केजीएमयू में सुपरस्पेशियलिटी कोर्स डीएम के स्टूडेंट ने विभागाध्यक्ष समेत दो अन्य शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाने के साथ वाइवा में जानबूझकर फेल करने की बात कही है। इतना ही नहीं स्टूडेंट ने एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ तक का आरोप लगाया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में टॉपर छात्र को वाइवा में फेल करने के मामले का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया और चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बाल कृष्ण नारायण ने मामले को गंभीर उल्लंघन मानते हुए विभाग को 11 अक्टूबर तक आयोग को प्रयागराज स्थित ऑफिस में जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।जानबूझकर फेल करने का आरोप


केजीएमयू में सुपरस्पेशियलिटी कोर्स (डीएम) के स्टूडेंट ने विभागाध्यक्ष समेत दो अन्य शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाने के साथ वाइवा में जानबूझकर फेल करने की बात कही है। इतना ही नहीं स्टूडेंट ने एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ तक का आरोप लगाया है। छात्र के अनुसार वो अपनी डिग्री के लिए सब कुछ सहता गया, पर इसके बावजूद उसे वाइवा में फेल कर दिया गया। हालांकि, केजीएमयू प्रशासन पूरे मामले में निष्पक्षता का दावा कर रहा है, क्योंकि वाइवा में बाहरी शिक्षक आते हैं। हालांकि, मामले को लेकर जांच कमेटी बना दी गई है।दो घंटे तक दर्ज हुए बयान

मामला सामने आने के बाद केजीएमयू प्रशासन हरकत में आया और मंगलवार को जांच कमेटी द्वारा करीब दो घंटे तक मामले को लेकर स्टूडेंट और आरोपी शिक्षकों के बयान दर्ज किये गये। साथ ही समिति ने छात्र से उसकी ओर से लगाए गए आरोपों पर विभिन्न पहलुुओं से गौर किया। बयान लेने के बावजूद समिति अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। मामले में अब अगली बैठक छह अक्टूबर को होगी। जांच कमेटी में प्रॉक्टर प्रो। क्षितिज श्रीवास्तव समेत अन्य वरिष्ठ शिक्षक शामिल है। छात्र ने सभी आरोप के साक्ष्य उपलब्ध होने की बात कही है। पूरी बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।

Posted By: Inextlive