बस कुछ दिन का इंतजार फिर राजधानी में एक्यूआई लेवल खतरे के निशान तक भी नहीं पहुंचेगा। इसकी वजह यह है कि राजधानी की हवा को शुद्ध रखने के लिए निगम प्रशासन की ओर से कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए बकायदा एक्शन प्लान बनाया गया है। खास बात यह है कि हवा शुद्ध रखने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की राह में वित्तीय संकट रोड़ा नहीं बनेगा।

लखनऊ (ब्यूरो)। निगम की आरे से 750 पार्कों के सौंदर्यीकरण की रुपरेखा तैयार की गई है, वहीं दूसरी तरफ पहले चरण में करीब 100 पार्कों में हरित वाटिका तैयार कराई जाएगी। जिसका सीधा लाभ पार्कों में आने वाले लोगों को मिलेगा। इस वाटिका में प्रदूषण रोधी पौधे लगाए जाने के साथ ही उनके रखरखाव के लिए कर्मचारी भी लगाए जाएंगे। जिससे साफ है कि गुजरते वक्त के साथ ये पौधे सूखेंगे नहीं और इनकी मदद से राजधानी की हवा भी शुद्ध रहेगी।

ग्रीन लेन डेवलपमेंट
इसके तहत प्रमुख मार्गों पर स्थित ग्रीन लेन डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा। इस कदम को उठाने से पहले प्रमुख मार्गों की ग्रीन लेन का सर्वे कराया जाएगा और उनकी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके बाद उस रिपोर्ट के आधार पर ग्रीन लेन डेवलपमेंट की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाएंगे।

री साइकिलिंग पर फोकस
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को भी बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए भी प्लानिंग की जा रही है। इसे तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में घरों से कलेक्ट होने वाले वेस्ट को चिन्हित स्थानों पर कलेक्ट किया जाना, दूसरे चरण में उस वेस्ट को प्रॉपरली शिवरी प्लांट पहुंचाना और तीसरा चरण उक्त वेस्ट का निस्तारण किया जाना शामिल है। जिससे इंदौर की तर्ज पर राजधानी में भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बेहतर हो सके और राजधानी स्वच्छ नजर आए। जब कहीं वेस्ट कलेक्ट होगा ही नहीं तो साफ है कि वातावरण शुद्ध रहेगा।

तालाबों का सौंदर्यीकरण
वार्डों में स्थित सूख चुके तालाबों के सौंदर्यीकरण पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके तहत सभी वार्डों में ऐसे तालाब चिन्हित किए जा रहे हैैं, जो लगभग समाप्ति की ओर हैैं। इनका सौंदर्यीकरण कुछ इस प्रकार कराया जाएगा, कि ये पिकनिक स्पॉट के रूप में नजर आएं। जिसका लाभ जनता को मिल सके। इस सर्वे कार्य में वार्ड पार्षदों की भी मदद ली जाएगी।

बजट की समस्या नहीं
अभी तक देखने में आता था कि सौंदर्यीकरण के प्लान तो बन जाते थे लेकिन वित्तीय संकट की वजह से उक्त योजनाएं कागजों में ही सिमट कर रह जाती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि 15वें वित्त से बजट की व्यवस्था की जाएगी। जिससे समयबद्ध तरीके से डेवलपमेंट के कार्य पूरे हो सकेंगे।

पहले होते थे नाली या अन्य निर्माण
14वें वित्त तक की बात की जाए तो पहले शासन से मिलने वाली उक्त धनराशि से नाली, सड़क इत्यादि निर्माण होते थे लेकिन अब इस निधि के माध्यम से वातावरण को शुद्ध रखने की दिशा में भी कदम आगे बढ़ाए जा सकेंगे।

वित्त समिति ने लिया निर्णय
खास बात यह भी है कि 15वें वित्त की समिति की ओर से उक्त निर्णय लिए जा चुके हैैं। जिससे साफ है कि जल्द ही राजधानी की हवा को शुद्ध रखने की दिशा में की गई प्लानिंग को इंप्लीमेंट किया जाएगा।

पर्यावरण शुद्ध रहे, इसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे। इसके मद्देनजर एक्शन प्लान बनाया गया है। जिसके माध्यम से पार्कों में हरित वाटिका, तालाबों का सौंदर्यीकरण व अन्य कार्य कराए जाएंगे।
संयुक्ता भाटिया, मेयर

Posted By: Inextlive