धूल पर होगी पानी की बौछार, मलबा निस्तारण को 5 टन का प्लांट
- चार दिन के अंदर एक्यूआई लेवर पहुंचा 300 के पार
- लगातार बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को देखते हुए निगम प्रशासन ने तैयारियां शुरू कीं - हर वार्ड में एक कॉम्पैक्टर लगाने की तैयारी, मैकेनिकल स्वीपिंग पर फोकस abhishekmishra@inext.co.in LUCKNOW राजधानी में लगातार बढ़ते एयर पॉल्यूशन के ग्राफ को देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। निगम प्रशासन की ओर से पॉल्यूशन पर वार करने के लिए सात बिंदुओं पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है। जिन्हें जल्द से जल्द इंप्लीमेंट कर दिया जाएगा। नगर आयुक्त की ओर से खुद हर एक बिंदु के क्रियांवयन की मॉनीटरिंग की जाएगी। पेश है अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट। इसलिए पड़ी जरूरतमहज चार दिन के अंदर राजधानी का एक्यूआई लेवल 300 के पार पहुंच चुका है। आने वाले दिनों में एक्यूआई लेवल के और भी अधिक बढ़ने की संभावना है। पिछले साल भी अक्टूबर से लेकर नवंबर तक एक्यूआई लेवल में जमकर उछाल देखने को मिली थी और अधिकतम 484 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर एक्यूआई दर्ज किया गया था। अब इस साल भी यही तस्वीर पलटती नजर आ रही है।
33 अंकों का उछालराजधानी का एक्यूआई लेवल मंगलवार को जहां 295 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया था, वहीं बुधवार को एक्यूआई लेवल 328 रहा, जिससे साफ है कि 24 घंटे के अंदर एक्यूआई लेवल में 33 अंकों की उछाल आई है। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट होगी, उसी रफ्तार से एक्यूआई लेवल में भी उछाल देखने को मिलेगी।
निगम प्रशासन की तैयारियां 1-तीन वाटर स्प्रिंकलर धूल वाले प्वाइंट्स, कंस्ट्रक्शन साइट्स और प्रमुख मार्गो पर वॉटर स्प्रिंकलर की मदद से पानी की बौछार कराई जाएगी। हाईटेक स्प्रिंकलर की मदद से एक समय में एक साथ बड़े स्पेस पर पानी की बौछार कराई जा सकेगी। 3 नए वॉटर स्प्रिंकलर आएंगे 3 हजार ली। एक की क्षमता 6 स्प्रिंकलर पहले से मौजूद 3 से 10 हजार लीटर क्षमता 2-पांच टन का प्लांट शहर में मलबा निस्तारण एक बड़ी समस्या है। इस समस्या को दूर करने के लिए निगम प्रशासन की ओर से प्लांट लगाने की तैयारी है। जिससे आसानी से मलबे का निस्तारण किया जा सके। सरोजनी नगर या बंग्ला बाजार चौराहे के आसपास प्लांट को स्थापित करने की तैयारी है। 110 वार्ड से मलबा कलेक्ट होगा 5 टन के करीब रहेगी प्लांट की क्षमता 3-हर एक वार्ड में कॉम्पैक्टरओपन डंपिंग सेंटर्स की वजह से भी एयर पॉल्यूशन में इजाफा होता है। निगम प्रशासन की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा के दौरान 55 स्थानों पर कॉम्पैक्टर लगाकर ओपन डंपिंग सेंटर्स को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि अभी 110 वार्डो में कॉम्पैक्टर लगाए जाने का लक्ष्य अधूरा है।
76 कॉम्पैक्टर लगे हैं शहर में 55 कॉम्पैक्टर ही चल रहे 110 वार्डो में लगने हैं कॉम्पैक्टर 4-मैकेनिकल स्वीपिंग धूल की समस्या समाप्त करने के लिए एक तरफ जहां निगम प्रशासन की ओर से पानी का छिड़काव कराए जाने की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ मैकेनिकल स्वीपिंग पर भी फोकस किया जा रहा है। इस तरह की स्वीपिंग से धूल लगभग न के बराबर उड़ती है। 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन निगम के पास 3 मैकेनिकल स्वीपिंग नई आनी हैं 5-धनराशि का 50 प्रतिशत निगम प्रशासन की ओर से 15वें वित्त की प्रस्तावित धनराशि का 50 फीसदी हिस्सा एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने में खर्च किया जाएगा। शासन की ओर से जारी होने वाली राशि के आधार पर कार्य और अनुमानित खर्च की रुपरेखा तैयार की जाएगी। 15वें वित्त की धनराशि का इंतजार 50 फीसदी धनराशि पॉल्यूशन कंट्रोल में होगी खर्च 6- बॉयो रेमेडिएशन इस तकनीकी के माध्यम से गोमती में गिरने वाले नालों के पानी को शोधित किया जाएगा। जिससे गोमती में पॉल्यूशन का ग्राफ कम होगा।12 नाले या उनका कुछ हिस्सा गिर रहा गोमती में
15वें वित्त की धनराशि होगी खर्च 7-खुले में कूड़ा जलाने पर रोक निगम प्रशासन की ओर से सभी जोनल अधिकारियों, सफाई निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि खुले में कूड़ा जलाने वालों पर जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सभी वार्डो में नियमित रुप से निरीक्षण किया जाए। 100 रु। मिनिमम जुर्माना 5 हजार रु। अधिकतम जुर्माना 8 जोन में चलेगा चेकिंग अभियान बॉक्स देश में लखनऊ तीसरे नंबर पर राजधानी का एक्यूआई लेवल लगातार बढ़ रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से बुधवार को जारी डेटा से साफ है कि पॉल्यूशन के मामले में राजधानी देश में तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर पानीपत 350 और दूसरे नंबर पर मेरठ 339 है। जबकि लखनऊ का एक्यूआई 328 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा है। शहर एक्यूआई पानीपत 350 मेरठ 339लखनऊ 328
मुजफ्फरनगर 320 बागपत 325 भिवाड़ी 308 फरीदाबाद 302 (एक्यूआई लेवल माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में हैं) वर्जन एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा चुका है। सात बिंदुओं पर तैयार एक्शन प्लान की हर कदम पर मॉनीटरिंग की जाएगी। अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त