इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रार्थना सभा कराई गई। क्लासेस संचालित करने के लिए सेंटीनियल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल को मुख्य भवन के बीच कुछ पुराने कमरे दिए गए हैं। इन कमरों को पहले स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। शुक्रवार सुबह सेंटीनियल इंटर कॉलेज के बाहर जमकर हंगामा हुआ। जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जा करके बैठे लोग शिक्षकों और स्टूडेंट्स को प्रवेश देने को तैयार नहीं थे। प्रिंसिपल डेविड दयाल अपने कुछ बच्चों के साथ अंदर चले गए थे लेकिन बाकियों को प्रवेश नहीं मिला। इस दौरान मेथोडिस्ट चर्च स्कूल के शिक्षकों और सेंटीनियल हायर सेकेंड्री स्कूल के प्रिंसिपल के बीच जमकर नोकझोक हुई। सूचना पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार खुद पहुंच गए। उन्होंने स्कूल को कब्जा मुक्त कराते हुए उसे चेयरमैन को हैंडओवर कराया। मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक मौजूद रहे। हंगामे और विवाद के बाद स्टूडेंट्स को अपने स्कूल में प्रवेश मिल पाया।प्रार्थना के बाद शुरू हुआ स्कूल


इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रार्थना सभा कराई गई। क्लासेस संचालित करने के लिए सेंटीनियल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल को मुख्य भवन के बीच कुछ पुराने कमरे दिए गए हैं। इन कमरों को पहले स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। सुबह जब इन कमरों को खोला गया तो वहां गंदगी देख अधिकारी भड़क उठे। उन्होंने निजी स्कूल के संचालकों को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद बच्चों को मुख्य भवन की कक्षाओं में बैठाया गया। इन सबके बीच सुबह करीब 9:30 बजे जिलाधिकारी भी स्कूल की जांच करने पहुंचे।स्कूल को कब्जे से मुक्त करायाडीएम ने अपनी निगरानी में स्कूल को शिक्षा माफिया से मुक्त कराया। उन्होंने फर्जी तरीके से मान्यता लेकर संचालित हो रहे मेथोडिस्ट चर्च स्कूल से जुड़े सभी साइन बोर्ड, लोगो व दूसरी चीजों को स्कूल की दीवारों से उतरवाकर बाहर निकलवा दिया। इसके अलावा गलत तरीके से स्कूल के फंड का प्रयोग कर खरीदे गए फर्नीचर, स्मार्ट क्लास रूम का सामान व दूसरी चीजों को सेंटीनियल स्कूल के प्रिंसिपल को हैंडओवर कर इनका प्रयोग बच्चों को शिक्षा देने में करने का निर्देश दिया।कईयों के खिलाफ हुई एफआईआरडीएम ने मेथोडिस्ट चर्च स्कूल का संचालन करने वालों को बुलाया पर वे नहीं आए। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि स्कूल पर अनाधिकृत तौर से कब्जा करने वाले 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही इन लोगों के विरुद्ध गैंगेस्टर के तहत भी मुकदमा दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाएगी। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने भी इस मामले में विभाग को गुमराह करने वाले बीईओ शिवनंदन और अक्षय रिसाल सिंह के खिलाफ गलत जानकारी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के लिए कैसरबाग कोतवाली में तहरीर दी है।

