- स्मारक घोटाला

- विजिलेंस ने दाखिल किया है पांचवा आरोपपत्र

- आरोपितों में 37 लोकसेवक शामिल

1 जनवरी 2014 को एफआईआर

7.5 साल से चल रही विवेचना

02 वर्षों में विजिलेंस की जांच ने तेजी पकड़ी

LUCKNOW:

विधानसभा चुनाव से पहले बसपा शासनकाल में हुए स्मारक घोटाले की जांच में तेजी से पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा व नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी मुश्किलें बढ़ेंगी। पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने बीते दिनों हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर स्मारक घोटाले में उनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद किए जाने की मांग की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो सितंबर को याचिका को खारिज कर विजिलेंस को चार सप्ताह में विवेचना पूरी करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद विजिलेंस जांच ने और रफ्तार पकड़ी है। विजिलेंस ने सोमवार को पांचवां आरोपपत्र दाखिल किया है।

चार आरोप पत्र पहले ही दाखिल

इससे पूर्व चार आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जिनमें खनिज विभाग के तत्कालीन निदेशक रामबोध मौर्य समेत अन्य अधिकारियों, कर्मियों व ठेकेदारों के नाम शामिल थे। अब तक जिन आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें 37 लोकसेवक शामिल हैं। स्मारक घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है।

दो वर्षो से आई जांच में तेजी

विजिलेंस ने एक जनवरी 2014 को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में स्मारक घोटाले की एफआईआर दर्ज कराई थी और साढ़े सात वर्षों से विवेचना चल रही है। खासकर बीते दो वर्षों में विजिलेंस की जांच ने तेजी पकड़ी है। बीते दिनों पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सिंह कुशवाहा के पहली बार बयान दर्ज किए गए थे। पूछताछ में दोनों पूर्व मंत्रियों ने निर्माण कार्य से जुड़े बड़े ठेकों से लेकर अन्य फैसलों को लेकर सारी जिम्मेदारी अधीनस्थ अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं पर डाल दी थी। इसके बाद विजिलेंस ने 50 से अधिक फाइलों को खंगालना शुरू किया था। अब उप्र राजकीय निर्माण निगम, खनन विभाग व शासन स्तर के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी है। कुछ अधिकारियों के बयान दर्ज भी किए जा चुके हैं। अधिकारियों से कुछ खास ¨बदुओं पर पूछताछ के बाद जांच एजेंसी दोनों पूर्व मंत्रियों को फिर तलब कर सकती है।

छह के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति का इंतजार

विजिलेंस कुछ और पत्रावलियां जुटाने का प्रयास भी कर रही है। साथ ही उसे लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष (सेवानिवृत्त आइएएस) व पांच अभियंताओं के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति मिलने का भी इंतजार है। शासन से हरी झंडी मिलते ही इन आरोपितों के विरुद्ध जल्द कार्रवाई के कदम बढ़ सकते हैं।

Posted By: Inextlive