गुरुवार को ही सीट आरक्षण की तस्वीर साफ हुई है और अगले ही दिन यानि शुक्रवार से ही प्रत्याशियों ने प्रचार संबंधी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। संभावित प्रत्याशियों की ओर से घर-घर जाकर लोगों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा रहा है साथ ही अपील की जा रही है कि उनके समर्थन में ही वोट डालें।


लखनऊ (ब्यूरो)। सीट आरक्षण की तस्वीर साफ होते ही एक बार फिर से वार्डों में चुनावी रंग बिखरने लगे हैैं। दो दिन पहले तक जो प्रत्याशी खुद के लिए वोट मांग रहे थे, वो सीट आरक्षण आते ही और वार्ड की सीट महिला होते ही अपने परिवार की महिला सदस्य के नाम पर वोट मांगने लगे हैैं। कोई किसी को चाचा बना रहा है तो कोई ताऊ। कुल मिलाकर प्रयास यही है कि अधिक से अधिक वोटर्स को अपने पक्ष में लाया जा सके।पहले दिन से ही मेहनतगुरुवार को ही सीट आरक्षण की तस्वीर साफ हुई है और अगले ही दिन यानि शुक्रवार से ही प्रत्याशियों ने प्रचार संबंधी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। संभावित प्रत्याशियों की ओर से घर-घर जाकर लोगों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा रहा है साथ ही अपील की जा रही है कि उनके समर्थन में ही वोट डालें।


महिला शक्ति भी फ्रंट फुट में

सीट आरक्षण से यह साफ हो गया है कि किन वार्डों में सीट महिला होगी। ऐसे में उक्त वार्डों में महिला शक्ति भी वोटर्स को अपने साथ लाने के लिए फ्रंट फुट में नजर आ रही हैैं। इनमें से कई ऐसी महिला प्रत्याशी हैैं, जो पहले भी निकाय चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत अजमा चुकी हैैं, जबकि कई नए चेहरे भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं।दिग्गजों ने भी तैयारी तेज कीसीट आरक्षण की तस्वीर साफ होते ही उन दिग्गजों की ओर से भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी गई है, जो वर्तमान में पार्षद हैैं। दरअसल में, उनके वार्ड का जो सीट आरक्षण आया है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस वजह से उन्होंने खुद ही चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। वहीं जिन वार्डों में दिग्गजों को मौका नहीं मिल रहा है, वे अपने करीबियों को चुनावी मैदान में उतारने का मन बना रहे हैैं।मेयर पर टिकी नजरेंवार्ड आरक्षण आने के बाद अब सभी की नजरें मेयर पद के सीट आरक्षण पर टिकी हुई हैैं। शुक्रवार को वाट्सएप मैसेज जरूर वायरल हुआ लेकिन इसकी कोई अधिकाधिक पुष्टि नहीं हो सकी है। मेयर के साथ:साथ चेयरमैन के सीट आरक्षण को लेकर भी लोग इंतजार कर रहे हैैं। दरअसल में, राजधानी की कई शख्सियतें मेयर का चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही हैैं। हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि कौन किस पार्टी से चुनावी ताल ठोकेंगा।युवा शक्ति की विशेष रणनीति

जिन वार्डों से युवा चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैैं, उनकी ओर से अलग तरह से रणनीति बनाई जा रही है। एक तरफ जहां वे बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद हासिल करने के लिए रोजाना उनके घरों के चक्कर काट रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ युवा शक्ति को साथ लाने के लिए खासा पसीना बहा रहे हैैं। उनका प्रयास है कि हर एज ग्रुप के लोग उनके साथ आएं, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो सके।अब ये भी संकट नहीं88 गांवों से चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के सामने अब एनओसी का भी झंझट नहीं है। निगम पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सभी को एनओसी दे दी जाएगी। एनओसी मिलने के बाद प्रत्याशियों की ओर से चुनावी मैदान में अपने कदम उतारे जा सकेंगे। अगर एनओसी न जारी होती तो साफ है कि कोई भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं उतर सकता था। वहीं सीट आरक्षण की तस्वीर साफ होने के बाद प्रत्याशियों की ओर से एनओसी पर भी फोकस कर दिया गया है और एनओसी लेने से पहले उनकी ओर से देखा जा रहा है कि हाउस टैक्स इत्यादि तो उन पर बाकी नहीं है।

Posted By: Inextlive