इन स्कूलों के ताले भी तोड़े गएमौके पर सेंटीनियल स्कूल के चेयरमैन द्वारा जिलाधिकारी को बताया गया कि इसके अलावा इस सोसाइटी के 2 अन्य स्कूलों पर भी अनाधिकृत कब्जा किया गया है। जिसके बाद जिलाधिकारी फौरन क्रिश्चियन ट्रेनिंग स्कूल और गोलागंज स्थित क्रिश्चियन डिग्री कालेज पहुंचे। दोनों विद्यालयों में प्रधानाचार्य के कमरों में ताला लगा पाया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा बताया गया कि अभियुक्तों द्वारा कमरों में ताला डाल कर कब्जा किया गया है। जिसके लिए निर्देश दिया कि तत्काल मजिस्ट्रेट की उपस्तिथि में वीडियोग्राफी कराते हुए कमरों का ताला तोड़ते हुए विद्यालय को वापस अपने कब्जे में लिया जाए।बिना आईकार्ड के नहीं होगा प्रवेशजिलाधिकारी ने बताया कि उक्त तीनों विद्यालयों में पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया गया है। सेंटीनियल हायर सेकेंड्री स्कूल में पीएसी की टुकड़ी भी तैनात करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि तीनों स्कूलों में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश को पूर्णता प्रतिबंधित किया जाए। विद्यालय प्रबंधन के द्वारा सभी स्टूडेंट्स व स्टाफ को आईकार्ड जारी किए जाएं। बिना आईकार्ड के किसी को विद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।फर्जी स्कूल के स्टूडेंट्स का समायोजन

जिलाधिकारी ने बताया कि कल से इस फर्जी स्कूल में बच्चे नहीं आएंगे। जिन बच्चों के एडमिशन यहां हुए थे, उनके अभिभावकों को बुला कर बैठक की जाएगी। अभिभावकों द्वारा बताया गया कि मेथोडिस्ट चर्च स्कूल द्वारा सीबीएसई बोर्ड के बच्चों के एडमिशन किये गए थे पर स्कूल की मान्यता यूपी बोर्ड की ही है। स्कूल द्वारा लोगों से फ्राड करके एडमिशन किये गए हैं, जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा अभिभावकों से अनुरोध किया गया कि वह फ्राड के संबंध में मेथोडिस्ट चर्च स्कूल के विरुद्ध तहरीर थाना अध्यक्ष कैसरबाग को उपलब्ध करा दें।अब इन स्कूलों में पढ़ेंगे बच्चे
मेथोडिस्ट चर्च स्कूल में अध्यनरत बच्चों को क्रिश्चियन स्कूल, कैथेड्रल स्कूल, एमा थॉमसन स्कूल व सेंट फ्रांसिस स्कूल के पदाधिकारियों को बुलाकर उक्त 59 प्री-प्राईमरी, 44 कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों व 18 कक्षा 6 से 8 तक बच्चों समेत कुल 121 बच्चों का एडमिशन कराया गया। डीएम ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पडऩे पाए। सभी बच्चों के एडमिशन अभिभावकों द्वारा बताए गए स्कूलों में कराए जा रहे हैं। जिन अभिभावकों के द्वारा पूरे सेशन की फीस जमा की गई थी उनसे अगले सेशन में ही फीस ली जाएगी। उनको फिर से फीस नहीं जमा करनी होगी। उन्होंने बताया कि जिन अभिभावकों ने जिस माह तक कि फीस जमा की होगी, उनको उन माह की फीस नहीं जमा करनी होगी।किस अधिकारी के कहने पर मिली मान्यता?लखनऊ के गोलागंज में जिस स्कूल की बिल्डिंग को लेकर विवाद चल रहा हैं वहां बीते 139 वर्षों से सेंटीनियल स्कूल का संचालन किया जा रहा था। यह सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल है। रातोंरात इसको खत्म कर यहां निजी स्कूल को मान्यता दे दी गई। अब जांच इस बात की हो रही है कि यह मान्यता किसके कहने पर दी गई है। जानकारों की मानें तो, इस पूरे प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग के मंडल स्तरीय एक अधिकारी का नाम सामने आया है। इस अधिकारी के आदेश पर ही नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आंख बंद करके इस निजी स्कूल को चलाने की अनुमति दी थी। फिलहाल, विभाग की तरफ से निजी स्कूल की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने इस स्कूल के प्रबंधन को पत्र भेजकर एक सप्ताह के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

Posted By: Inextlive