- एकेटीयू में लंबे समय से चल रहा था पास कराने का खेल

- सेंटर्स पर स्टूडेंट्स को अपसेंट कराकर दूसरी जगह लिखवाते थे कॉपी

LUCKNOW : एकेटीयू में स्टूडेंट्स को पास कराने का खेल नया नहीं है। यहां बीते सालों में समय-समय पर कॉलेजों में होने वाली सामूहिक नकल और बाहर कॉपियां लिखवाकर जमा कराने का खेल होता रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले को रोकने की बात कहता है, पर कॉलेज बहाना बनाकर खुद को बचा लेते थे। गुरुवार को हुए सामूहिक नकल के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी ने इस पूरे खेल का पर्दाफाश कराने का दावा कर रही है। एकेटीयू प्रशासन इस खेल को रोकने के लिए एग्जाम सिस्टम में बड़े बदलाव करने की तैयारी भी कर रहा है।

दिला देते थे एप्लीकेशन

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि सेमेस्टर एग्जाम में हर बार 15 से 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स अपसेंट होते हैं। इसी का फायदा कॉलेज और नकल से जुड़े लोग उठाते रहे हैं। परीक्षा विभाग के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि यह खेल बेहद आसान तरीके से खेला जाता रहा है। एक ओर जहां अपसेंट स्टूडेट्स को चोरी की कॉपियों पर एग्जाम दिलाकर उसे मूल्यांकन के लिए यूनिवर्सिटी भेजा जाता था। बाद में स्टूडेंट यूनिवर्सिटी को एप्लीकेशन देते थे, जिसमें दावा किया जाता था वह एग्जाम में शामिल हुआ था पर केंद्र की लापरवाही से अपसेंट दिखाया गया। दावे की जांच में कॉपी तो मूल्यांकन के लिए मिलती थी लेकिन अपसेंट होने के कारण उसका रिकार्ड नहीं मिलता था। ऐसे मं स्टूडेंट का रिजल्ट अपलोड कर दिया जाता था।

ऐसे पकड़ा गया खेल

एकेटीयू के प्रवक्ता आशिष मिश्रा ने बताया कि इस साल से सभी केंद्रों से छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस का रिकार्ड मांगा गया। यह रिकार्ड हमने अपने यहां अपलोड कर लिए थे। मुजफ्फरनगर के कॉलेज के मामले में जब स्टूडेंट्स का रिजल्ट अपलोड किया जाने लगा तो कंप्यूटर ने एरर बताना शुरू किया। जांच की पता चला कि यह स्टूडेंट्स अपने केंद्र एग्जाम देने ही नहीं गए। इन्हें जिन केंद्रों पर एग्जाम देना था उसका बारकोड और इन्होंने जिन कॉपियों पर एग्जाम दिया था उसका बारकोड अलग था। इससे यह मामला खुल गया।

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यह था मामला

एकेटीयू के कॉलेज कोड संख्या 84 भगवंत इंस्टीट्यूट के 6 छात्रों का सेंटर बिजनौर रोड स्थित कॉलेज कोड संख्या 17 कुंवर सत्यवीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को बनाया गया था, ये स्टूडेंट्स यहां पेपर देने नहीं पहुंचे। स्टूडेंट्स ने अपने ही संस्थान में पेपर दिया। भगवंत इंस्टीट्यूट के एक कर्मचारी ने एग्जाम कॉपियां चुरा कर छात्रों को उपलब्ध कराई। इंस्टीट्यूट ने अन्य छात्रों की कॉपियों के साथ इनकी कापियों को मिला कर मूल्यांकन के लिए भेजा।

Posted By: Inextlive