- पत्नी, बेटे व बेटी की हत्या करने के बाद फांसी लगाकर की आत्महत्या

- ड्राइवर ने लोन पर खरीदे थे दो ई रिक्शा, किश्त चुकाने के लिए लिया था कर्ज

- मुंह में काला कपड़ा बांध कर फंदे पर झूला

LUCKNOW: आर्थिक तंगी और कर्ज के तले दबे गुडंबा स्थित कल्याणपुर इलाके के एक युवक ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को मौत के घाट उतारने के बाद खुद फांसी लगा ली। दिल दहलाने वाली वारदात से इलाके में हड़कंप मच गया। जिसने भी घटना सुनी वह सन्न रह गया। घटना की सूचना पर पुलिस कमिश्नर समेत आला अफसरों ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीम ने कमरे की जांच की। शुरुआती जांच में पुलिस घटना की वजह आर्थिक तंगी व कर्ज का बोझ बता रही है।

मकान मालिक के यहां ड्राइवर था

मूलरूप से दुर्गा कुंड खोजुआ भेलूपुर, वाराणसी निवासी पिंटू गुप्ता (32) पत्नी आरती (28) बेटी नेहा (8) व बेटे नैतिक (6) के साथ गुडंबा के कल्याणपुर स्थित शिवानी विहार में छोटेलाल राजवंशी के मकान में एक कमरा लेकर पहली मंजिल पर किराए पर रहता था। पिंटू पिछले तीन साल से यहां पर रहता था। वहीं मकान मालिक घर के सामने परिवार के साथ रहते हैं। वह मकान मालिक की गाड़ी चलाता था, जबकि पत्नी आरती उन्हीं के घर में खाना बनाने का काम करती थी। दोनों बच्चे पास के प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे। घर से कुछ ही दूरी पर पिंटू के पिता हरिशंकर व मां बेबी भी किराए के मकान में रहते हैं। हरिशंकर सिलाई का काम करते हैं।

स्कूल जाने में लेट होने पर खुलासा

पिंटू के मकान मालिक छोटे लाल रेलवे से रिटायर्ड हैं। पिंटू छोटे लाल के परिवार के बच्चों को रोज स्कूल छोड़ने जाता था। वह उनकी गाड़ी चलाने के साथ घर के लिए दूध लेने जाता था। सुबह बच्चों के स्कूल में पैरेंट्स टीचर मीटिंग थी। वहीं उन्हे सुबह 9 बजे स्कूल जाना था। स्कूल जाने का समय होने के बाद भी पिंटू नहीं आया। इस पर छोटे लाल के बेटे विनय ने पिंटू को फोन किया। उसका फोन बंद था। विनय ने नौकरानी को पिंटू के कमरे पर भेजा। जब नौकरानी कमरे पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। नौकरानी ने आवाज लगाकर मकान मालिक विनय व दूसरे तल पर रहने वाले पड़ोसी आशुतोष तिवारी को बुलाया। आशुतोष पड़ोस के मकान से कमरे के रेलिंग पर पहुंचे और खिड़की से झांक कर देखा। अंदर पिंटू का शव छत के कुंडे से लटक रहा था। विनय ने 9.45 बजे 112 नंबर डायल कर पुलिस और कॉलोनी में ही रहने वाली पिंटू की मां व पिता को सूचना दी।

बच्चों को मुंह दबाकर दी मौत

विनय की सूचना पर गुंडबा पुलिस के साथ डीसीपी नॉर्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव व एसीपी दीपक कुमार सिंह भी पहुंच गए। एक ही परिवार के चार लोगों की सनसनीखेज मौत की सूचना पर पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय भी मौके पर पहुंचे। छानबीन के बाद उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ड्राइवर पिंटू ने पहले पत्नी और दोनों बच्चों को मुंह दबाकर मौत के घाट उतारा क्योंकि तीनों के शव बिस्तर पर एक साथ पड़े थे और उन्हें कंबल से ढक दिया था। बाद में पिंटू ने छत पर लगे पंखे को उतारा और उसके कुंडे के सहारे साड़ी का फंदा बनाकर चेहरे को काले कपड़े से ढककर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

