैंग बड़े ही शातिर अंदाज में किसी को भी अपने जाल में फंसाता है। पहले एक मिस्ड कॉल और उसके बाद दोस्ती बढ़ाता है और धीमे-धीमे बात वाट्सएप वीडियो कॉल तक पहुंच जाती है। फिर अश्लील बातें कर महिला लोगों के पर्सनल वीडियो को स्क्रीन रिकॉर्ड से रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेलिंग करने का जरिया बना लेती है।

तरीका नंबर दो
मिलने के लिए बुलाकर फंसाते थे
गैैंग की साथी महिलाओं के जरिए इंटरनेट मीडिया व आसपास के लोगों को चिह्नित कर उन्हें फोन कराते हैं। इसके बाद युवतियां लोगों को बातों में फंसाकर मिलने के लिए बुलाती हैं। एकांत स्थान पर गाड़ी में मिलने आए युवकों के कपड़े युवतियां उतार देती है और तभी पुलिस की वर्दी में गैैंग मेंबर्स वहां आ जाते हैं। इसके बाद फर्जी पुलिसकर्मी झांसे में लेकर बुलाए गए लोगों का वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते है और मोटी रकम वसूलते हैं। यही नहीं, अगर कोई व्यक्ति विरोध करता है तो उसे एयर गन दिखाकर धमकाते है और वीडियो वायरल करने की बात कहते हैं।

तरीका नंबर तीन
एफबी पर रिक्वेस्ट, मैसेंजर पर चैट
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए पैंतरे आजमाते रहते हैं। अब साइबर ठगों ने खूबसूरत लड़कियों के माध्यम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर दोस्ती करने का जाल फैलाया है। फेसबुक पर सुंदर लड़की की डीपी (डिस्पले पिक्चर) लगाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही मैसेंजर पर लड़कियां मैसेज के माध्यम से बातचीत करती हैं। इसके बाद अश्लील फोटो और मैसेज का आदान-प्रदान करते हैं और फिर वीडियो तैयार करा ली जाती है। जैसे ही मैसेंजर पर वीडियो बन जाती है, ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता है। यह खेल काफी दिनों से चल रहा है।

तरीका नंबर चार
अश्लील वीडियो प्ले कर देते हैं
यह तरीका बिल्कुल नया है और इससे बचना थोड़ा मुश्किल होता है। गैैंग की मेल व फीमेल मेंबर्स आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत व्यक्ति को कॉल कर दोस्ती करती हैं और फिर वीडियो कॉल कराती हैं। वीडियो कॉल के दौरान अचानक एक अश्लील या पोर्न मूवी को प्ले कर दिया जाता है। कॉल चलती रही है और सामने वाले का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया जाता है। उसे इस तरह दिखाया जाता है कि संबंधित व्यक्ति पोर्न मूवी देख रहा है और फिर उसे वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता है।

तरीका नंबर पांच
साइट सर्च करने पर फंसते हैं
इंटरनेट की दुनिया काफी बड़ी है और इंटरनेट पर कई बार लोग उत्साहित होकर कई आपत्तिजनक साइट सर्च करते हैं। यह साइड सर्च करने से हनी ट्रैप गैैंग के राडार पर आ जाते हैं और फिर शुरू होता है जाल में फंसाने का खेल। कई बार लोग आपत्तिजनक साइट सर्च करने के दौरान उसमें दिए नंबर पर अपने रजिस्टर्ड नंबर से कॉल कर देते हैं। रजिस्टर्ड नंबर से कॉल करने से आप का नाम व पता गैैंग तक पहुंच जाता है। इसके बाद गैैंग नंबर के आधार पर सोशल मीडिया पर एक्टिव अपने अकाउंट फेसबुक, ट्विटर व अन्य प्लेटफॉर्म पर जाकर फेक आईडी बनाकर उसमें अश्लील फोटो पोस्ट कर ब्लैकमेल करते हैैं।

