पूरे शहर में अवैध ट्रैवल एजेंसियों का मकड़जाल
271 फर्जी एजेंसियां मिलीं राजधानी में
35 लाख रुपए का रोज होता है कारोबार 67 प्राइवेट बसों को कुछ दिन पहले पकड़ा गया था 100 रुपए तक वसूले जाते हैं प्रोसेसिंग फीस के नाम पर - जांच में शहर में मिलीं बिना लाइसेंस काम कर रहीं 271 ट्रैवल एजेंसियां - ऑनलाइन सेवा के नाम पर लोगों को चूना लगा रहीं हैं ट्रैवल एजेंसियां LUCKNOW: बिना लाइसेंस लिए काम करने वाली ट्रैवल एजेंसियों की जांच शुरू हुई तो पता चला कि राजधानी में 271 एजेंसियां बिना आरटीओ ऑफिस के लाइसेंस के खुलेआम ऑनलाइन बुकिंग कर रही हैं। ये कंपनियां टिकट बुक करने एवं सुविधाओं के नाम पर पैसेंजर्स से मनमाना किराया वसूल रही हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन कंपनियों में से अधिकतर ने लाइसेंस बनवाने के निर्देश के बाद भी इसके लिए आवेदन भी नहीं किया है।न फिक्स चार्ज और ना ही रसीद
पूरी शहर में चल रही ये एजेंसियां बसों में टिकट बुक करने के साथ सफर के दौरान कई सुविधाएं देने का वादा करती हैं। इसके लिए लोगों से अलग से चार्ज भी लिया जाता है। खास बात यह है कि इसका न तो कोई फिक्स चार्ज है और ना ही इसकी कोई रसीद पैसेंजर्स को दी जाती है। यह पूरा सिस्टम जैसा ग्राहक, वैसा खेल के बेस पर चलाया जा रहा है। परिवहन विभाग के पास इन कंपनियों की ऑनलाइन शिकायत पहुंची थी।
खंगाली जा रही डिटेल आरटीओ ऑफिस में जब ट्रैवल एजेंसियों की डिटेल खंगाली गई तो पता चला कि शहर में सिर्फ आधा दर्जन एजेंसियों के पास ही आरटीओ ऑफिस से मिला लाइसेंस है। इसके बाद जांच शुरू की गई तो अब तक 271 ट्रैवल एजेंसियां बिना लाइसेंस वेबसाइट बनाकर ऑनलाइन टिकट बुक कर रही हैं। इनकी रिपोर्ट बनाकर जल्द ही जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी ठगी ट्रैवल एजेंसी कारोबार से जुड़े एक संचालक ने बताया कि टिकट के नाम पर लोगों से मनमाना किराया वसूला जाता है। प्राइवेट बस ऑपरेटर्स के साथ यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ही मुसाफिरों से 50 से 100 रुपए तक अतिरिक्त लिए जाते हैं। ऑनलाइन डाटा बदलना एजेंसी संचालक पर निर्भर करता है। बाक्स बिना लाइसेंस वाली एजेंसियां मोहल्ला संख्या गोमतीनगर 22इंदिरानगर 8
चौक 16 कैसरबाग 5 आशियाना 12 सरोजनीनगर 9 दुबग्गा 3 चौक 6 चारबाग 21 निशातगंज 11 नोट- इसके अलावा भी शहर के कई हिस्सों में बिना लाइसेंस के काफी संख्या में चल रही हैं एजेंसियां बॉक्स एक घंटा पहले बताते हैं लोकेशनये ट्रैवल एजेंसियां जिन बसों से लोगों को भेजती हैं, वे शहर के आउटर एरिया से पैसेंजर्स को उतारती और बैठाती हैं। बसों की लोकेशन एक घंटा पहले लोगों के मोबाइल पर भेजी जाती है। कुछ दिन पहले लखनऊ में अभियान के दौरान एक दिन में ऐसी 67 प्राइवेट बसों को पकड़ा गया था।
कोट जिला प्रशासन के आदेश पर बिना लाइसेंस काम कर रही एजेंसियों की तलाश की जा रही है। इनकी मनमानी पर ब्रेक लगाया जा रहा है। रिपोर्ट जल्द ही जिला प्रशासन का भेजी जाएगी। सिद्धार्थ यादव, एआरटीओ प्रवर्तन ट्रांसपोर्ट नगर