नगर निगम के पास रोड कटिंग को लेकर कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं है। इसकी वजह से धड़ल्ले से रोड कटिंग की जाती है जिसकी वजह से विभाग को राजस्व संबंधी नुकसान होता है। चूंकि अब स्मार्ट रोड्स बनाई जा रही हैं और इस प्रोजेक्ट में भी एक दो प्वाइंट्स पर रोड कटिंग की बात सामने आई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। विस्तारित एरियाज में रहने वाले लोगों के साथ-साथ राजधानी के अन्य एरियाज में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। एक तरफ जहां अब बिना परमीशन के रोड कटिंग का कार्य नहीं कराया जा सकेगा, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में जुड़े विस्तारित एरियाज में भी डेवलपमेंट संबंधी कार्य के लिए सर्वे शुरू कराया जाएगा।बिना परमीशन रोड कटिंग नहीं


दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एबीडी एरिया (कैसरबाग) में बिना परमीशन रोड कटिंग कराई गई थी। इसके साथ ही शहर के कई अन्य इलाकों में भी नगर निगम से बिना परमीशन लिए रोड कटिंग के मामले सामने आ चुके हैैं। किसी भी विभाग या प्राइवेट कंपनियों की ओर से रोड कटिंग तो करा ली जाती है, लेकिन उसके बाद नियमानुसार न तो उसका शुल्क नगर निगम में जमा कराया जाता है न ही रोड को दोबारा प्रॉपर मेनटेन कराया जाता है। समय से रोड का मेंटीनेंस न होने की वजह से जनता को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है साथ ही हादसे होने का भी डर बना रहता है।कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं

नगर निगम के पास रोड कटिंग को लेकर कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं है। इसकी वजह से धड़ल्ले से रोड कटिंग की जाती है, जिसकी वजह से विभाग को राजस्व संबंधी नुकसान होता है। चूंकि अब स्मार्ट रोड्स बनाई जा रही हैं और इस प्रोजेक्ट में भी एक दो प्वाइंट्स पर रोड कटिंग की बात सामने आई है। नगर निगम व जिला प्रशासन की ओर से लिए गए निर्णय से साफ है कि अब बिना परमीशन किसी भी हाल में रोड कटिंग नहीं कराई जाएगी। इसके साथ ही रोड कटिंग को लेकर मॉनीटरिंग सिस्टम भी डेवलप किया जाएगा, जिससे नई रोड्स को जख्मी होने से रोका जा सके।पार्षद भी करते हैं शिकायतअक्सर वार्ड पार्षदों की ओर से भी रोड कटिंग को लेकर शिकायत दर्ज कराई जाती है। पिछले शहर सरकार के कार्यकाल की बात करें तो इस्माईलगंज सेकंड वार्ड, आलमबाग समेत कई अन्य वार्डों से रोड कटिंग की शिकायत की गई थी। जिसके बाद रोड कटिंग कराने वालों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनसे जुर्माना भी वसूला गया था। अब इस शहर सरकार में ऐसी शिकायतों की संख्या कम रहे, इसको लेकर अभी से ही रणनीति बनाई जा रही है।कई सुविधाएं मिलेंगी

नगर निगम की सीमा में शामिल हुए 88 गांवों में अभी जनसुविधाओं का अभाव है। जिसकी वजह से विस्तारित एरियाज में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विस्तारित एरियाज में न तो सीवरेज सिस्टम है न ही पेयजल लाइन। इसके साथ ही डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन सुविधा का भी अभाव है। कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट लगवाए जाने की जरूरत है।कराया जाएगा सर्वेशहर सरकार की ओर से लिए गए निर्णय से साफ है कि अब सभी विस्तारित एरियाज में विकास कार्यों के लिए सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए टीमें गठित की जा रही हैैं। सर्वे के पहले हिस्से में उन सुविधाओं पर फोकस किया जाएगा, जिन्हें तत्काल शुरू किया जा सकता है। इसके बाद बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे सीवरेज और पेयजल लाइन पर फोकस किया जाएगा क्योंकि बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए शासन की ओर से धनराशि स्वीकृत की जाएगी। नगर निगम की ओर से सर्वे की पहली रिपोर्ट के आधार पर स्ट्रीट लाइट, सफाई, रोड पर काबिज गड्ढों की पैचिंग, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन पर फोकस किया जाएगा। इसके साथ ही जलनिकासी के लिए अस्थाई इंतजाम किए जाएंगे। जिससे जनता को जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े।पब्लिक फीडबैक पर फोकस
विस्तारित एरियाज में पब्लिक फीडबैक पर भी फोकस किया जाएगा। पब्लिक से जानकारी जुटाई जाएगी कि वर्तमान में समस्याएं क्या हैैं और किन सुविधाओं को वो प्राथमिक रूप से चाहते हैैं। इसके आधार पर भी विस्तारित एरियाज में कदम उठाए जाएंगे। अब कार्यकारिणी का गठन हो चुका है, ऐसे में जल्द ही सामान्य सदन होगा। जिसमें विस्तारित एरियाज से जीतकर आए पार्षदों की ओर से उनके वार्ड में व्याप्त समस्याओं को उठाया जाएगा और प्रयास किया जाएगा कि उक्त समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। जिससे उनके वार्ड की जनता को राहत मिल सके।

Posted By: Inextlive