वेस्ट कलेक्शन गाड़ियां अपने रूट से न भटकें इसके लिए ज्यादातर गाड़ियों में जीपीएस और फ्यूल सेंसर लगाए गए हैैं लेकिन आलम यह है कि दोनों सिस्टम प्रभावी होने के बाद भी गाड़ियों के रूट में खेल देखने को मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को जोन सात के अंतर्गत आने वाले इस्माईलगंज सेकंड वार्ड में सामने आया है। जहां पूर्व पार्षद ने दूसरे जोन की वेस्ट कलेक्शन गाड़ी को अपने वार्ड में घूमते हुए पकड़ा। इस मामले को लेकर पूर्व पार्षद की ओर से नगर आयुक्त को पत्र दिया गया है।

लखनऊ (ब्यूरो)। पूर्व पार्षद रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके वार्ड-53 में सुबह पांच बजे से ही एक दर्जन वेस्ट कलेक्शन गाड़ियां गोविंद विहार मोहल्ले के आसपास तेज गति से आती हैैं। इनकी चपेट में आने से कई लोग घायल भी हो चुके हैैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन गाड़ियों पर कोई नंबर नहीं पड़ा होता है। जिसकी वजह से इन्हें ट्रेस करना मुश्किल होता है। बुधवार सुबह जब वह मार्निंग वॉक पर जा रहे थे, तो जोन चार से संबंद्ध एक वेस्ट कलेक्शन गाड़ी उन्हें नजर आई। उन्होंने तुरंत गाड़ी रुकवाई और चालक से आने का कारण पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया।
पहले भी मामला आया था सामने
पूर्व पार्षद ने बताया कि एक सप्ताह पहले भी वह स्थानीय लोगों के साथ कई गाड़ियों को रोक चुके हैैं। पूर्व पार्षद ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र के माध्यम से मांग की है कि मामला गंभीर है, ऐसे में निगम प्रशासन की ओर से तुरंत मामले की जांच कराई जानी चाहिए।

इन बिंदुओं पर जांच जरूरी
1-किसकी परमीशन से गाड़ियां दूसरे वार्ड में जा रहीं।
2-दूसरे वार्ड में गाड़ियों के जाने की वजह क्या है।
3-गाड़ियों में नंबर क्यों नहीं होता है।
4-जीपीएस व्यवस्था पर भी प्रश्न।

ये उठाए गए थे कदम
पहले भी वेस्ट कलेक्शन गाड़ियों को लेकर सवाल उठते रहे हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन की ओर से जीपीएस और फ्यूल सेंसर लगाने का काम शुरू किया गया है। जीपीएस और फ्यूल सेंसर को तो कंट्रोल रूम से इंटीग्रेटेड भी किया गया है। ऐसे में गाड़ियां दूसरे वार्डों में कैसे जा रही हैैं।

Posted By: Inextlive