- पीएम रिलीफ फंड, जनधन अकाउंट होल्डर को मुफ्त मकान जैसे फर्जीवाड़ों के बाद जालसाजों की नजर ईएमआई पर

- पेमेंट लिंक भेजकर दे रहे ईएमआई एक्स्टेंड कराने के लिये रजामंदी देने का झांसा

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW:

'आपको अपनी ईएमआई अगले तीन महीनों के लिये एक्स्टेंड करानी है तो जो ओटीपी आएगा उसे बताइयेगा.' लॉकडाउन के चलते ईएमआई जमा करने से छूट पाने की चाहत रखने वालों को ऐसी कॉल फौरी तौर पर तो राहत पहुंचा सकती हैं। पर, अगर इस ओटीपी को आपने किसी से शेयर किया तो समझिए आपका अकाउंट साफ होने से कोई नहीं रोक सकता। साइबर जालसाजों ने लॉक डाउन के दौरान ठगी का यह नायाब फॉर्मूला ढूंढ निकाला है। वे अब ईएमआई के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। साइबर क्राइम सेल में ऐसी तीन शिकायतें पहुंच चुकी हैं, जिनकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है।

जरा सी चूक पड़ेगी भारी

लखनऊ साइबर क्राइम सेल के प्रभारी राहुल सिंह राठौर ने बताया कि जालसाजों ने लॉक डाउन के दौरान लोगों को आसान शिकार बनाने के लिये अब ईएमआई का सहारा लिया है। उन्होंने बताया कि जालसाज लोगों को कॉल कर उनकी ईएमआई की मियाद एक्स्टेंड करने का झांसा देकर उनका डेबिट कार्ड नंबर लेते हैं। फिर उन्हें बताया जाता है कि ईएमआई को एक्स्टेंड करने का प्रोसेस शुरू किया जा रहा है। प्रोसेस पूरा होने के बाद उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आएगा। जिसे जालसाज फिर से कॉल कर पूछ लेते हैं। इसी के कुछ देर बाद उस शख्स के अकाउंट से रकम डिडक्ट हो जाती है। प्रभारी राठौर ने बताया कि इस तरह की दो शिकायतें अब तक साइबर क्राइम सेल को मिल चुकी हैं। जिनकी जांच की जा रही है।

लिंक के जरिए भी जालसाजी

डेबिट कार्ड की डिटेल व ओटीपी मांगने के अलावा जालसाज एक दूसरे तरीके से भी लोगों को ईएमआई के नाम पर ठग रहे हैं। प्रभारी राठौर ने बताया कि जालसाज लोगों को कॉल कर पहले उनसे उनकी ईएमआई को एक्स्टेंड करने के बारे में पूछते हैं। अगर वह शख्स इसके लिये हामी भरता है तो जालसाज उसे एसएमएस में लिंक भेजकर उसे क्लिक कर अपनी रजामंदी देने को कहते हैं। इसके बाद उस शख्स ने जैसे ही एसएमएस में दिये गए लिंक को क्लिक किया तो उसके अकाउंट से रकम ट्रांसफर हो जाती है। दरअसल, यह लिंक रजामंदी के लिये नहीं बल्कि, गूगल पे पेमेंट लिंक होता है, जिसके जरिए वे रकम को पार कर देते हैं। प्रभारी राठौर के मुताबिक, इस तरह की भी एक शिकायत उन्हें मिली है।

लॉकडाउन में जालसाजों की पौ बारह

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एक तरफ पूरी दुनिया में दहशत है और केंद्र व राज्य सरकारें लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटी हैं, इसी दौरान साइबर जालसाजों ने इस संकट काल को भी अपनी ठगी का जरिया बना लिया। जालसाजों ने सबसे पहले पीएम कोविड केयर फंड में दान देने वालों को निशाने पर लिया और इसकी असल यूपीआई आईडी pmcares@sbi की जगह pmcare@sbi बना डाली। जिसके जरिए मदद करने वालों को चूना लगाया। इसी तरह जालसाजों ने जनधन खाता धारकों को ई-मेल या एसएमएस के जरिए लिंक भेजकर फॉर्म भरकर बैंक डिटेल मांगी और डिटेल मिलते ही उनके अकाउंट में जो भी रकम जमा थी उसे साफ कर दिया। इसे अलावा जालसाजों ने सीएम राहत फंड नाम से लोगों को एसएमएस भेजकर उन्हें पांच हजार रुपये देने का झांसा देकर उनकी बैंक डिटेल हासिल कीं और उन्हें चूना लगा दिया।

इन बातों का जरूर रखें ख्याल

- किसी से कभी भी ओटीपी शेयर न करें।

- बिना अप्लाई किये कोई सरकारी अनुदान या मदद नहीं मिलती।

- सरकार की ओर से कोई भी किसी से उसकी बैंक डिटेल फोन पर नहीं पूछता, इसलिए किसी से भी डिटेल साझा न करें।

- अगर कोई किसी अनुदान या मकान का झांसा दे तो संबंधित विभाग के दफ्तर में जाकर खुद इसकी पुष्टि करें।

Posted By: Inextlive