- लगातार बढ़ रही परेशानी, अब मुश्किल में राजधानी

रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना शहर वासियों पर कहर बनकर टूटा है। श्मशान में जलती चिताओं की लपटें हैं, शव जलाने के लिए वेटिंग का दर्द और लकडि़यों का रोना है। साथ ही चिताओं की धधकती आग में धुआं होती उम्मीदें हैं। अस्पतालों में बेड व वेंटिलेटर के लिए तड़पते मरीज हैं और होम आइसोलेशन में एंबुलेंस के इंतजार में कराहते, चीखते, चिल्लाते, विनय अनुनय करते मरीज व तीमारदार हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। इस अव्यवस्था और मौतों के तांडव के बीच हर कोई बेबस है। राजधानी की यह तस्वीरें दिलों-दिमाग को हिला देने वाली हैं। गुरुवार को हृदय को झकझोर देने वाली अव्यवस्था की तस्वीरें सामने आई हैं।

वेंटिलेटर की दरकार में उखड़ रही सांसें

बलरामपुर अस्पताल में 24 वर्षीय किशन गुप्ता का ऑक्सीजन स्तर 51 तक गिर गया है, लेकिन उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है। घरवाले अधिकारियों व डाक्टरों से रहम की भीख मांग रहे हैं। राजाजीपुरम निवासी किशन कोरोना संक्रमित हैं। उनके पिता लाल बहादुर गुप्ता भी संक्रमित थे, जिनकी नौ अप्रैल को मौत हो चुकी है।

गंभीर संक्रमित मरीज की नहीं हो पा रही भर्ती

आलमबाग के श्रीनगर निवासी नीरज भाटला की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। दो दिनों से लगातार उनके घरवाले एल-3 कोविड अस्पताल में भर्ती के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

शव के लिए भी नहीं मिल रही एंबुलेंस और वाहन

कोविड मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते अब सामान्य मरीजों व शव वाहन भी ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। लोहिया संस्थान में आशियाना के एलडीए कालोनी निवासी गिरिजा शंकर की गुरुवार को मौत हो गई। सांस में तकलीफ के चलते उन्हें भर्ती कराया गया था। वह कोरोना के संदिग्ध मरीज थे। उनकी मौत के बाद शव के लिए कई घंटे तक एंबुलेंस व शव वाहन नहीं मिला। फिर निजी वैन से किसी तरह शव को घर ले गए।

भर्ती के लिए मिन्नतें कर रहे तीमारदार

अस्पतालों में नॉन कोविड गंभीर मरीजों की भर्ती करना अब बेहद मुश्किल काम हो गया है। गुरुवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर के बाहर अपने पति गया लाल को भर्ती कराने के लिए मातादेई डाक्टरों के हाथ जोड़ती रहीं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं था।

होम आइसोलेशन में बिगड़ रही हालत

अब तक होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों में से अधिकांश की हालत बिगड़ने लगी है। इंदिरानगर निवासी राजीव तिवारी की कोरोना रिपोर्ट 11 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी। उनका आक्सीजन स्तर 90 से नीचे जा रहा है। वह तीन-चार दिनों से भर्ती के लिए एंबुलेंस की राह तक रहे, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली।

वर्जन

संक्रमित मरीजों की संख्या कई दिनों से पांच-छह हजार के करीब रह रही है। इससे समस्याएं आ रही हैं। लगातार बेड बढ़ाए जा रहे हैं। जल्द स्थिति नियंत्रण में होगी।

-डा। संजय भटनागर, सीएमओ

Posted By: Inextlive