- फर्जी डाक्यूमेंट्स से गाडि़यां फाइनेंस कराकर सस्ते दामों में बेचने वाला गैंग सक्रिय

LUCKNOW:

फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक से गाड़ी फाइनेंस करवाने वाला गैंग राजधानी में एक्टिव है। हाल में ही फर्जी तरीके से गाड़ी फाइनेंस कर हड़पने की रिपोर्ट गंज कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। इस गैंग के सदस्य शोरूम में मौजूद फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों को बैंक स्टेटमेंट और आधार आदि दस्तावेज देकर डाउन पेमेंट पर गाड़ी निकलवाते हैं और फिर फर्जी कागजों के बेस पर उसे बेच देते हैं। इस गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस ने काम भी शुरू कर दिया है।

इस तरह करते हैं काम

गिरोह के सदस्य गाड़ी की किश्त नहीं जमा करते हैं और गाड़ी लेकर शहर के बाहर चले जाते हैं। कुछ समय बाद शहर में आकर ये फर्जी पेपर बनाकर सस्ते में गाड़ी बेच देते हैं। ऐसे ही गिरोह के पूर्व में पकड़े गए सदस्यों ने पुलिस को बताया है कि वे जब गाड़ी की किश्त नहीं देते हैं तो कंपनी उनकी तलाश करती है और इसमें फंसता वह था जो सस्ते में इनसे गाड़ी खरीदता था।

तीन साल से चल रहा खेल

हजरतगंज इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि तीन साल से राजधानी में ऐसा गिरोह सक्रिय है। जो अब तक 50 से अधिक गाडि़यां फाइनेंस करवाकर बेच चुका है। इन गाडि़यों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों की भी पड़ताल हो रही है, जिनके जरिए ये गाडि़यां फाइनेंस कराते हैं। कई बार पांच हजार का लालच देकर ये उन लोगों को शिकार बनाते हैं, जिनकी आईडी और डाक्यूमेंट्स असली होते हैं।

कैसे होता है कारोबार

गिरोह के सदस्य अलग-अलग जगहों पर किराए पर रहते हैं और फर्जी कागजों पर गाडि़यां फाइनेंस कराकर गलत तरीके से बेचते हैं। गिरोह के सदस्य फर्जी कागजों पर लोन भी हासिल कर लेते हैं। गाड़ी फाइनेंस होते ही ये गाड़ी लेकर शहर से गायब हो जाते हैं। पता भी फर्जी होने से फाइनेंस कंपनियां इनका आसानी पता भी नहीं लगा पाती हैं।

पूरे देश में फैला है कारोबार

यह गिरोह पूरे देश में काम कर रहा है। हर राज्य में इनके काम करने का तरीका अलग-अलग है। ये प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के अधिकारियों को लालच देते हैं और उनके सहयोग से यह पूरा खेल करते हैं। यह गैंग एक-दो लाख का डाउन पेमेंट कर गाडि़यां फाइनेंस कराता है और एक-दो किश्ते देकर ही फरार हो जाता है।

Posted By: Inextlive