लखनऊ यूनिवर्सिटी में फीस वापस न होने पर एनएसयूआई और समाजवादी छात्रसभा के लोग शनिवार को फाइनेंस ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। इन लोगों का आरोप है कि एडमिशन न लेने स्टूडेंट्स की फीस नहीं लौटाई गई है। प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही प्रॉक्टोरल बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची और मंगलवार तक रिफंड का आश्वासन दिया।

लखनऊ (ब्यूरो)। छात्र संगठन के सदस्यों का कहना है कि नियम के अनुसार एडमिशन न लेने पर लिखित में देेने के बाद एक महीने के भीतर रिफंड की व्यवस्था का नियम है। लेकिन यहां दो महीने बीत जाने के बाद भी सैकड़ों छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फीस वापस नहीं की है।

फंड नहीं है कहकर लौटाया था
एनएसयूआई के इकाई अध्यक्ष विशाल सिंह का कहना है कि यूजी के 200 से अधिक, पीजी के 130 और पीएचडी के 30 के आसपास स्टूडेंट्स ने रिफंड न मिलने की शिकायत की है। हम लोगों ने एडमिशन कोऑर्डिनेटर पंकज माथुर को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने एक हफ्ते में रिफंड आने की बात कही, लेकिन रिफंड नहीं आया। हम लोगों ने फाइनेंस ऑफिसर के पीए से भी संपर्क किया था, उन्होंने बजट न होने की बात कह कर लौटा दिया था। विरोध करने पर मंगलवार तक पैसा वापस आने की बात कही थी, लेकिन शनिवार हो गया तब भी रिफंड नहीं पहुंचा। इस पर हम लोगों ने प्रदर्शन किया।

यह रहे प्रदर्शन में मौजूद
प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष विशाल सिंह, शहर अध्यक्ष प्रिंस प्रकाश, शुभम खरवार, अंकित चौधरी गोपी, सुयेश, अजय गोपी, अंकुश चौहान, शरद अर्सलान, अमित यादव आदि मौजूद रहे।

भारतीय संस्कृति से रूबरू कराना है जरूरी
पर्यटन अध्ययन संस्थान, एलयू और संस्कृति विभाग यूपी ने मिलकर शनिवार को भारतीय संस्कृति में विविधता विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान एलयू वीसी आलोक कुमार राय संरक्षक रहे। विशिष्ट अतिथि आईएएस आनन्द कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विवि की ओर से स्टूडेंट्स को देश की विविध संस्कृतियों से परिचित कराने का माध्यम होते हैं। पैनलिस्ट में कथक नृत्यांगना प्रो कुमकुम धर, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर आपरेटर्स के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष प्रतीक हीराए, ट्रैवेल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के यूपी व उत्तराखंड केअध्यक्ष हिना सिराज आदि मौजूद रहे।

ऑनलाइन महिलाओं को जागरूक करेगा एलयू
लखनऊ यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी ने साइबर अपराधों, शादीशुदा महिलाओं के कानूनी अधिकारों को लेकर आमलोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। फैकल्टी के विधिक सहायता केंद्र ऑनलाइन वीडियो के जरिए तीन चरणों में जागरूकता अभियान चला रहा है। शनिवार को इसकी शुरुआत हुई। प्रथम चरण में साइबर अपराध रिपोर्टिंग, शादीशुदा महिलाओं के कानूनी अधिकार, ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने जैसे विषयों पे यूट्यूब वीडियो बनाया गया। आगे के दो चरणों में रेप पीडि़ता के अधिकार, आरटीआई दायर करने की प्रक्रिया जैसे विषयों पे यूट्यूब वीडियो बनाए जाएंगे। यह काम डॉ बी डी सिंह, और डॉ आलोक कुमार यादव की सहायता से किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive