5 किमी के हाईवे पर 11 कट बन रहे खतरनाक
- 180 करोड़ की लागत से बना लिंक रोड
- 5 किमी है लिंक रोड की लंबाई - 6 लेन का है लिंक रोड - 5 लाख की आबादी को मिली राहत - 50 हजार वाहन रोजना दौड़ रहे - दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने समतामलूक से खुर्रमनगर जाने वाले लिंक रोड का किया रियलिटी चेक - अधिकारियों की लापरवाही की दास्तां बयां कर रहा पुल - 5 किमी के इस पुल पर 6 चौराहे हैं जो डवलप नहीं हैंLUCKNOW (6 July): ट्रांसगोमती के लोगों की राहत के लिए चार माह पहले आधी-अधूरी तैयारी के बीच शुरू हुआ कुकरैल पुल आज भी अधिकारियों की लापरवाही का दास्तां बयां कर रहा है। तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सात मार्च को गोमतीनगर के समतामूलक चौराहे से खुरर्मनगर के बीच बने लिंक रोड (कुकरैल पुल) का लोकार्पण कर उसे लखनवाइट्स के हवाले कर दिया था। अधिकारियों ने लोकार्पण के समय 6 किलोमीटर के इस पुल की खामियों को 15 दिन में दुरुस्त करने की बात कही थी, लेकिन चार माह बाद भी खामियों दूर नहीं हो सकीं। इसका शनिवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक किया। रियलिटी चेक के दौरान जो खामियां सामने आई वे इस प्रकार हैं
कदम-दर-कदम मिली खामियांरियलिटी चेक के दौरान दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम गोमती बैराज से आगे बढ़ी तो नगर निगम के आरआर विभाग के पास पहला चौराहा मिला, जहां ईट से घेर कर चौराहा बना दिया गया। यहां न तो कोई डिस्प्ले बोर्ड था और न ही चौराहा नजर आ रहा था जबकि इस चौराहे से एक रोड पेपर मिल कॉलोनी जाती है और दूसरी फन मॉल की तरह। इसके बाद कुकरैल बंधे पर ओवर ब्रिज था, जहां वापसी के लिए फैजाबाद जाने वाली रोड के लिए और एक लिंक रोड बना है। हालांकि ओवर ब्रिज से उतरते फिर चौराहा है, लेकिन न तो चौराहा बना मिला और न ही डिस्प्ले बोर्ड लगा था। आगे बढ़ने पर तीसरा चौराहा मिला। इस चौराहे से एक रोड महानगर की तरफ तो दूसरी रोड इंदिरानगर कंवेंशन सेंटर की तरह जाती है। इस चौराहे को भी केवल ईट से घेर दिया दिया। यहां भी वैसी स्थिति थी। चौथा चौराहा सीधे सीतापुर हाईवे पर निकला है, जहां न तो स्पीड डिस्प्ले बोर्ड लगा है और न ही कोई वैरीकेडिंग की गई है, जिससे वाहनों की रफ्तार को काबू किया जा सके और हादसे को रोका जा सके।
अवैध रूप से बना दिये 11 कटटीम खुर्रमनगर से समतामूलक की तरह वापसी में बढ़ी तो सुविधा कम खामियां ज्यादा नजर आई। पांच किमी में करीब 11 कट बनाए गए है। यहीं नहीं लिंक रिंग रोड के किनारे रहने वाले लोगों ने भी अपनी सुविधा के अनुसार आधा दर्जन से ज्यादा अवैध रूप से कट बना लिए, जोहादसे का दावत दे रहे हैं। कुकरैल बंधे से एक लिंक रोड फैजाबाद रोड जाने के लिए भी दी गई है। इस लिंक रोड को ट्रैफिक के अनुसार डिवाइड नहीं किया गया, जिससे शाम के समय भीषण जाम की स्थिति बन जाती है और लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। यहां न तो ट्रैफिक कंट्रोलर और न ही पुलिस की कोई ड्यूटी लगती है।
6 चौराहे बनाए पर अब तक बदहाल समतामूलक से शुरू होने वाले पांच किमी के कुकरैल पुल पर करीब छह चौराहे बनाए गए, लेकिन आज तक ये चौराहे डेवलप नहीं किये जा सके। वहीं इस रूट पर अवैध रूप से 11 कट बनाए दिये गये, जो राहगीरों के लिए हादसे का सबब बन हुए हैं। इसके साथ ही रोड किनारे अवैध कब्जे भी लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। करीब पांच लाख आबादी को राहतकुकरैल पुल के साथ रिंग रोड तक बंधे पर डबल लेन रोड बनने से करीब पांच लाख की आबादी को फायदा मिल रहा है।
- गोमतीनगर से आने वाले निशातगंज या पॉलीटेक्निक चौराहा होकर रिंग रोड पर जाने के बजाए सीधे जा रहे हैं। - कुकरैल पुल से उतरकर अगले चौराहे से इंदिरानगर सेक्टर ए व लिबर्टी कॉलोनी - पीएससी मुख्यालय के बगल से होकर डंडइया, महानगर और फैजाबाद रोड की तरफ जाते हैं - लवकुशनगर मोड़ से बंधे की डबल लेन को लिंक किया जा रहा - लवकुशनगर व इंदिरानगर के लोग यहां से बंधा रोड पर आकर रिंग रोड या गोमतीनगर जा सकेंगे ट्रैफिक का बढ़ा दबाव, व्यवस्था नहीं कुकरैल पुल और बंधा रोड चालू होने से शहर में कई प्वाइंट्स पर ट्रैफिक का दबाव कम हो गया। लोग कुर्सी रोड, गुडंबा, इंदिरानगर और विकासनगर से रिंग रोड होते हुए बंधा रोड से मुड़कर हजरतगंज और गोमतीनगर आसान से पहुंच रहे हैं। इससे मुंशीपुलिया और पॉलीटेक्निक चौराहे पर ट्रैफिक का दबाव कम हो गया। इसके अलावा निशातगंज और महानगर इलाके को भी ट्रैफिक से राहत मिली है। समतामूलक पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। यह खामियां हो दूर तो बने बात- कुकरैल पुल की दूरी करीब पांच किमी है, जिस पर 6 चौराहे बनाए गए है, लेकिन इन चौराहों को डेवलप नहीं किया गया।
- रोड किनारे वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। स्थानीय लोगों ने लिंक रिंग रोड को अस्थाई स्टैंड बना दिया है, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। - कई चौराहे और लिंक रोड बनाने के बाद भी ट्रैफिक के न तो कोई संकेतक चिन्ह लगाए गए और न ही डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए - छोटे बड़े करीब 6 चौराहे बनाए गए है लेकिन चौराहों पर पक्का नहीं किया गया। ईट से घेर दिया गया। जिसके चलते भी हादसे हो रहे है। - लिंक रिंग रोड पर 11 कट के अलावा लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार आधा दर्जन कट और बना दिए हैं, जिससे मवेशी रोड पर आ जाते हैं और हादसे का कारण बन रहे है।