नए कनेक्शन से लेकर मीटर बदलने में देरी तो प्रतिदिन मुआवजा
- हर व्यवधान-समस्या पर समय से उपभोक्ता सेवा न देने पर उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा
LUCKNOW:अब किसी उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन देने या खराब मीटर बदलने के लिए इंतजार कराया जाता है तो उसे डेली के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। इसकी वजह यह है कि आयोग द्वारा कानून स्टैंडर्ड ऑफ परफार्मेस रेगुलेशन 2019 की सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद मुआवजा संबंधी कानून प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह से मिलकर उपभोक्ताओं की तरफ से धन्यवाद दिया। इन बिंदुओं पर मुआवजाउप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं जैसे ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटाना या बढ़ाना आदि पर मुआवजा संबंधी कदम उठाया है। मुआवजा राशि बिजली दरों में शामिल नहीं होगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहाकि यह प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की बड़ी जीत है।
बाक्स 60 दिन में मुआवजापरिषद अध्यक्ष ने कहा कि नियम में यह भी व्यवस्था है कि उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिले। आयोग द्वारा जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवाट का उपभोक्ता यदि माह में 100 प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज देता है तो उसका पूरे साल का फिक्स चार्ज 1200 रु। हुआ तो उसे अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 360 रु। का मुआवजा मिलेगा।
यह होगी मुआवजे की दर समस्या-मुआवजे की रकम (रुपये में) -- कॉल सेंटर की प्रतिक्रिया पर -- - कॉल सेंटर द्वारा प्राथमिक रिस्पॉन्स न देने पर: 50 प्रतिदिन - कॉल रजिस्टर न करने व शिकायत नंबर न देने पर: 50 प्रतिदिन -- निर्धारित से कम आपूर्ति पर -- - श्रेणी एक के शहरों में: 20 प्रति किलोवाट प्रति घंटे - शहरी क्षेत्रों में: 20 प्रति किलोवाट प्रति घंटे - ग्रामीण क्षेत्रों में: 10 प्रति किलोवाट प्रतिघंटे - बिजली बहाल करने में - सामान्य फ्यूज उड़ने पर: 50 प्रतिदिन - ओवरहेड लाइन पर: 100 प्रतिदिन - भूमिगत केबिल पर: 100 प्रतिदिन - ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर: 150 प्रतिदिन -- बड़े व्यवधान पर -- - ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या: 50 प्रतिदिन- वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत: 100 प्रतिदिन
- वोल्टेज के लिए उपकेंद्र की जरूरत: 250 प्रतिदिन - छह फीसद कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर: 50 प्रतिदिन - नौ फीसद कम व छह फीसद ज्यादा हाईवोल्टेज पर: 50 प्रतिदिन - 12.5 फीसद कम और 10 फीसद ज्यादा ईएचवी पर: 50 प्रतिदिन -- घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए -- - बिजली खंभों वाले घरेलू कनेक्शन के लिए: 50 प्रतिदिन - ऐसे घरेलू कनेक्शन जहां खंभों की भी जरूरत हो: 50 प्रतिदिन --- हाईटेंशन कनेक्शन के लिए--- - 400 वोल्ट के लिए: 50 प्रतिदिन - 11 केवी के लिए: 50 प्रतिदिन - 33 केवी के लिए: 50 प्रतिदिन - 132 केवी के लिए: 50 प्रतिदिन -- अविद्युतीकृत क्षेत्रों के लिए -- - जहां लाइन बढ़ सकती हो: 50 प्रतिदिन - जहां नए काम की जरूरत हो: 50 प्रतिदिन - दूरदराज के उपभोक्ता के लिए: 50 प्रतिदिन - जहां मौजूदा तंत्र पर्यापत हो : 100 प्रतिदिन - जहां नई लाइन बनानी हो: 250 प्रतिदिन - जहां उपकेंद्र बनाना हो: 500 प्रतिदिन - अस्थायी कनेक्शन पर: 100 प्रतिदिन - कनेक्शन का टाइटिल ट्रांसफर: 50 प्रतिदिन- कनेक्शन के श्रेणी परिवर्तन पर: 50 प्रतिदिन
- स्थायी विच्छेदन पर: 50 प्रतिदिन - सिक्योरिटी के रिफंड पर: 50 प्रतिदिन - अदेयता प्रमाण पत्र पर: 50 प्रतिदिन - रिकनेक्शन के लिए: 50 प्रतिदिन -- बिल संबंधी --- - बिल संबंधी शिकायत पर: 50 प्रतिदिन - लोड घटाने-बढ़ाने पर: 50 प्रतिदिन - कनेक्शन खत्म कराने पर: 50 प्रतिदिन - काल्पनिक बकाया बढ़ाने पर: 100 प्रतिचक्र - मीटर संबंधी - - उसी परिसर में शिफ्टिंग पर: 50 प्रतिदिन - मीटर रीडिंग पर: 200 प्रतिदिन - खराब मीटर बदलने पर: 50 प्रतिदिन - जला मीटर बदलने पर: 50 प्रतिदिन