लोगों के घरों में पिटबुल रॉट विलर जर्मन शेफर्ड हस्की डाबरमैन बुलमास्टिफ बॉक्सर जैसे खूंखार नस्ल के डॉग्स पल रहे हैैं। हाल में ही पिटबुल द्वारा अपनी ही मालकिन की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद नगर निगम ने पिटबुल को अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन करीब 15 दिन बाद उसे वापस मालिक को ही सौंप दिया गया था।


लखनऊ (ब्यूरो)। आप बस नगर निगम से डॉग लाइसेंस ले लीजिए, फिर अपने घर में कोई भी खूंखार डॉग पाल सकते हैैं। आपको कोई भी रोकने टोकने नहीं आएगा। दरअसल में, इसकी वजह यह है कि घरों में खूंखार डॉग पालने को लेकर रोक संबंधी कोई पॉलिसी नहीं है। जिसकी वजह से लोगों की ओर से आसानी से खूंखार डॉग पाले जाते हैैं, जो उनके साथ दूसरों के लिए मुसीबत का सबब बनते हैैं।सिर्फ लाइसेंस बनवाना जरूरीअगर आपको अपने घर में खूंखार नस्ल का डॉग पालना है तो आपको बस नगर निगम से डॉग लाइसेंस लेना होगा। नगर निगम की ओर से खूंखार डॉग्स पालने को लेकर सख्ती बरती जाती है, इस वजह से डॉग मालिकों की ओर से नगर निगम से लाइसेंस बनवा लिए जाते हैैं। वर्तमान में खूंखार डॉग्स से जुड़े 900 से अधिक लाइसेंस बने हुए हैैं।पिटबुल जैसे खतरनाक डॉग्स पल रहे


लोगों के घरों में पिटबुल, रॉट विलर, जर्मन शेफर्ड, हस्की, डाबरमैन, बुलमास्टिफ, बॉक्सर जैसे खूंखार नस्ल के डॉग्स पल रहे हैैं। हाल में ही पिटबुल द्वारा अपनी ही मालकिन की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद नगर निगम ने पिटबुल को अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन करीब 15 दिन बाद उसे वापस मालिक को ही सौंप दिया गया था। वहीं कृष्णानगर एरिया में भी खूंखार डॉग ने एक युवक के प्राइवेट पार्ट में काट लिया था। जिसके बाद उसे दो दिन तक अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था। अस्पताल से आने के बाद उसने डॉग मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। नगर निगम ने उसके डॉग को भी जब्त कर लिया है।कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहींघरों में खूंखार नस्ल के डॉग पल रहे हैैं या सामान्य ब्रीड के, ये देखने के लिए कोई भी मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं है। जिसकी वजह से लोग इसका फायदा उठाते हैैं और घरों में खूंखार नस्ल के डॉग पालते हैैं। शहर के पॉश एरियाज में स्थित घरों में खूंखार डॉग आसानी से देखे जा सकते हैैं। डॉग मालिकों की ओर से घर के गेट पर तो कुत्ते से सावधान संबंधी बोर्ड तो लगा दिया जाता है लेकिन डॉग की कोई ट्रेनिंग तक नहीं कराई जाती है। निगम कर चुका है अपील

नगर निगम की ओर से कई बार लोगों से अपील तक की गई है कि घरों में खूंखार डॉग्स पालने से बचें। अगर वे खूंखार डॉग पालते हैैं तो उनकी ट्रेनिंग जरूर कराएं। जिससे डॉग्स को कंट्रोल में रखा जा सके। इस अपील के बावजूद लोगों की ओर से ट्रेनिंग को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता है। वहीं नगर निगम की ओर से भी जुर्माना संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

Posted By: Inextlive