डीसीपी पर दर्ज नहीं होगा हत्या का मुकदमा
LUCKNOW: बहुचर्चित अजीत हत्याकांड के मुख्य आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर की पुलिस कस्टडी के दौरान एनकाउंटर में हुई मौत के मामले में कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को राहत बड़ी राहत दी है। कोर्ट डीसीपी संजीव सुमन व इंस्पेक्टर चंद्रशेखर सिंह समेत कई पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने पर रोक लगा दी है। मामले में पूर्व में कोर्ट ने कथित मुठभेड़ में शामिल रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, जिस पर राज्य सरकार की तरफ से एएजी विनोद शाही ने एजीएम कोर्ट में पुलिस का पक्ष रखा, जिसे सुनकर सीजेएम ने मुकदमा दर्ज करने पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया।
पहले दिया था यह आदेश25 फरवरी को कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा था कि किसी एक घटना में मात्र एक पक्ष की ओर से ही मुकदमा दर्ज कराए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। घटना के दूसरे पक्ष को, जो खुद को घटना या दर्ज मुकदमे से पीडि़त मानता है, उसे भी अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है। सीजेएम ने कथित एनकाउंटर के मामले में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश इंस्पेक्टर हजरतगंज को दिया था। इतना ही नहीं एफआईआर की प्रति सात दिन में अदालत में प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया था।