नंबर गेम

2 हजार छोटे-बड़े मैरिज लॉन, गेस्ट हाउस, रिजार्ट राजधानी में

600 के करीब छोटे-बड़े मैरिज हॉल और बैंक्वेट हॉल

1 लाख से अधिक लोगों को मिलता है रोजगार

25 करोड़ से अधिक का होता है सालाना बिजनेस शादियों में

15 करोड़ से अधिक का हो चुका नुकसान

22 हजार के करीब शादियां हर साल होती हैं राजधानी में

शुरू किया पोल्ट्री का काम

लॉकडाउन में काफी नुकसान हुआ है और जो बुकिंग थीं वे भी कैंसिल हो गई हैं। हमारी कमाई का जरिया ही खत्म हो गया तो हमने पोल्टी का काम शुरू किया। अब अनलॉक हुआ है लेकिन लोगों ने फंक्शन को लेकर गाइडलाइन को देखते हुए अपना बजट कम कर दिया है। बहुत कम लोग ही बुकिंग के लिए आ रहे हैं। अगर हालात जल्द न सुधरे तो हमारे सामने आया यह संकट और भी गहरा जाएगा। इस समय बस किसी तरह गुजारा कर रहे हैं।

रवि तुली, ओनर रजवाड़ा लॉन

- लोग अभी नहीं करा रहे मैरिज हॉल, लॉन आदि की बुकिंग

- इस बिजनेस से जुड़े कुछ लोगों ने शुरू किया दूसरा बिजनेस

LUCKNOW :मैरिज हॉल, लॉन, गेस्ट हाउस, रिजार्ट आदि की बुकिंग शादी से तीन चार माह पहले हो जाती है, लेकिन इस बार नवंबर और दिसंबर की लगनों की बुकिंग भी अभी नहीं हो सकी है। यह मेहमानों की फंक्शन में संख्या निर्धारित किए जाने के कारण हो रहा है। इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि हर साल शादियों के सीजन में जहां बुकिंग को लेकर मारामारी रहती थी, वहीं अबकी बार सन्नाटा है। उन्हें अब तक कम से कम 15 करोड़ का नुकसान हो चुका है। आलम यह है कि कुछ लोगों ने अपना घर चलाने के लिए मजबूरी में कर्मचारियों को निकाला तो कुछ ने तो नया धंधा ही शुरू कर लिया।

नुकसान का अनुमान नहीं

राजधानी के मैरिज हॉल, गेस्ट हाउस, रिजार्ट आदि में हर साल करीब 25 करोड़ का कारोबार शादियों के सीजन में होता है। इस बार यह बिजनेस पूरी तरह पटरी से उतर चुका है। शादियों के लिए लोग इनकी बुकिंग कराने से बच रहे हैं। हालांकि बर्थडे पार्टी, बिजनेस मीट आदि छोटे-छोटे फंक्शन शुरू हो गए हैं।

गाइडलाइन स्पष्ट नहीं

मोती महल लॉन के ओनर मनोज बचानी ने बताया कि नई गाइडलाइन लॉन को लेकर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अब इस साल सिर्फ 15-20 दिनों की सहालग ही बची है। शादियों की प्लानिंग लोग तीन-चार माह पहले से शुरू कर देते हैं। बुकिंग न आना अच्छे संकेत नहीं हैं। हमें बस अगले साल मार्च की शादियों से ही कुछ उम्मीद दिख रही है। फिलहाल जो खर्चा चल रहा है, वह जमा पूंजी से ही किया जा रहा है।

कुछ वक्त तो लगेगा

स्कॉर्पियो क्लब के ओनर संजीव जायसवाल ने बताया कि मार्च के अंत से उनका बंद रहा। अनलॉक में भी 10 फीसद से कम बिजनेस ही अब हो रहा है। हमें यहां काम करने वाले कई लोगों को मजबूरी में निकालना पड़ा। जो कर्मचारी हैं वे भी मुसीबत में हैं। मेहमानों की संख्या फंक्शन में बढ़ाए जाने से कुछ राहत तो मिली है लेकिन इस इंडस्ट्री को उबरने में अभी कुछ वक्त निश्चित रूप से लगेगा।

बढ़ाई जाए मेहमानों की संख्या

पर्ल गार्डन के ओनर नियमत अब्दुल्ला ने बताया कि हमारा लॉन बड़ा है और जब लोग कम बुलाए जा सकेंगे तो इसकी बुकिंग कोई क्यों कराएगा। लोग खर्चा कम करने के लिए होटल बुक करा रहे हैं। अब सिनेमा हाल भी खुल रहे हैं ऐसे में सरकार को चाहिए कि हम लोगों के लिए भी कुछ करे। फंक्शन में आने वालों की लिमिट बढ़ाई जाए। हमारे यहां तो सोशल डिस्टेंसिंग भी आसानी से मैनेज हो जाएगी।

कोट

लॉन को लेकर गाइडलाइन पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस साल सहालगें भी कम हैं, ऐसे में हम लोगों को फिलहाल कोई फायदा होते नहीं दिखाई दे रहा है। हमें तो बिजनेस में सुधार मार्च बाद ही होने की उम्मीद है।

मनोज बचानी, मोती महल लॉन

कोरोना का वैसे तो सभी इंडस्ट्री पर असर पड़ा है लेकिन होटल और रिजॉर्ट इंडस्ट्री को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले साल की तुलना में इस बार 10 फीसद भी काम नहीं मिला है। काफी नुकसान हो रहा है।

संजीव जायसवाल, स्कॉर्पियो क्लब

बड़े लॉन में फंक्शन करने में खर्च ज्यादा आता है और जब अधिक लोगों को बुलाया ही नहीं जा सकता तो लोग भला लॉन क्यों बुक कराएंगे। सरकार को हमारी समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए।

नियामत अब्दुल्ला, पर्ल गार्डन

Posted By: Inextlive