हॉकी कोच पंडित राम अवतार मिश्रा का बुधवार देर रात केजीएमयू में निधन
गुलशन द्विवेदी। पं राम अवतार मिश्रा के निधन पर विजयंत खंड स्थित मो। शाहिद हाकी स्टेडियम में एक शोक सभा आयोजित की गई। इसमें ओङ्क्षलपियन सैयद अली, सुजीत कुमार, मुकुल लाल साह, खुर्शीद अहमद, इमरानुल हक सहित अन्य मौजूद रहे।
रजनीश मिश्र, पूर्व इंडियन हॉकी कैप्टन
एक थप्पड़ ने बदल दी जिंदगी
इंडियन हॉकी के सबसे स्टाइलिश प्लेयर्स में गिने जाने वाले रजनीश मिश्र की पंडित राम अवतार मिश्र ने जिंदगी ही बदल दी। पंडित मिश्र के निधन पर उन्हें याद करते हुए रजनीश ने बताया कि बात उन दिनों की है जब वह गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में ट्रेनी में थे। एक दिन वह कॉलेज से बंक मारकर निराला नगर स्थित आईटी कॉलेज के बाद घूम रहे थे। इसी दौरान स्पोर्ट्स कॉलेज में उनके कोच पंडित मिश्र ने उनको देख लिया, फिर क्या हॉस्टल पहुंचने पर उन्होंने जो उनको डांट लगाई और एक थप्पड़ भी जड़ा। जिसके बाद बाद उन्होंने काफी प्यार से समझाया कि यह उम्र अभी हॉकी पर पूरा फोकस करने की है। घूमने फिरने के लिए पूरी जिंदगी बाकी है। रजनीश बोले, उसके बाद उन्होंने उसकी इस बात को आत्मसात कर लिया। अपने गेम पर पूरा फोकस किया और इंडिया के लिए सौ से ऊपर मैच खेले और कई मैचों में टीम को जीत भी दिलाई। रजनीश ने कहा कि पं। राम अवतार मिश्र ने हॉकी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वह अपने सभी स्टूडेंट्स को अपने बच्चों जैसा मानते थे। उनके जैसा हॉकी कोच मिलना काफी मुश्किल है।
डॉ आरपी सिंह, पूर्व इंटनेशनल हॉकी प्लेयर
पंडित जी ने तो मेरी जिंदगी बदल दी
पंडित जी के नाम से मशहूर हॉकी कोच पं। राम अवतार मिश्र को याद करते हुए उनके शिष्य रहे पूर्व इंटरनेशन हॉकी प्लेयर और वर्तमान में यूपी स्पोर्ट्स डायरेक्टर डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि मैं पहले फुटबॉल का प्लेयर था मैंने नेशनल कैंप भी किया। मेरी स्पीड को देखते हुए पंडित बोले, ठाकुर साहब तुम हॉकी खेलो फुटबॉल में कुछ नहीं रखा। सन 1980 में गुरुगोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में पंडित जी ने मुझे हॉकी के गुरु सिखाए और आज मैं जो भी कुछ हूं उन्हीं की वजह से ही हूं। उन्होंने मेरी अंदर की प्रतिभा को पहचाना, उसे निखारा। जिसके चलते मैंने देश और विदेश में बेहतरीन हॉकी खेली। आर पी सिंह ने बताया कि पंडित जी हॉकी के लिए पूर्णत: समर्पित थे। बच्चों के साथ खुद लगकर घंटों मैदान पर पसीना बहाते थे। कभी न थकने वाले पंडित जी हमेशा एक बात कहते जो मेहनत आज तुम करोगे वह जिंदगी भर तुम्हें आराम देगी। यूपी में वह बेहतरीन कोचों में गिने जाते थे। उनकी कमी हमेशा हॉकी को खलती रहेगी।
जिसने स्टाइल दिखाई उसको फौरन डांट लगाई
एसबीआई में कार्यरत पूर्व इंटरनेशन हॉकी प्लेयर विजय सिंह की अपने गुरु की याद करते हुए आंखें नम हो गई, बोले, पंडित जी तो मानों हॉकी के लिए ही बने हों। वह हॉकी को जीते थे। हमेशा उनके दिमाग में हॉकी ही चला करती थी, कैसे हॉकी के प्लेयर्स को निखारा जाए, विरोधी टीम क्या कर रही, कौन खिलाड़ी किस स्टेट का बेहतर कर रहा है आदि आदि। वह जितना सख्त थे उतना ही नर्म भी। कहीं भी कोई प्लेयर अगर अपने ट्रैक से हटता था, मसलन स्टाइल दिखाता था, फैशन आदि के चक्कर में पड़ता था वैसे ही उसको डांट का कड़वा घूंट पिलाते थ। उनके जैसा कोच मिलना आज के जमाने में काफी मुश्किल है।
पूरन सिंह भंडारी, पूर्व हॉकी प्लेयर
टैलेंट को पहचानने में माहिर थे
इंडियन पोस्ट सर्विस में अधिकारी और पूर्व हॉकी प्लेयर पूरन सिंह भंडारी ने बताया कि पंडित राम अवतार मिश्र में सबसे बड़ी खासियत थी कि वह प्लेयर के अंदर मौजूद टैलेंट को बहुत ही जल्दी पहचान लेते थे। मैदान के बाहर से गेम गौर से देखकर हर प्लेयर की पोजीशन तय कर देते थे। हाफ टाइम में जब मैदान में आते तो प्लेयर्स बताते थे कि तुम अब इस पोजीशन में खेलो तो काफी बेहतर कर सकते हो। उन्होंने कभी भी किसी खिलाड़ी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया, जो जिस लायक था उसे उसी तरह का मौका दिया। ऑन फील्ड और ऑफ फील्ड उनका स्वभाव बिल्कुल अलग था, ऑन फील्ड हमेशा सख्त रहते थे, और ऑफ फील्ड बिल्कुल दोस्ताना स्वाभाव।