ये हो चुके हैं शिकार
1 हाल में ही बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे रुपये वसूलने की कोशिश की गई। रुपये नहीं देने पर उनका अश्लील वीडियो वायरल कर दिया गया।
2 नाका के निजी बैंक के सेल्स एग्जीक्यूटिव के पास महिला का वाट्सएप मैसेज आया। महिला ने वीडियो कॉल किया और युवक को झांसे में ले लिया। इसके बाद उसका अश्लील वीडियो बनाकर 20 हजार रुपये हड़प लिये।
गोमतीनगर निवासी रिटायर्ड डॉक्टर को महिला ने वीडियो कॉल किया। बुजुर्ग डॉक्टर ने फोन उठाकर महिला को डांट लगाई। इसके बाद फोन रख दिया, लेकिन तब तक उनका अश्लील वीडियो बन चुका था। पीडि़त ने साइबर सेल में शिकायत की है।

इन बातों का रखें ध्यान
वाट्सएप व फेसबुक पर किसी अनजान महिला की वीडियो कॉल न उठाएं।
किसी अनजान महिला से अगर फेसबुक पर दोस्ती हो भी गई हो तो उसके बहकावे में न आएं।
वाट्सएप और फेसबुक पर किसी भी अनजान लिंक को टच न करें।
वीडियो चैट के दौरान महिलाएं आपको न्यूड होने के लिए उकसाती है और खुद भी न्यूड हो जाती हैं।
चैटिंग के दौरान वह आपकी जरूरत जानने की कोशिश करती हैं। वह आपके और आपके परिवार के बारे में भी जानकारी जुटाती हैं। आप अकेले रहते हैं व किसी के साथ। इसकी जानकारी भी उन्हें होती है।
किसी अनजान महिला से चैटिंग के दौरान अपनी फोटो शेयर न करें।
फेसबुक प्रोफाइल आदि लॉक करके रखें।
आपत्तिजनक साइट पर दिए अंजान नंबर पर कॉल न करें

आखिर क्यों नहीं पकड़े अपराधी
ये कॉल्स वीओआईपी होती हैं, इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
इस तरह का रैकेट राजस्थान के भरतपुर और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों से ये गैंग ऑपरेट होता है।
ऐसे अपराधियों को पकडऩा दूसरे प्रदेशों की पुलिस से कोऑर्डिनेशन न होने की वजह से पकडऩा मुश्किल होता है।


ऐसा हïो तो ये करें
अगर इस तरह की घटना आपके साथ होती है तो सबसे पहले उस नंबर को ब्लॉक कर दीजिए, जिससे कॉल आई है।
जिस नंबर से कॉल आई है उसकी जानकारी पुलिस, साइबर सेल को दे। जिससे जल्द ही उसे पकड़ा जा सके।
फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया पर बिना पहचान वाली युवती वीडियो कॉल करे तो उसे रिसीव न करें।
इससे बचाव के लिए सोशल मीडिया पर अंजान नंबर से आने वाली किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें।


अपनी फेसबुक आईडी डबल लॉक करके रखें और समय-समय पर पासवर्ड चेंज करते रहें। खुद को संभालना जरूरी
विवेक रंजन राय, एसीपी, साइबर क्राइम सेल

पैनिक न करें, ठंडे दिमाग से काम लें

पैनिक होने से बचे, ठंडे दिमाग से काम लें, असलियत को छिपाने की बजाय उसे अपने किसी विश्वासपात्र या परिवार के सदस्य के साथ शेयर करें।
अपनी दिमागी स्थिति को पॉजिटिव रखे, प्रॉब्लम सॉल्विंग एटीट्यूड दिखाएं, न कि तनाव में आकर गुस्सा दिखाएं या कोई उल्टा सीधा कदम उठाए।
सामने वाले की साइकोलॉजी और बॉडी लैंग्वेज को समझे, उसके मुताबिक सिचुएशन हैंडल करें, ओवर स्ट्रेस से बचें।
स्ट्रेस से बचने के लिए अगर काउंसिलिंग की जरूरत है तो वह भी करवा सकते हैं।
सुशील पांडेय, राज्य मनोचिकित्सक अधिकारी


डरें नहीं, कंप्लेन करें
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोगों को ऐसे मामलों में काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। अगर कोई ऐसे मामले में फंस भी गया है तो डरने की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस स्टेशन जाकर अपनी कंपलेन दर्ज करायें। लोग जितना डरेंगे उतना ही अपराधी उनको उतना ही ब्लैकमेल करते रहेंगे।

Posted By: Inextlive