टेढ़ी पुलिया से इंजीनियरिंग कॉलेज तक बनेगा एलिवेटेड फ्लाईओवर
लखनऊ (ब्यूरो)। बस कुछ दिन का इंतजार, फिर पावर हाउस चौराहे पर लगने वाले जाम से हजारों लोगों को राहत मिल सकती है। दरअसल, टेढ़ी पुलिया से इंजीनियरिंग कॉलेज तक एलिवेटेड फ्लाईओवर तैयार किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इस रूट पर एलिवेटेड फ्लाईओवर बनने से जाम की समस्या से तो राहत मिलेगी ही, हादसों के ग्राफ में भी कमी आएगी। पढ़ें अभिषेक मिश्रा की रिपोर्टदो फ्लाईओवर्स होंगे कनेक्टटेढ़ी पुलिया से इंजीनियरिंग कॉलेज तक एलिवेटेड फ्लाईओवर बनने से पावर हाउस चौराहे पर व्हीकल लोड कम होगा साथ ही यह एलिवेटेड फ्लाईओवर दोनों अन्य फ्लाईओवर्स से सीधे कनेक्ट होगा। इसमें एक फ्लाईओवर इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर बना हुआ है, जबकि दूसरा टेढ़ी पुलिया चौराहे पर। दोनों फ्लाईओवर कनेक्ट होने से एक फायदा यह है कि ट्रैफिक बेहद स्मूथ चलेगा।इस तरह समझें
अगर कोई व्यक्ति मुंशी पुलिया से खुर्रमनगर की तरफ जा रहा है, तो वो सेक्टर इंदिरानगर चौराहे पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर चढ़ेगा फिर खुर्रमनगर के आगे उतरेगा। अगर उसे सीतापुर रोड की तरफ जाना होगा तो वो सीधे चला जाएगा, जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज की तरफ जाने वाला व्यक्ति टेढ़ी पुलिया से एलिवेटेड फ्लाईओवर का यूज करेगा। वहां पर इंजीनियरिंग कॉलेज फ्लाईओवर पर चढ़कर अपने गंतव्य की ओर चला जाएगा।डीपीआर हुआ तैयार
इस एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुका है। मतलब साफ है कि इस एलिवेेेटेड फ्लाईओवर की कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है और अब टेंडर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस प्रक्रिया के पूरी होते ही एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरू कर दिया जाएगा।ट्रांसगोमती में फ्लाईओवर्स का जालराजधानी के ट्रांसगोमती एरिया में फ्लाईओवर्स का जाल बनाया जा रहा है। एक तरफ जहां मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक तक फ्लाईओवर बन रहा है, वहीं दूसरी तरफ सेक्टर 25 इंदिरानगर चौराहे से खुर्रमनगर चौराहे के आगे तक फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। वहीं, इससे पहले आईआईएम वाले फ्लाईओवर की शुरुआत की जा चुकी है। अब एलिवेटेड फ्लाईओवर की भी सौगात मिलने जा रही है। जिससे साफ है कि ट्रांसगोमती एरिया में जाम की समस्या काफी हद तक कम होने जा रही है। हालांकि, फ्लाईओवर्स के साथ-साथ सर्विस लेन को भी बेहतर किए जाने की जरूरत है।यहां के लिए इंतजार
अब सिस गोमती एरिया में फ्लाईओवर्स का इंतजार किया जा रहा है। यहां भी एक दो फ्लाईओवर्स बने हैैं, लेकिन अभी पुराने लखनऊ की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए नए फ्लाईओवर्स की जरूरत है। यहां पर एक फ्लाईओवर का खाका तो तैयार किया गया है, लेकिन अतिक्रमण होने की वजह से उसे फिलहाल रफ्तार मिलती नजर नहीं आ रही है। सिस गोमती एरिया में अतिक्रमण की समस्या अधिक है, ऐसे में यहां पर फ्लाईओवर्स को धरातल पर उतारना बेहद कठिन काम होगा। अभी जो चारबाग से मेडिकल कॉलेज तक प्रस्तावित फ्लाईओवर का टेक्निकल सर्वे किया गया है, उसमें अतिक्रमण का मुख्य रूप से जिक्र किया गया है। जब तक अतिक्रमण नहीं हटेगा, यहां पर फ्लाईओवर बन पाना आसान नहीं होगा।यह बात सही है कि एलिवेेटेड फ्लाईओवर का खाका तैयार किया गया है और इस दिशा में जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। इसके बन जाने के बाद पावर हाउस चौराहे पर लगने वाले जाम की समस्या से हजारों लोगों को राहत मिल जाएगी। यह फ्लाईओवर पहले से निर्मित दो अन्य फ्लाईओवर्स से सीधा कनेक्ट होगा। अलीगंज, जानकीपुरम एरिया के निवासियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।-दिवाकर त्रिपाठी, सांसद प्रतिनिधि