- कोरोना महामारी के बाद से साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके अपना रहे क्रिमिनल्स

- ऐसे क्रिमिनल्स को ट्रैक करने में भी हो रही काफी दिक्कत

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रुष्टयहृह्रङ्ख : समय के साथ-साथ साइबर फ्रॉड भी जालसाजी के नये-नये पैतरे अपना रहे हैं। यह देख साइबर क्राइम सेल भी हैरान है। कोविड-19 महामारी के बाद से साइबर क्राइम के अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं। एक साल पहले तक साइबर फ्रॉड के केवल कार्ड क्लोनिंग और डेटा हैकिंग के मामले आ रहे थे, जो जामताड़ा गैंग के साथ नाइजीरियन गैंग और कुछ एक गैंग तक ही सीमित थे। नया मामला बायोमीट्रिक फिंगर प्रिंट से जुड़ा हुआ सामने आया है, जिसे सुरक्षा की दृष्टि से सबसे सिक्योर माना जाता था। ऐसे में साइबर क्राइम टीम को इन क्रिमिनल्स को ट्रैक करने में खासा मशक्कत करनी पड़ रही है।

अलर्ट फिर भी अकाउंट हो रहा खाली

एसीपी साइबर क्राइम सेल के नोडल इंचार्ज विवेक रंजन राय ने बताया कि कोविड 19 महामारी के बाद से साइबर फ्रॉड के मामले न केवल बढ़े हैं बल्कि जालसाजी के नये-नये मामले सामने आ रहे हैं। इसमें बायोमीट्रिक क्लोनिंग के साथ इंटरनेट वर्किग, वीडियो चैट, सिम रिचार्ज प्लानिंग और स्पेशल थाली, रॉयल ऑफर जैसे साइबर क्राइम सामने आ रहे हैं। इसकी वजह से सावधानी के बाद भी लोग साइबर फ्रॉड के झांसे में फंस जाते हैं और उन्हें मालूम तक नहीं होता है।

तरीका नंबर एक

इंटरनेट वर्किग

साइबर क्रिमिनल्स ऐसे लोगों को टारगेट करते हैं, जिनका बैंक अकाउंट तो होता है, लेकिन वह इंटरनेट बैकिंग यूज नहीं करते हैं। इसमें खासतौर से रिटायर्ड अफसर, कर्मी और बुजुर्ग होते हैं।

केस-

इंटरनेट बैंकिंग से उड़ाई रकम

सचिवालय में तैनात एक कर्मचारी 31 अप्रैल 20 को रिटायर्ड हुआ था। इस दौरान मोटी रकम मिली थी। रिटायर्डमेंट के कुछ दिनों बाद उनके मोबाइल पर कॉल आई और उनके पैसों को अच्छी ब्याजदर पर इंवेस्ट करने का ऑफर दिया गया। जालसाजों ने उनकी अकाउंट की डिटेल लेने के बाद एमआईसीआर कोड से इंटरनेट बैंकिंग क्रिएट कर ली और बैठे बैठे उनके अकाउंट से 30 लाख रुपये उड़ा लिये। इसी तरह से प्रयागराज में कृषि विभाग से रिटायर्ड एक अफसर के साथ फ्रॉड किया गया।

ऐसे करते हैं फ्रॉड

इसमें जालसाज रिटायर्ड पर्सन और सीनियर सिटीजन को ही टारगेट करते हैं क्योंकि वह इंटरनेट बैकिंग यूज नहीं करते हैं। उनके बैंक अकाउंट की डिटेल को हासिल कर उन्हें कॉल किया जाता है। झांसे में लेकर केवल मोबाइल पर आए लिंक को ऐनीडेस्क के जरिए सर्विलांस पर ले लेते हैं। इसके बाद उनके मोबाइल को साइबर क्रिमिनल्स रिमोट की तरह यूज कर उनके अकाउंट से नेट बैकिंग का प्रोसेज कर कैश ट्रांसफर कर लेते हैं।

तरीका नंबर दो-

वीडियो चैट

साइबर क्रिमिनल्स वाट्सएप और फेसबुक पर फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह ऐसे लोगों को टारगेट करते हैं जिनकी उम्र 45 से ऊपर हो और वह उनका सामाजिक स्तर पर काफी मजबूत हों।

केस

डॉक्टर को बनाया था निशाना

शहर के एक फेमस डॉक्टर और इंजीनियर को इस गैंग ने टारगेट किया था। वीडियो चैट के जरिए उनकी अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा। डॉक्टर ने मामले में विभूतिखंड थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने साइबर क्राइम सेल की मदद से हनी ट्रैप करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया था।

ऐसे करते हैं ब्लैकमेल

फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेजने के बाद लड़की बनकर चैट करते हैं। चैट के दौरान उनकी सारी डिटेल हासिल कर लेते हैं। चैट के दौरान उनसे अश्लील कॉलिंग के साथ-साथ वीडियो कॉलिंग शुरू की जाती है और फिर अश्लील वीडियो रिकार्ड कर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। लखनऊ साइबर सेल में इस तरह के आधार दर्जन से ज्यादा केस सामने आए हैं।

मैसेज के साथ दिए लिंक को क्लिक करते ही एक फॉर्म आता है। फॉर्म में दस रुपये का रिचार्ज करने के लिए ऑनलाइन डिटेल भरी जाती है, जिसमें अकाउंट नंबर भी शामिल होता है। यह फॉर्म साइबर फ्रॉड के एक डोमेन से अटैच होता है। जैसे ही अकाउंट नंबर और कोड फॉर्म में भरते हैं, वैसे ही अकाउंट हैक हो जाता है और कैश उड़ा दिया जाता है।

