आखिरकार पुलिस को डॉ. वाईए सचान की मौत के मामले में पांचवें दिन रविवार को हत्या की रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी.


चार दिन की कवायद के बाद उनकी पत्‌नी की तहरीर पर रविवार को गोसाईगंज पुलिस ने डॉ। सचान की जेल में साजिशन हत्या किए जाने का मुकदमा अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज किया। उधर, डीआइजी डीके ठाकुर का कहना है कि न्यायिक जांच पूरी होने के बाद ही पुलिस विवेचना शुरू करेगी। मुकदमा दर्ज किए जाने के संबंध में एसओ इसकी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंप देंगे। जिला जेल में 22 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में डिप्टी सीएमओ डॉ। वाईएस सचान की मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने घटना के बाद देर रात शौचालय में उनका शव मिलने की सूचना गोसाईगंज थाने को दी थी। लिहाजा पुलिस ने डॉ। सचान का शव मिलने की सूचना दर्ज कर ली थी, लेकिन तहरीर न मिलने की वजह से किसी धारा में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।
हालांकि उसी दिन कारागार महानिरीक्षक वीके गुप्ता ने दावा किया था कि डॉ। सचान ने खुदकुशी की है। अगले दिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉ। सचान के शरीर पर चोट के नौ निशान मिलने के बाद जेल प्रशासन के खुदकुशी के दावों पर सवाल खड़े हो गए, लेकिन थाने में न तो खुदकुशी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई और न ही हत्या किए जाने की। एसओ गोसाईगंज संजय पांडे ने बताया कि रविवार को डॉ। सचान की पत्‌नी डॉ। मालती द्वारा स्पीड पोस्ट से भेजी गई तहरीर उन्हें मिली।दोपहर दो बजकर दस मिनट पर तहरीर के आधार पर उन्होंने इस मामले में आइपीसी की धारा 302 और 120बी के तहत अज्ञात लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर लिया है। डॉ। मालती ने पुलिस को भेजी तहरीर में कहा है कि दोनों सीएमओ की हत्या में प्रशासन एवं सरकार के जिम्मेदार लोगों ने सुनियोजित षडयंत्र रचा। परिवार कल्याण विभाग के करोड़ों रुपये के घोटाले का कुचक्र रचकर उन लोगों ने डॉ। सचान को जेल भिजवा दिया। उनका यह भी कहना है कि डॉ। सचान का नाम केवल वित्तीय अनियमितता में था।


साजिशन दोनों सीएमओ की हत्या में उनका नाम जोड़ दिया गया। 23 जून को कोर्ट में उनकी पेशी थी। सरकार व प्रशासन के लोगों को डर था कि डॉ। सचान कहीं उच्चस्तरीय लोगों का नाम उजागर न कर दें, इसीलिए उन तथ्यों को छिपाने के लिए जेल के भीतर उनके शरीर पर गंभीर चोट पहुंचाकर योजनाबद्ध तरीके से उनकी हत्या कर दी गई। उधर डॉ। सचान के बड़े भाई आरके सचान का कहना है कि घटना के अगले दिन 23 जून उन्होंने डीजीपी समेत सभी पुलिस अधिकारियों को तहरीर स्पीड पोस्ट से भेज दी थी.

Posted By: Inextlive