विधानसभा चुनाव 2022 की अग्निपरीक्षा में लखनऊ ने फर्स्ट डिवीजन हासिल करते हुए 61 प्रतिशत वोटिंग अंक हासिल किए हैं। जो वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग प्रतिशत से 2।55 प्रतिशत अधिक हैैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सफलता के पीछे जिला निर्वाचन टीम की मेहनत और वोटर्स की जागरुकता का संयुक्त प्रयास शामिल है। हम आपको बताते हैैं कि कौन हैैं वे अधिकारी जिनकी मेहनत और सटीक रणनीति से वोटिंग प्रतिशत में राजधानी की फर्स्ट डिवीजन आई है।

लखनऊ (ब्यूरो)।
नाम- अभिषेक प्रकाश
पद- जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम
जिम्मेदारी- जिला निर्वाचन टीम के मुखिया के रूप में कई स्तरों पर प्लानिंग की। सबसे पहला फोकस उनका शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने और मतदान केंद्रों में समुचित व्यवस्थाएं कराने पर रहा। साथ ही दूसरा फोकस वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाता जागरुकता पर रहा और इसके लिए लगातार जागरुकता अभियान, क्विज, डोर टू डोर कैंपेन और नुक्कड़ नाटक का आयोजन कराया। स्कूल संचालकों, स्टूडेंट्स के माध्यम से भी लोगों को मतदान के प्रति जागरुक कराया। इसका बेहतर रिस्पांस वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोत्तरी के रूप में देखने को मिला। ग्रीन बूथ, मॉडल बूथ आदि के कांसेप्ट को भी समयबद्ध तरीके से पूरा किया। अब उनका पूरा फोकस स्ट्रांग रूम पर है और वह लगातार निरीक्षण कर मतगणना संबंधी तैयारियों का जायजा ले रहे हैैं।

नाम- अश्विनी कुमार पांडेय
पद- सीडीओ
जिम्मेदारी- इन्हें स्वीप प्रोग्राम का नोडल बनाया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य मतदाता जागरुकता था। इन्होंने एक नवंबर से ही स्वीप प्रोग्राम के तहत मतदाता जागरुकता का अभियान शुरू कर दिया। मतदाता जागरुकता के लिए चरणबद्ध तरीके से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जागरुकता प्रोग्राम चलाए गए। जनवरी में कोविड की तीसरी लहर आने पर जागरुकता प्रोग्राम ऑनलाइन मोड पर किए गए। पूरा फोकस फर्स्ट टाइम और महिला वोटर्स पर रहा। उन बूथों पर विशेष जागरुकता अभियान चला, जहां लास्ट टाइम वोटिंग प्रतिशत कम रहा था। इसके साथ ही विभिन्न नेहरु युवा केंद्र, सामाजिक संगठनों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मदद से डोर टू डोर कैंपेनिंग भी कराई गई।

नाम- अजय कुमार द्विवेदी
पद- नगर आयुक्त
जिम्मेदारी- इनको मुख्य जिम्मेदारी नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मतदान केंद्रों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने संबंधी दी गई। इन्होंने निगम अधिकारियों और कर्मियों की मदद से वोटिंग से ठीक एक दिन पहले सभी मतदान केंद्रों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराया। जिसमें मुख्य रूप से पेयजल, सफाई, लाइटिंग, पीठासीन अधिकारियों व अन्य कर्मियों के लिए बैठने की व्यवस्था आदि शामिल रही। वहीं मतदान से पहले स्मृति उपवन में भी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया, जिससे पोलिंग पार्टियों को कोई समस्या न हो। वहीं अब स्ट्रांग रूम में भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है।

नाम- केपी सिंह
पद- एडीएम नगर पूर्वी
जिम्मेदारी- इनके पास मुख्य जिम्मेदारी एक्सपेंडिचर मैनेजमेंट (जिसमें प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखना), माइक्रो ऑब्जर्वर मैनेजमेंट (क्रिटिकल बूथ)की रही। इन बूथों पर तैनात कार्मिकों को ट्रेनिंग देना भी जिम्मेदारी का मुख्य हिस्सा रहा। इसके साथ ही उन्होंने बीकेटी, पूर्व और उत्तर विधानसभा के वरिष्ठ प्रभारी की जिम्मेदारी निभाई। इसके अतिरिक्त निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए गठित अलग-अलग टीमों जैसे फ्लाइंग स्क्वॉयड, वीडियो अवलोकन, सहायक व्यय प्रेक्षक, स्टेटिस्टिक आदि के नोडल की भी जिम्मेदारी निभाई।

नाम- धर्मेंद्र सिंह
पद- एडीएम एलए-1
जिम्मेदारी- इन्हें ईवीएम का नोडल बनाया गया था। इनकी मुख्य जिम्मेदारी समयबद्ध तरीके से ईवीएम को पहुंचाना और उनके ऑपरेशन की रही। इसके साथ ही ईवीएम खराब होने पर तुरंत उन्हें चेंज करना भी इनकी जिम्मेदारी का मुख्य हिस्सा रहा। इन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर ईवीएम ऑपरेशन पर खास नजर रखी और मतदान वाले दिन सभी विधानसभाओं में मूवमेंट भी रखा। कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी भी इनके पास रही।

इनका सहयोग भी रहा सराहनीय
एडीएम वित्त विपिन मिश्रा और एडीएम ईस्ट अमरपाल सिंह ने भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाईर्। एडीएम वित्त के पास मुख्य जिम्मेदारी कार्मिकों की ड्यूटी लगाना और उनकी पूरी लिस्ट मेनटेन करना रहा। वहीं एडीएम ईस्ट उप निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में रहे।
सभी का शुक्रिया
डीएम समेत पूरी जिला निर्वाचन टीम ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में अहम रोल अदा करने वाली राजधानी की जनता को थैंक्स कहा है। डीएम का कहना है कि सबके संयुक्त प्रयास का ही असर है कि राजधानी का वोटिंग प्रतिशत 60 के पार पहुंचा।

Posted By: Inextlive