- स्ट्रायड, एंटीबायोटिक्स और इंजेक्शन की काफी रही डिमांड

LUCKNOW: कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच अप्रैल माह में सामान्य दवाओं की खपत में 40 फीसद तक की गिरावट आई है। इन दिनों अधिकतर कोरोना की दवाओं की ही डिमांड बनी हुई है। वहीं इम्युनिटी बढ़ाने की दवाओं की भी काफी सेल हो रही है। इन दवाओं की सेल 200 फीसद तक बढ़ गई है। वहीं शुगर चेक करने वाली स्ट्रिप की भी डिमांड में कमी आई है।

स्टोर कर रहे लोग

अप्रैल माह में सर्वाधिक मांग रेमडेसिवर और टोकलीजोमैप इंजेक्शन की रही। से दोनो इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों को दिए जाते हैं। कई लोगों ने इन्हें खरीदकर स्टॉक में भी रख लिया है और बहुत से लोग तो इनकी कालाबाजारी भी कर रहे हैं। इनके 100 एमएल बायल की कीमत 4700 रुपए है जबकि कालाबाजारी करने वाले इसे 20 हजार रुपए तक या इससे भी अधिक कीमत में बेच रहे हैं।

एंटी बायोटिक की रही मांग

एंटीबायोटिक्स में ओरल और इंजेक्शन दोनों की अप्रैल में काफी डिमांड रही। इसके साथ ही मेडराल स्ट्राइड की भी गोली और इंजेक्शन भी काफी बिके। स्ट्राइड का काम है कि जो बीमारी जहां है उसे वहीं पर रोक देना। हालांकि इसे डॉक्टर क्रिटिकल कंडीशन में ही लेने की सलाह देते हैं लेकिन महामारी के दौरान भयभीत लोग दवाओं के साइड इफेक्ट की चिंता किए बगैर इन दवाओं को ले रहे हैं।

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इनकी भी है काफी डिमांड

- बीपी मॉनीटरिंग मशीन

- नेबुलाइजर

- ऑक्सीमीटर

- डिजिटल थर्मामीटर

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इन दवाओं की डिमांड

- रेमडेसिवर

- टोकलीजोमैप इंजेक्शन

- विटामिन सी

- जिंक की टैबलेट

- पैरासिटामॉल

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फाइजर की मेडराल रही नंबर वन

स्ट्राइड में फाइजर कंपनी की मेडराल की इतनी डिमांड है कि बाजार में इसकी कमी हो गई है। वहीं जनरल मेडिसिन की डिमांड काफी कम हो गई है।

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सितंबर के बाद रुक गई थी डिमांड

सितंबर 2020 तक दवाओं की मांग काफी रही इसके बाद लोग कोरोना को लेकर लापरवाह होते गए। दवाओं की मांग भी कम हो गई। सितंबर से इस वर्ष फरवरी तक दवाओं की मांग न के बराबर रही जो मार्च से फिर बढ़ गई।

कोट

दवा विक्रेता कोरोना संक्रमण से खुद को बचाते हुए इस मुश्किल वक्त में लोगों की सेवा में लगे हैं। अप्रैल माह में दवाओं की बिक्री तो काफी हुई है लेकिन जनरल मेडिसिन की खपत में कमी आई है।

विनय शुक्ल, अध्यक्ष, दवा विक्रेता वेलफेयर समिति, लखनऊ

Posted By: Inextlive