बलरामपुर अस्पताल की आई ओपीडी में 8 से 9 डॉक्टर तैनात हैं। रोज 25 से 30 के बीच ऑपरेशन भी यहां किए जा रहे हैं। ओपीडी में रोज करीब 250 मरीज दिखाने के लिए आते हैं। यहां आई ओपीडी में आने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी स्थित प्रदेश के सबसे बड़े जिला अस्पताल बलरामपुर में रोज हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं। इसके बाद भी यहां सुविधाओं की कमी देखने को मिलती है। पर्चा बनवाने, डॉक्टर को दिखाने और फिर जांच और दवा लेने में हर जगह लंबी लाइन से मरीज परेशान होते हैं। आलम यह है कि सुबह ओपीडी में जो मरीज दिखाने आते हैं, वे दोपहर बाद ही दवा लेकर वापस जा पाते हैंआई ओपीडी का हालबलरामपुर अस्पताल की आई ओपीडी में 8 से 9 डॉक्टर तैनात हैं। रोज 25 से 30 के बीच ऑपरेशन भी यहां किए जा रहे हैं। ओपीडी में रोज करीब 250 मरीज दिखाने के लिए आते हैं। यहां आई ओपीडी में आने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।खड़े-खड़े पैर दर्द होने लगे
गुरुवार को अस्पताल में चौक निवासी जानकी देवी ने बताया कि उनकी आंखों में जलन हो रही है। इसे दिखाने के लिए यहां आई हूं। सुबह 10 बजे ही यहां आ गई थी, ताकि जल्द पर्चा बन जाए और समय से डॉक्टर को दिखा सकूं। पर्चा काउंटर पर लाइन तो अधिक नहीं थी। मैं लाइन में लग गई लेकिन 45 मिनट पर्चा बनवाने में ही लग गया। तकलीफ आंख में है लेकिन लाइन में खड़े-खड़े अब तो पैर भी दर्द होने लगे हैं। पर्चा बन गया तो मैं पहली मंजिल पर आई ओपीडी पहुंची। यहां भी मेरा नंबर आने में 55 मिनट का समय लग गया। 11:40 पर मुझे डॉक्टर ने कमरे में बुलाया और मशीन से आंखों की जांच की।बाहर जाकर बैठ जाओजानकी देवी ने बताया कि आंखों की जांच करने के बाद डॉक्टर ने कहा कि बाहर जाकर बैठ जाइए। ओपीडी के बाहर बैठे-बैठे जब 12:20 बज गए। डॉक्टर ने नहीं बुलाया। क्या करती, वहां बैठे-बैठे इंतजार करती रही। 12:45 पर मुझे फिर अंदर बुलाया गया। कुछ दवाएं लिख दी गईं और कहा गया कि कुछ दिन बाद फिर जांच कराने आ जाना। जानकी देवी ने बताया कि यहां तो आंख दिखाने के चक्कर में मेरे पैर भी दर्द होने लगे हैं। सुबह की आई हूं। सोचा था कि 11 बजे तक सब हो जाएगा और धूप बढऩे से पहले मैं घर पहुंच जाऊंगी। यहां तो इलाज कराने में पूरा दिन निकल जाता है।डेढ़ घंटे से बैठा हूं, नंबर ही नहीं आ रहा


वहीं ओपीडी के बाहर मिले अब्दुल कयूम ने बताया कि यहीं आंख का ऑपरेशन कराया है। 11 बजे फोलोअप के लिए आ गया था। 1:15 पर उनका नंबर आया और वे कमरे में डॉक्टर को दिखाने गए। डॉक्टर ने कुछ सवाल पूछे और दवा दिख दी। उन्होंने बताया कि आज तो मैं बैठे-बैठे ही थक गया। यहां डॉक्टर को दिखाने में काफी समय लगता है।दवा में भी दिक्कतअब्दुल कयूम ने बताया कि उन्हें जो दवाएं लिखी गई हैं, उसमें कुछ तो मिली ही नहीं हैं। काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने बताया कि ये दवाएं बाहर मिल जाएंगी। अगर हम बाहर से दवा खरीद सकते तो भला सरकारी अस्पताल में दिखाने क्यों आते।ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज आते हंै। डॉक्टर सभी मरीजों को देखते हैं, इसलिए कुछ समय लगता है। किसी भी मरीज को निराश नहीं किया जाता है।-डॉ। जीपी गुप्ता, सीएमएस बलरामपुर अस्पताल

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