- आर्मी का तथाकथित डीजी कमांडो बता कर जालसाज ने हड़पी रकम

- मोबाइल दुकानदार समेत चार युवकों ने गुडंबा थाने में शिकायत की

- पीडि़ता से 25 से 80 हजार रुपये लेकर थमाया फर्जी नियुक्ति पत्र

LUCKNOW :

आर्मी कैंटीन में नौकरी का झांसा देकर एक जालसाज ने चार युवकों को लाखों का चूना लगाया। खुद को सेना का तथाकथित डीजी कमांडो बताने वाले जालसाज ने पीडि़तों से नौकरी के नाम पर 25 हजार से 80 हजार रुपये तक वसूले। इसके बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति और पहचान पत्र भी थमा दिया। पीडि़त जब ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचे तो उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला। ठगी का शिकार युवकों ने आरोपी से संपर्क करके पैसे लौटाने को कहा तो वह उन्हें धमकाने लगा। इस पर युवकों ने थर्सडे को गुड़ंबा थाने में शिकायत की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मोबाइल दुकान में हुई थी मुलाकात

इंदिरानगर के पुराना खुर्रमनगर में रहने वाले मोहम्मद फैजान की हामिद कॉम्पलेक्स में मोबाइल की दुकान है। फैजान ने बताया कि उसकी दुकान में ओप्पो मोबाइल कंपनी का प्रमोटर मडि़यांव निवासी आकाश सिंह समेत अन्य कर्मचारी काम करते हैं। जनवरी 2018 में सौरभ सिंह नाम का व्यक्ति उनकी दुकान पर आया और आकाश से मोबाइल एसेसिरीज खरीदी। इस दौरान सौरभ ने अपना परिचय सेना में डीजी कमांडो के रूप में दिया। सौरभ ने आकाश को बताया कि सीतापुर स्थित सेना की सीएसडी कैंटीन में काउंटर मैनेजर, कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टोर इंचार्ज व सुपरवाइजर के पद पर भर्ती निकली है।

पचास हजार रुपये की डिमांड की

सौरभ ने बताया कि इस भर्ती का इंचार्ज वही है और इंटरव्यू के आधार पर किसी को भी नौकरी दे सकता है। इस पर आकाश ने अपने लिए सुपरवाइजर की नौकरी के लिए बात की। सौरभ ने इसके लिए 50 हजार रुपये का खर्च बताया। आकाश ने 38 हजार रुपये में सौदा तय किया। आकाश ने तीन किश्तों में उसे रकम दे दी। दुकान मालिक मोहम्मद फैजान ने बताया कि आकाश ने इसकी जानकारी उसे दी तो वह भी सरकारी नौकरी के लालच में आ गया।

घर में लगा था डीजी कमांडो का बोर्ड

फैजान के मुताबिक आकाश उसे गुड़ंबा के कल्याणपुर स्थित सौरभ सिंह के घर पर ले गया। पीडि़तों ने बताया कि घर के बाहर डीजी कमांडो का बोर्ड लगा था जिस पर सौरभ सिंह का नाम लिखा हुआ था। वहां फैजान ने सौरभ से आर्मी कैंटीन में काउंटर मैनेजर के पद पर नौकरी दिलाने की बात की। इस पर सौरभ ने नौकरी दिलाने का वादा किया और इसके एवज में एक लाख रुपये की मांग की। फैजान ने 80 हजार रुपये में डील तय की। फैजान के मुताबिक उसके और आकाश के अलावा इंदिरा नगर निवासी मोहम्मद तारिक और अलीगंज में रहने वाले मुईन खान ने भी सौरभ को नौकरी दिलाने के लिए रुपये दिए थे।

मुफ्त में मोबाइल फोन भी लिया

फैजान ने बताया कि उसने सौरभ को 75 हजार रुपये नकद और 15 हजार रुपये कीमत का मोबाइल फोन दिया। जबकि तारिक और मुईन ने उसे करीब 40 हजार रुपये दिए थे। इसके बाद चारों लोगों को डीएमएससी (डिफेंस मिनिस्ट्री सप्लायर कोर आमर्ड) का फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र दिया।

ड्यूटी ज्वाइन करने गए तो हुआ खुलासा

फैजान ने बताया कि तीन दिन बाद वह लोग ड्यूटी ज्वाइन करने सीतापुर स्थित आर्मी कैंटीन पहुंचे। वहां अधिकारियों ने उनके नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड को फर्जी करार दिया। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि कैंटीन में इस तरह की कोई भर्ती ही नहीं निकली है। यह सुनकर पीडि़तों के पैरों तले जमीन खिसक गई। पीडि़तों ने गुरुवार को गुडंबा थाने में आरोपी सौरभ के खिलाफ शिकायत की। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

Posted By: Inextlive