- सपा शासनकाल में हुई सभी पदों की भर्ती रद कर चुकी है सरकार

- 175 अभ्यर्थी ऐसे मिले जिनके अंक बढ़ाए गए थे

- भर्ती में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों से होगी खर्च की वसूली

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रुष्टयहृह्रङ्ख : सपा शासनकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले में सरकार ने सभी पदों की नियुक्तियां रद करने के बाद अब उन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की तैयारी की है जिनके अंक बढ़ाए गए थे। जांच में ऐसे 175 अभ्यर्थी मिले हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही भर्ती प्रक्रिया में खर्च हुई धनराशि उन अफसर व कर्मचारियों से वसूल की जाएगी जो उस दौरान तैनात थे। साक्षात्कार बोर्ड में शामिल 35 विशेषज्ञों पर भी सरकार कार्रवाई करेगी। जरूरत पड़ने पर इनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा सकती है।

यह था मामला

उल्लेखनीय है कि बीती 18 जून 2016 को जल निगम ने इन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया था। इन सभी पदों में सपा शासनकाल में ही भर्तियां भी कर ली गई। हालांकि, योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद इन गड़बडि़यों की जांच करायी गई। इसके रिजल्ट में बहुत सारी गड़बडि़यां सामने आने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को जांच सौंपी गई थी। जिसके बाद इन भर्तियों में 853 जेई व 335 लिपिकों की भर्ती सोमवार को निरस्त कर दी थी। 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियां पहले ही सरकार निरस्त कर चुकी है।

अफसरों व कर्मियों से होगी वसूली

जांच में रिजल्ट में गड़बड़ी किए जाने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। इसमें 175 अभ्यर्थी ऐसे मिले हैं जिनके नंबर बढ़ाए गए थे। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बताया गया कि भर्ती प्रक्रिया में शामिल अफसरों व कर्मचारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। इनसे भर्ती में खर्च हुई धनराशि की वसूली की जाएगी। सहायक अभियंताओं के 122 पदों में से 84 पदभार संभाल कर काम कर रहे थे। जूनियर इंजीनियरओं में 853 में से 729 कार्यरत थे। इसी प्रकार लिपिकों के 325 पदों में से 166 काम कर रहे थे।

इंटरव्यू लेने वाले भी राडार पर

भर्ती प्रक्रिया पूरा करने के लिए सात इंटरव्यू बोर्ड गठित किए गए थे। इसमें शामिल 35 लोग भी राडार पर हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। जिसमें एफआईआर की कार्रवाई भी शामिल है। जल निगम के एमडी विकास गोठवाल ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्त जूनियर इंजीनियर व लिपिकों को अब तक मिले वेतन भत्ते आदि का संरक्षण प्राप्त होगा। उनसे इसकी कोई वसूली नहीं होगी। साथ ही उनके द्वारा अब तक नियमानुसार किए गए प्रशासनिक व वित्तीय कार्य विधि मान्य होंगे। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को जल निगम बोर्ड में रखकर अनुमति ली जाएगी।

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आजम व अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट जल्द

पूर्व मंत्री आजम खां समेत अन्य आरोपियों की मुश्किलें भी जल्द बढ़ सकती हैं। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति सरकार से जल्द मिलने की उम्मीद है। परीक्षा कराने वाली संस्था अपटेक को भी ब्लैक लिस्ट किया सकता है। एसआईटी की जांच में रिजल्ट में कई अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाए जाने के साक्ष्य मिले हैं। एसआईटी ने इस मामले में पूर्व मंत्री आजम खां के अलावा जलनिगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी, नगर विकास विभाग के तत्कालीन सचिव एसपी सिंह (अब रिटायर्ड), आजम खां के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद व तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे व अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, साजिश, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना की थी।

Posted By: Inextlive