रात को हंसता खेलता छोड़कर गए थे

पिंटू और उसके परिवार की सनसनीखेज मौत की सूचना पाकर चंद कदमों की दूरी पर रहने वाले उसके पिता हरिशंकर व मां बेबी घर पहुंचे। दोनों पूरे परिवार की मौत से आवाक थे। हरिशंकर ने बताया कि शुक्रवार रात 9.30 बजे पूरे परिवार को हंसता खेलता छोड़ कर गए थे। रात में पूरे परिवार ने एक साथ बैठकर खाना खाया। उसके बाद हरिशंकर व उनकी पत्नी घर जाने के लिए निकले। जाते समय दोनों बच्चों को बाबा हरिशंकर ने स्कूल जाने के लिए दस-दस रुपये भी दिए थे।

लोन लेकर खरीदा था ई रिक्शा

पिंटू ने एक साल पहले ही लोन पर दो ई रिक्शा खरीदे थे। एक ई रिक्शा उसके नाम पर था जबकि दूसरा उसकी मां बेबी के नाम पर था। दोनों को वह किराए पर चलवाता था। उनकी किश्त भी वही देता था। हरिशंकर ने बताया कि कई बार किश्त जमा करने के लिए पैसे कम पड़ते थे तो वहां बेटे पिंटू की मदद करता था। लोन की किश्त अदा करने के लिए वह अक्सर परेशान रहता था।

मालिक से भी पैसा उधार लिया था

पिंटू गुप्ता के मालिक छोटे लाल ने बताया कि दो दिन पहले उसने 25 सौ रुपये उधार लिए थे। शनिवार को पैसा वापस करने का वादा भी किया था। मकान मालिक ने बताया कि पिंटू व उसकी पत्नी आरती दोनों उनके घर में काम करते थे। पिंटू को परिवार समेत रहने के लिए छोटे लाल ने घर के सामने ही अपना दूसरा मकान किराये पर दिया था। उनका कहना है कि सैलरी के अलावा अक्सर पिंटू उनसे कुछ पैसे उधार लेता रहता था।

खर्च ज्यादा और कमाई कम थी

एक कमरे में रहने वाला पिंटू अपने बच्चों को न केवल अच्छी शिक्षा दिला रहा था बल्कि उनके सुख सुविधा का भी पूरा ख्याल रखता था। आस पड़ोस के लोगों का कहना है कि वह किसी नशे का लती भी नहीं था। अच्छा पति, पिता व बेटा था। हालांकि पूरे परिवार को लेकर चलाने वाले पिंटू की कमाई कम थी जबकि खर्च ज्यादा थे। पुलिस का मानना है कि लोन की किश्त अदा करने के लिए उसने कर्ज ले रखा था। माना जा रहा है कि कर्ज का बोझ व आर्थिक तंगी के चलते उसने इतना बड़ा कदम उठाया।

मौत के खौफ से बांधा काला कपड़ा

पुलिस का मानना है कि पिंटू को मौत का खौफ था। पत्नी व बच्चों की नींद में सोते समय हत्या की। तीनों को मौत के घाट उतारने के बाद छत पर लगा पंखा उतारा और फिर चेहरे पर काला कपड़ा बांध कर साड़ी के फंदे से झूल गया।

फॉरेंसिक टीम ने खाने का भी सैंपल लिया

घटना की जांच करने पहुंची फॉरेंसिक टीम ने किचन में रखे खाने का भी सैंपल लिया है। शुक्रवार रात पिंटू के घर में मटन बना था। एक कटोरी में खाना बचा हुआ रखा था, जिसे फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए लिया। माना जा रहा है कि कहीं खाने में कोई नशीला पदार्थ मिलाकर परिवार के सदस्यों को तो नहीं खिलाया गया। ऊपर मंजिल में रहने वाले आशुतोष तिवारी और सनी के परिवार का भी कहना है कि रात में न तो किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दी और न ही कोई खटपट की।

कोट

युवक ने पहले अपने दोनों बच्चों व पत्नी की मुंह दबाकर हत्या की। इसके बाद कुछ समय बाद खुद के चेहरे पर काला कपड़ा डालकर फांसी के फंदे पर झूल गया। घटना के पीछे कारणों की जांच पड़ताल की जा रही है। फॉरेंसिक यूनिट भी जांच पड़ताल कर रही है। घटना बहुत ही दुखद है। कारणों का पता किया जा रहा है।

- सुजीत पांडेय, पुलिस कमिश्नर, लखनऊ

Posted By: Inextlive