रेलवे स्टेशन पर दिखे संदिग्ध तो एप पहुंचा देगा जेल
- 6 सीसीटीवी चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगाए गए
- 15 दिन से चल रहा है ट्रायल - 154 स्टेशनों पर टेक्नोलॉजी का किया जाएगा यूज - 2 संदिग्धों को टेक्नोलॉजी के जरिये दबोचा गया - चारबाग स्टेशन पर हाईटेक सीसीटीवी का ट्रायल रहा सफल - एप ने भी संदिग्ध की पहचान कर अधिकारियों को किया अलर्टLUCKNOW: रेलवे स्टेशन परिसर में एंट्री करते ही जहरखुरानी, चोर, अपराधियों व संदिग्धों की अब खैर नहीं। उनके स्टेशन पर पहुंचते ही कुछ सेकंड में जीआरपी उन्हे दबोच लेगी और हवालात में डाल देगी। दरअसल, रेलवे ने स्टेशन परिसर और ट्रेन में हाईटेक सीसीटीवी लगाए हैं और उन्हे सिक्योरिटी एप से जोड़ा है। इससे सीसीटीवी न केवल संदिग्ध की फोटो एप पर भेज देगा बल्कि यह भी बताएगा कि संदिग्ध व्यक्ति किसी जगह पर है। वहीं एप संदिग्ध को पहचान कर जीआरपी को अलर्ट करेगा।
बजने लगेगा अलार्म
रेलवे बोर्ड द्वारा चारबाग स्टेशन पर इस टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया गया, जिसमें इसके काफी सफल परिणाम सामने आये। ऐसे में इस टेक्नोलॉजी का यूज लखनऊ मंडल के करीब 154 रेलवे स्टेशन शुरू करने की तैयारी जोरों पर है। जानकारों की मानें तो संदिग्ध की पहचान होते ही रेलवे परिसर व अधिकारियों के मोबाइल में मौजूद एप का अलार्म बजने लगेगा।
हुलिया बदलने पर भी खैर नहीं सूत्रों की मानें तो हाईटेक सीसीटीवी, कंट्रोल रूम, सर्वर और नेटवर्क की निगरानी के लिए विशेष सेल बनाया जाएगा। संदिग्धों की सटीक पहचान और इमेज के लिए चार तरह के कैमरे लगाएं जाएंगे। इन सभी की अलग-अलग खासियत होगी। इन कैमरों में हुलिया के आधार पर पहचान से लेकर धुंधली रोशनी में भी पहचान स्पष्ट होगी। रेलवे को जिनकी तलाश है यदि वे अपना हुलिया बदल भी लेते हैं तो भी कैमरे अधिकतम सही परिणाम देंगे। तीन स्तर पर होगी निगरानी - मंडल स्तर पर केंद्रीकृत निगरानी होगी - रेलवे स्टेशनों स्तर पर - आईटी टीम स्तर पर बाक्स दो दिन पहले पकड़े गए थ्ो संदिग्ध चारबाग रेलवे स्टेशन पर इस टेक्नोलॉजी के ट्रायल के दौरान ऐसे ही दो संदिग्धों को रेलवे पुलिस ने धर दबोचा और उन्हें जेल भेजा गया। रेलवे स्टेशन और ट्रेन में लोगों के मोबाइल और सामान चुराने के आरोपियों की तलाश की जा रही थी। इस दौरान एप ने दो संदिग्धों की सटीक सूचना अधिकारियों के एप और कंट्रोल रूम को दी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बाक्सयह नई टेक्नोलॉजी की विशेषता
- 50 से 70 मीटर की दूरी तक सीसीटीवी ले सकता है तस्वीर - कंट्रोल रूम में इसे कई गुना जूम करके देखा जा सकता है - ट्रेन से उतरते चढ़ते समय यात्री कैमरे के एंगल पर होंगे - 30 दिनों तक डाटा स्टोर रहेगा वर्जन रेलवे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज कर रहा है। इसी के तहत हाईटेक सीसीटीवी और एप का ट्रायल किया गया, जो सफल रहा है। अब इसे लखनऊ मंडल के दूसरे स्टेशन पर लगाया जाएगा। अजीत सिंहा, पीआरओ, लखनऊ रेलवे बाक्स दिव्यांग को भी मिलेगी भरपूर मदद सीसीटीवी व एप के माध्यम से दिव्यांग, बुजुर्ग के साथ बीमार व्यक्ति को कोई प्रॉब्लम होने पर संबंधित स्टाफ को सूचना दी जाएगी ताकि उनकी मदद की जा सके। इस टेक्नोलॉजी का यूज सबसे पहले डेढ़ सौ ए श्रेणी के स्टेशनों व दूसरे चरण में दूसरी श्रेणी के स्टेशनों पर शुरू किया जाएगा।