- सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां, असहाय दिखा पुलिस-प्रशासन

- 90 फीसद से अधिक परीक्षार्थी हुए परीक्षा में शामिल

- 82 परीक्षा केंद्र बनाए गए लखनऊ में

- 30400 परीक्षार्थी लखनऊ में हुए थे रजिस्टर्ड

- 164 पर्यवेक्षक लगाए गए लखनऊ में

- 1089 परीक्षा केंद्र बनाए गए प्रदेश में

- 431904 परीक्षार्थी प्रदेश भर में हुए रजिस्टर्ड

- 14 नोडल केंद्र प्रदेश भर में बनाए गए

- 04 उपनोडल केंद्र बनाए गए

LUCKNOW :कोरोना संकट के बीच आयोजित बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2020 में परीक्षार्थियों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। परीक्षा केंद्रों पर सुबह से जुटे परीक्षार्थियों के हुजूम ने यह साबित कर दिया कि अगर भविष्य को सुखद बनाना है तो कोरोना जैसी चुनौतियां उन्हें रोक नहीं सकतीं। हालांकि, परीक्षार्थियों के इस जोश में कोविड प्रोटोकॉल की सबसे अहम कड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ायी गयीं। यह हाल तब था जब जिला प्रशासन व परीक्षा के आयोजक लखनऊ यूनिवर्सिटी बराबर दावा कर रहे थे कि परीक्षा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन कराया जाएगा। हालांकि, भीड़ उमड़ने के साथ ही सभी इंतजाम धराशायी हो गए और पुलिस व प्रशासन के अधिकारी असहाय दिखे।

सुबह से शुरू हुई गहमागहमी

लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की जा रही बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिये राजधानी में 82 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस परीक्षा में 30 हजार 400 परीक्षार्थियों को शामिल होना था। इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने भी व्यापक इंतजाम का दावा किया था। परीक्षा की पहली पाली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी। पर, परीक्षा केंद्रों के बाहर सुबह 6 बजे से ही गहमागहमी शुरू हो गयी थी। अधिकांश परीक्षा केंद्रों के बाहर सिटिंग प्लान लगाया गया था। जिसे देखने के लिये परीक्षा केंद्रों के बाहर परीक्षार्थियोंने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ायीं। इस दौरान परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापक व पुलिसकर्मी असहाय दिखायी दिये।

मुंह पर मास्क, हाथों में सेनेटाइजर

सिटिंग प्लान को देखने के दौरान परीक्षार्थी भले ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं दिखायी दिये लेकिन, बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के लिए पेन-पेंसिल और रबड़ की ही तरह सेनेटाइजर और मास्क भी आवश्यक सामग्री बन गया। बिना मास्क और सेनेटाइजर के किसी भी अभ्यर्थी को केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। राजकीय पॉलीटेक्निक के बाहर तो सुबह हालात बुरी तरह बेकाबू हो गए। जिसे संभालने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। वहीं, डीएवी इंटर कॉलेज के बाहर खड़े अधिकतर अभ्यर्थी 10-15 मिनट के अंतराल में हाथों को सेनेटाइज कर रहे थें। कुछ बालिकाएं हाथ सेनेटाइज करने के बाद दस्ताने पहनकर केंद्र के अंदर जा रही थीं। सभी मास्क लगाए हुए थीं। यही हाल राजेंद्र नगर स्थित नवयुग कन्या महाविद्यालय का था। कॉलेज में परीक्षार्थियों के प्रवेश के दौरान उनकी थर्मल स्कैनिंग की जा रही थी। प्रवेश द्वार पर ही बनी डेस्क पर सेनेटाइजर और मास्क रखे थे। लेकिन, अधिकतर अभ्यर्थी मास्क लगा कर ही केंद्र पर पहुंचे। कुछ एक जो नहीं लगाए थे, उन्हें मास्क दिए गए। कई युवतियां तो फेस शील्ड लगाकर केंद्र पर पहुंचीं।

नहीं हुआ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

राजाजीपुरम स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीएड की परीक्षा देने आए परीक्षाíथयों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए गए। साथ ही उनको थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने के बाद ही प्रवेश दिया गया। मेहंदीगंज स्थित जगन्नाथ प्रसाद साहू इंटर कॉलेज में परीक्षाíथयों को थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने में बाद प्रवेश दिया गया। सीतापुर मिश्रिख से विकलांग गौरव को उनके रिश्तेदार गोद में उठाकर परीक्षा दिलाने लाए। अलीगंज में सबसे बड़ा सेंटर सुभाष चंद्र बोस इंटर कॉलेज में बनाया गया। यहां सुबह करीब सात बजे से परीक्षार्थियों का जमावड़ा लगने लगा था। पुलिस तैनात रही मगर सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन नहीं करवाया गया। यहां लगभग 800 विद्याíथयों की परीक्षा हुई। सभी की अंदर जाने से पहले थर्मल स्कैनिंग कराई गई। महाविद्यालय के कर्मी भी मास्क या फेसशील्ड लगाए दिखे थे।

बॉक्स।

करना पड़ा लंबा इंतजार

गोमती नगर के विनय खंड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग की खुलकर धज्जियां उड़ीं। परीक्षा केंद्र में करीब 500 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा की व्यवस्था थी। सुबह की पाली में जब परीक्षार्थियों को विद्यालय में प्रवेश दिया जा रहा था उस समय विद्यालय प्रशासन के पास एक थर्मल स्कैनर था इसके कारण परीक्षार्थियों को विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और करीब 50 मिनट तक लाइनों में खड़ा रहना पड़ा। विद्यालय प्रशासन ने बताया प्रत्येक कक्षा में हर सीट पर 2 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था थी।

Posted By: Inextlive