- आस्था के पर्व में परंपरा के रंग

रुष्टयहृह्रङ्ख: नागपंचमी पर शुक्रवार को भगवान शिव के प्रति आस्था और विश्वास का दृश्य राजधानी के सभी शिवालयों में दिखाई दिया तो दूसरी ओर गली-मुहल्लों में परंपरा का निर्वहन किया गया। बहनों ने प्रतीक स्वरूप गुडि़या को तिराहे पर डाला और भाइयों ने उनकी पिटाई की। इस अवसर पर घरों में कई प्रकार के पकवान भी बने। मंदिरों के पास सपेरों की जमात ने नागदेव के साक्षात दर्शन कराकर दान प्राप्त किया। सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा।

भोर से ही उमड़ने लगी भक्तों की भीड़

राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में सर्पदोष निवारण अनुष्ठान के साथ भोर में भस्म आरती हुई। व्यवस्थापक अतुल मिश्रा ने बताया कि अनुष्ठान वालों की कतार सुबह से ही लग गई थी। नागपंचमी पर शिवालयों पर जहां विशेष पूजा-अर्चना की गई। वहीं, घरों में प्रतीक स्वरूप नागदेव को दूध और धान का लावा अर्पित कर श्रद्धालुओं ने रक्षा की कामना की। मनकामेश्वर मंदिर पर महंत देव्या गिरि ने भोर में आरती कराई और फिर मंदिर के कपाट खोल दिए गए। मंगलेश्वर मंदिर पर भी विशेष पूजा अर्चना के साथ ही सदर के द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में रुद्राभिषेक किया गया। कृष्णानगर के सैसोबीर मंदिर, मानसनगर के तुलसी मानस मंदिर में भी विशेष आयोजन हुए। बुद्धेश्वर मंदिर, इंद्रेश्वर महादेव मंदिर, रानी कटरा स्थित छोटा व बड़ा शिवाला के साथ ही आशियाना के सेक्टर-एच स्थित द्वादश ज्योतिर्लिग मंदिर, बंगलाबाजार के श्री रामजानकी मंदिर, मौनी बाबा मंदिर व गुलाचिन मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए।

अयप्पा मंदिर में अनुष्ठान

गोमतीनगर के लॉर्ड अयप्पा मंदिर में नागपंचमी पर विशेष अनुष्ठान किया गया। केरल समाज के लोगों ने नागदेव की पूजा की। मंदिर के अध्यक्ष केजे नांबियार ने बताया कि नागदेव से आमजन की सुरक्षा के लिए पूजा की जाती है। देर शाम दीपदान किया गया।

Posted By: Inextlive