पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में स्तन कैंसर के मामले कम हैं। लेकिन देश में मृत्यु दर अधिक है। इसका प्रमुख कारण समय से कैंसर की स्क्रीनिंग का न हो पाना है। इसे जमीनी स्तर पर अभी और बढ़ाने की जरूरत है।

लखनऊ (ब्यूरो)। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्तन कैंसर की जांच, इलाज और देखभाल से जुड़े अस्पतालों के क्षमतावर्धन और मानक को मजबूत बनाने पर शुक्रवार को केजीएमयू के शताब्दी फेज-2 सभागार में साचीज के तत्वावधान में प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई।
स्क्रीनिंग बढ़ाने पर देना होगा जोर
कार्यशाला में साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने कैंसर विशेषज्ञों की कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इससे कैंसर के इलाज को गुणवत्तापूर्ण बनाने में बड़ी मदद मिलेगी। कैंसर स्क्रीनिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि योजना के शुरू होने से पहले महिलाओं को स्तन कैंसर का समुचित इलाज नहीं मिल पाता था। क्योंकि सर्जरी कराने की उनकी क्षमता नहीं होती थी। अब आयुष्मान योजना के तहत बिना किसी खर्च के सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने कहा कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में स्तन कैंसर के मामले कम हैं। लेकिन देश में मृत्यु दर अधिक है। इसका प्रमुख कारण समय से कैंसर की स्क्रीनिंग का न हो पाना है। इसे जमीनी स्तर पर अभी और बढ़ाने की जरूरत है। यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान हो जाए तो देश-प्रदेश में कैंसर पर काबू पाने में सफल हो सकेंगे।
वेबसाइट ठप होने से नहीं बन रहे आयुष्मान कार्ड

राजधानी में आयुष्मान योजना की नई वेबसाइट में तकनीकी खामी की वजह से लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड नहीं में दिक्कतें आ रही हैं और उनको निराश होकर लौटना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, वेबसाइट को अपग्रेड किया गया है। जल्द ही सभी समस्याएं दूर हो जायेंगी।

नहीं बन रहे गोल्डन कार्ड
जनपद में करीब 4 लाख 3 हजार 171 परिवारों के गोल्डन कार्ड बनने थे। पर अभी तक डेढ़ लाख से अधिक लाभार्थी के ही बन पाए हैं, जबकि योजना लागू हुए चार साल से अधिक का समय हो चुका है। वहीं, कम कार्ड बनने को लेकर प्रशासन ने नाराजगी जाहिर की थी, इसके बावजूद अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। वहीं आयुष्मान की वेबसाइट पीएमजेएवाई में तकनीकी खामी आने की वजह से किसी तरह नेशनल हेल्थ अथारिटी के जरिए वेबसाइट को अपग्रेड किया गया। अब नई वेबसाइट सेतु पीएमजेएवाई के नाम से शुरू की गई है। पर कई तकनीकि खामियों की वजह से यह चल नहीं पा रही है। आयुष्मान मित्र के मुताबिक, नई वेबसाइट में नाम तक खोजना मुश्किल हो रहा है। वहीं, सांची निदेशक संगीता सिंह का कहना है कि वेबसाइट का अपग्रेड वर्जन आया है। इसमें आई कुछ खामियों को दूर किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive