बोर्ड बैठक में व्यवस्था बनाने के लिए कमेटी का गठन, 20 दिसंबर तक मिलेगी रिपोर्ट

रुष्टयहृह्रङ्ख : छावनी के जनरल अस्पताल में पीपीपी मॉडल के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श और ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराने से पहले एक कमेटी इसका अध्ययन करेगी। कमेटी में सैन्य डॉक्टर, छावनी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ। एससी जोशी और इंजीनियर शामिल होंगे। कमेटी अपनी रिपोर्ट 20 दिसंबर तक सौंपेगी। यह निर्णय छावनी परिषद की शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में लिया गया। साथ ही छावनी की जमीन को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए तीस साल की लीज पर देने के प्रस्ताव पर परिषद अध्यक्ष मेजर जनरल राजीव शर्मा ने डीपीआर बनाने का आदेश दिया।

छावनी के जनरल अस्पताल में दोपहर दो से रात आठ बजे तक स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ओपीडी के प्रस्ताव का प्रस्तुतिकरण हुआ। इसमें बताया गया कि पीपीपी मॉडल में जनरल ओपीडी की फीस 125 और विशेषज्ञ ओपीडी की फीस 250 रुपये होगी। पैथोलॉजी में केवल जांच कराने के लिए 25 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क और सीजीएचएस की दर से जांच का शुल्क लिया जाएगा। पहले चरण में आर्थो, न्यूरो, कार्डियो, गैस्ट्रो, यूरोलॉजी, महिला रोग और इंडोक्राइन की ओपीडी शुरू होगी। दूसरे चरण में महिलाओं और जनरल सर्जरी की ओटी, तीसरे चरण में एमआरआइ, सीटी व इको जांच के साथ स्पेशल सर्जरी की शुरुआत होगी। हालांकि, इस अस्पताल की वर्तमान बिल्डिंग का इस्तेमाल कर लाभ का 10 प्रतिशत रेवेन्यू ही परिषद को मिलेगा। जीओसी ने जब पूछा कि दवाएं परामर्श फीस में शामिल होंगी तो बताया गया कि नहीं, बाहर से खरीदनी हाेंगी।

अभी रोजाना औसतन चार सौ मरीजों की ओपीडी

डॉ। एससी जोशी ने बताया कि इस अस्पताल में करीब चार सौ रोगियों की ओपीडी पहले से हो रही है। इसमें केवल पांच रुपये में जनरल ओपीडी और 10 रुपये के पर्चे पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर देखते हैं। इसमें दवाएं अस्पताल की ओर से ही रोगियों को दी जाती हैं। अस्पताल जेनरिक समेत 250 तरह की दवाएं रोगियों को अपनी ओर से देता है। दवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर है। हर माह आठ से नौ महिलाओं के प्रसव के साथ अस्पताल के 42 बेड को अस्थायी रूप से रोगियों के उपचार के लिए रखा गया है। जीओसी पीपीपी मॉडल पर कंपनी के प्रस्तुतिकरण पर सहमत नहीं दिखे। उन्होंने साफ कहा कि नियम और शर्ते छावनी परिषद तय करेगा।

कमांड अस्पताल में बनेंगे जन्म प्रमाण पत्र

छावनी के कमांड अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र और रोगियों की मौत के बाद उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनेगा। अभी कमांड अस्पताल के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र छावनी परिषद में बनते हैं। कई बार प्रमाण पत्र के लिए जवानों को दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों से छुट्टी लेकर आना पड़ता है। मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले। जनरल इकरूप सिंह घूमन ने जवानों को राहत देने के लिए कमांड अस्पताल में ही प्रमाण पत्र का काउंटर खोलने के आदेश दिए। सीईओ अमित मिश्र ने बताया कि काउंटर के लिए ओटीपी बन गया है। जल्द यह सुविधा मिलेगी।

----------------

इन बिंदुओं पर भी हुआ निर्णय

जीओसी ने सूर्या ऑफिसर्स क्लब और एमबी क्लब की तर्ज पर प्रस्तावित छावनी परिषद के दिलकुशा क्लब को बनाने की सहमति दे दी। उन्होंने कहा कि क्लब के गठन के बाद ही इसके बायलॉज मंजूर होंगे। वित्त मंत्रालय से मिले 1.60 करोड़ रुपये के अनुदान से विकास कार्य होंगे। इसके अलावा 13 सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगले के बिल्डिंग प्लान की फाइल गायब होने के मामले में कैंटोनमेंट इंजीनियर का कारण बताओ नोटिस खारिज करते हुए चेतावनी जारी की गई।

गैस बनाने का भी प्रस्ताव

बोर्ड बैठक में एक कंपनी ने छावनी के सुलतानपुर रोड स्थित टीचिंग ग्राउंड में रोजाना 40 टन कचरे से गैस बनाने का प्रस्ताव दिया। जीओसी ने प्रोजेक्ट की डीपीआर या एग्रीमेंट के साथ आने के लिए कहा।

अस्पताल की अपनी सेवाएं रहेंगी जारी

हालांकि, अस्पताल में पहले से जारी स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पीपीपी मॉडल की स्वास्थ्य सेवाएं और ओपीडी दोपहर दो बजे के बाद शुरू होंगी। अस्पताल की अपनी सरकारी ओपीडी सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक चलती है। वह यथावत रहेगी। मरीजों को पहले की तरह पांच और दस रुपये के पर्चे पर इसका लाभ मिलता रहेगा।

अस्पताल पर इन क्षेत्रों के लोग हैं निर्भर

छावनी के जनरल अस्पताल में कैंट के अलावा हुसैनगंज, पुराना किला, बंदरिया बाग, अर्जुनगंज, निलमथा, तेलीबाग और घोसियाना क्षेत्र के लोग उपचार के लिए आते हैं।

Posted By: Inextlive