तरीका नंबर चार-

स्पेशल थाली व रॉयल ऑफर

कोविड 19 के बाद से इस तरह का फ्रॉड सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। लोग ऑनलाइन खरीदारी व खाने के आर्डर बुक करते हैं। इसी का फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड गूगल व फेसबुक पर एक फेक एड डालते हैं, जिसमें लिखा होता है कि स्पेशल थाली व रॉयल ऑफर। उसके डे स्पेशल व एक घंटे में आर्डर करने पर 80 प्रतिशत तक छूट का ऑफर दिया जाता है। लोग उनके जाल में फंस कर आर्डर करते हैं और जालसाजी के शिकार हो जाते हैं।

केस

80 रुपये की जगह 20 हजार उड़ाए

साइबर क्राइम सेल में इससे जुड़े फ्रॉड के करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले आ चुके हैं। अमीनाबाद के वॉच शॉप के ओनर अखिलेश के पास खाने के ऑफर का एड फेसबुक पेज पर आया। उन्हें स्पेशल थाली सेम डे पर मात्र 80 रुपये में दी जा रही थी, जिसमें फेमस रेस्टोरेंट की तरफ से यह ऑफर था। उस रेस्टोरेंट में स्पेशल थाली करीब चार से पांच सौ रुपये कीमत की है। अखिलेश ने आर्डर बुक किया और ऑनलाइन पेमेंट की। पेमेंट करते ही 80 रुपये की जगह उनके अकाउंट से 20 हजार रुपये गायब हो गए।

ऐसे करते हैं फ्रॉड

साइबर फ्रॉड जस्ट डायल से देख कर ऐसे लोगों के फेसबुक पेज और गूगल पर ऑफर देते हैं। उसमें फर्जी तरीके से फेमस रेस्टोरेंट और होटल का नाम, फोटो लगाई जाती है ताकि आर्डर करने वाले तुरंत झांसे में आ जाएं। यूपीआई (यूनिफाइट पेमेंट इंटरफेम) के जरिए जैसे ही पेमेंट करते हैं, वैसे ही वह वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के जरिए अकाउंट खाली कर देते हैं।

तरीका नंबर पांच

बायोमीट्रिक क्लोनिंग

भारत सरकार की भूलेख वेबसाइट से आधार कार्ड व अंगूठे का निशान चोरी कर खातों से रुपये निकाल लेते है। बॉयोमीट्रिक को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन साइबर क्रिमिनल्स ने बायोमीट्रिक क्लोनिंग कर पुलिस के भी होश उड़ा दिए। देश की सुरक्षा एजेंसी भी अब बायोमीट्रिक क्लोनिंग के तोड़ को तलाशने में जुट गई है।

बिना ओटीपी के अकाउंट खाली

कृष्णानगर के एक व्यक्ति के खाते से 50 हजार रुपये निकले थे। पीडि़त के पास न तो कोई वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आया था और न ही उन्होंने खाते की जानकारी किसी से साझा की थी। साइबर फ्रॉड ने पांच बार में दस-दस हजार रुपये उनके अकाउंट से उड़ाए थे। पीडि़त ने साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले का खुलासा भी किया।

ऐसे करते हैं फ्रॉड

भारत सरकार की भूलेख वेबसाइट से आधार कार्ड व अंगूठे का निशान चोरी कर लेते थे। इसके बाद स्कैनर के जरिए बटर पेपर पर अंगूठे के निशान को स्कैन कर लेते थे और फिर बटर पेपर पर आई छाप को कैमिकल (बरामद लिक्विड) के जरिए रबड़ नुमा अंगूठा तैयार कर लेते थे। उसके बाद आधार कार्ड से कौन सा अकाउंट नंबर लिंक है, इसकी जानकारी कर उस अंगूठे से अकाउंट से पैसा आधार इनेबल्ड पेमेंट के जरिए अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर कर देते थे। इसके बाद उन्हें दूर दराज के केंद्र में पासवर्ड के जरिए कैश कर लेते थे।

कोट-

यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा साइबर खतरा है। इसे अवश्य देखें और सावधान रहें, नहीं तो ऑनलाइन दुनिया में कुछ भी सुरक्षित नहीं होगा। अपने व्यक्तिगत डेटा जैसे फिंगरप्रिंट, बैंक अकाउंट नंबर, साइन, डीओबी मेल आईडी को सार्वजनिक पोर्टल पर न दें, नहीं तो परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।

-विवेक रंजन राय, नोडल इंचार्ज एसीपी साइबर क्राइम सेल

तरीका नंबर तीन-

सिम रिचार्ज प्लानिंग-

आप के मोबाइल पर एक मैसेज आएगा, जिसमें लिखा होगा कि आप की कॉलिंग की बाध्यता खत्म होने वाली है। इसके बाद एक लिंक आएगा और उस लिंक में कम से कम 10 रुपये का तत्काल रिचार्ज करने का निर्देश होता है। लिंक ओपन करते ही आप लूट लिए जाते हैं।

केस-

लिंक पर कॉल करते ही 15 हजार गायब

आलमबाग के हरी के बीएसएनएल मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि आप की कॉलिंग सेवा 24 घंटे के बाद बंद हो जाएगी और उसे दोबारा चालू करने के लिए रजिस्टर्ड नंबर से 10 रुपये का रिचार्ज करें। हरी ने मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन 10 रुपये का रिचार्ज किया। मोबाइल रिचार्ज का मैसेज तो नहीं आया, लेकिन उनके अकाउंट से 15 हजार रुपये गायब हो गए थे। उन्होंने साइबर सेल में इस मामले की शिकायत की।

ऐसे करते हैं फ्रॉड

Posted By: Inextlive