- आरोपित के कुबूलनामे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गुत्थी उलझी

- पीसीआर पर सोमवार को होगा निर्णय, सवालों के जवाब पूछेगी पुलिस

न्द्दक्त्रन् : आरोपित के हर पहर बदलते बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मर्डर मिस्ट्री बन चुके डॉ। योगिता हत्याकांड में डॉ। विवेक तिवारी सलाखों के पीछे पहुंच गया। उसके जुर्म कुबूलने के बावजूद तमाम ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब की पुलिस को तलाश है। आरोपित को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने शुाक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है, इस पर सोमवार को फैसला होगा।

आरोपी को ले जाना है उरई-कानपुर

कोर्ट में विवेचक सीओ चमन सिंह चावड़ा द्वारा तीन दिन की रिमांड के लिए दिए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि हत्यारोपित से अभी हत्या में इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर, खून से सने कपड़े और डॉ। योगिता का गायब मोबाइल बरामद कराना है। आरोपित को उरई और कानपुर लेकर जाना है। कोर्ट ने सोमवार को हत्यारोपित को तलब किया है। इसके बाद इस पर निर्णय होगा।

इन सवालों ने उलझाया

- डॉ। योगिता के भाई ने मुकदमे में विवेक के अलावा एक अज्ञात कार चालक भी लिखा है, वह कौन है?

- डॉ। विवेक केवल आखिरी मुलाकात करने आया था तो वह पिता की रिवॉल्वर लेकर क्यों आया?

- हत्यारोपित बार-बार बयान क्यों बदल रहा है?

- विवेक ने बताया कि उसने रिवॉल्वर फतेहाबाद टोल प्लाजा के पास फेंकी, काफी तलाश के बाद भी वहां नहीं मिली।

- मंगलवार को योगिता की मकान मालिकन श्वेता के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई थी। वह योगिता के रूटीन की जानकारी मांग रहा था। ट्रू कॉलर पर फीरोजाबाद पार्थ चौधरी शो हो रहा था। वह व्यक्ति कौन है, किसका नंबर था।

- घटना के समय मॉल रोड पर वाहन चल रहे होंगे। ऐसे में रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। किसी को गोली चलने की आवाज भी सुनाई नहीं दी।

- अकेला व्यक्ति क्या कार चलाते समय इस तरह किसी की गर्दन दबा सकता है या गोली मार सकता है। जबकि योगिता भी उससे जूझ रही थी। उसके हाथ में मिले बाल जूझने की गवाही दे रहे हैं।

- डॉ। विवेक पहले से जान लेने की धमकी दे रहा था। ऐसे में उसके बुलाने पर कार में बैठकर योगिता कैसे चली गई?

बार-बार बदलता रहा बयान

बुधवार रात- मैं आगरा नहीं आया था। योगिता से दोस्ती थी। मालूम नहीं उसके साथ क्या हुआ? मैंने नहीं मारा उसको।

गुरुवार सुबह- योगिता को मैंने कार में बैठाया। झगड़ा होने लगा। इतना बढ़ गया कि मैंने पहले उसका गला दबाया फिर चाकू उठाकर उसके सिर में मार दिया।

दोपहर- मैंने योगिता के सिर में रिवाल्वर से गोली मार दी थी। इसके बाद चाकू से भी वार किया। मर गई तो सुनसान स्थान पर फेंककर भाग गया।

शाम- योगिता के सिर में गोली मारकर हत्या की थी। इसके बाद उसे सुनसान स्थान पर फेंक दिया। चाकू से वार नहीं किया। चाकू पास में रखा था, इसलिए बरामद चाकू पर खून लगा दिख रहा है।

रात- पैनल द्वारा किया गए पोस्टमार्टम में योगिता के शरीर से तीन गोली निकलीं। एक गोली सिर, दूसरी दाहिनी ओर कंधे और तीसरे दाहिनी ओर ही सीने पर लगी थी। तीनों गोलियां पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने शव के अंदर से ही रिकवर कर लीं। तीनों गोलियों का साइज डेढ़ सेमी का बताया गया है।

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यह है मामला

सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा में स्त्री एवं प्रसूति विभाग में एमएस कर रहीं डॉ। योगिता गौतम का शव बुधवार सुबह आगरा के बमरौली कटारा क्षेत्र में मिला था। योगिता के भाई डॉ। मो¨हदर ने तहरीर में कानपुर निवासी डॉ। विवेक तिवारी पर शक जाहिर किया। विवेक उरई में स्वास्थ्य अधिकारी है। पुलिस ने बुधवार रात उरई में डॉ। विवेक को हिरासत में ले लिया, कानपुर स्थित उसके आवास से वो कार भी बरामद कर ली जो हत्या में प्रयुक्त हुई थी। गुरुवार को आगरा पुलिस से पूछताछ में डॉ.विवेक ने हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया। बताया था कि कार में तकरार के दौरान उसने योगिता का गला घोट दिया। पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से उसे तीन गोलियां मारी, फिर चाकू से भी वार किए। लाश को बमरौली कटारा क्षेत्र में फेंककर भाग गया था।

Posted By: Inextlive