पहले के मुकाबले मच्छरदानी की डिमांड में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। पहली बार नवंबर माह में भी इसकी भारी डिमांड देख रहा हूं। सितंबर के बाद इसका मार्केट खत्म हो जाता है। पर डेंगू चिकनगुनिया और बुखार के डर के चलते लोग बड़ी संख्या में मच्छरदानी खरीद रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में इन दिनों वायरल बुखार के अलावा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया काफी फैला हुआ है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं। वहीं, सर्दी शुरू होने के बावजूद मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। ऐसे में बचाव के लिए मच्छरदानी से लेकर बुखार की दवा पेरासिटामोल तक की डिमांड में जबरदस्त उछाल आया है। कारोबारियों का कहना है कि मच्छरदानियों की इतनी डिमांड नवंबर माह में पहली बार देखने को मिल रही है। इसमें करीब 10 गुना तक का उछाल आया है, जबकि पेरासिटामोल की मांग भी 40 फीसदी तक बढ़ गई है। हालांकि, मार्केट में दवा की कोई कमी नहीं है।10 गुना तक बड़ी डिमांड
मच्छरदानी कारोबारी संजय कपूर के मुताबिक, पहले के मुकाबले मच्छरदानी की डिमांड में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। पहली बार नवंबर माह में भी इसकी भारी डिमांड देख रहा हूं। सितंबर के बाद इसका मार्केट खत्म हो जाता है। पर डेंगू, चिकनगुनिया और बुखार के डर के चलते लोग बड़ी संख्या में मच्छरदानी खरीद रहे हैं। करीब 10 गुना तक डिमांड में उछाल आया है। दरअसल, यह पैनिक खरीदारी हो रही है। मार्केट में मच्छरदानी 200 रुपये से लेकर 800 रुपये तक की मिल रही है। हम लोग खुद ही इसे तैयार करते हैं, जबकि फोल्डिंग मच्छरदानियां बाहर से आती हैं, जो 600-900 रुपये तक की मिलती हैं। मच्छरदानी प्लेन और प्रिंटेड, दोनों में मिल रही है। जो नाइलॉन या पॉलिएस्टर की बनी होती है। हालांकि, इनके दामों में भी 10-15 फीसदी का उछाल आया है।40 फीसद तक बढ़ी डिमांडवहीं, बुखार के बढ़ते मामलों के चलते पेरासिटामोल की भी डिमांड बढ़ गई है, क्योंकि बुखार में दी जाने वाली यह सबसे कॉमन दवा होती है। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन रिटेल के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक, पेरासिटामोल की डिमांड इधर दो माह से काफी बढ़ गई है। इसकी डिमांड करीब 35-40 फीसदी तक बढ़ गई है। हालांकि, मार्केट में दवा की कोई कमी नहीं है। सभी के पास पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है।

Posted By: Inextlive