- एयर पॉल्यूशन से बढ़ रहा डिमेंशिया होने का खतरा

- साउंड पॉल्यूशन से बच्चे होते जा रहे हैं चिड़चिड़े

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: राजधानी में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ शारीरिक रूप से आपके बीमार कर सकता है बल्कि मानसिक रूप से भी आपको कमजोर कर सकता है। साउंड पॉल्यूशन से बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित होने का खतरा अधिक रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

बढ़ जाती है समस्या

केजीएमयू के साइकियाट्रीक डिपार्टमेंट के एडिशनल प्रोफेसर डॉ। आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि कई रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि प्रदूषण लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार करता है। इसका कारण यह है कि प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद खतरनाक तत्व खाने और पानी के जरिए हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं।

डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है

डॉ। आदर्श ने बताया कि एयर पॉल्यूशन से डिमेंशिया होने का खतरा रहता है। प्रदूषण की वजह से हवा में मौजूद हानिकारक कण शरीर में जाकर डिमेंशिया का खतरा बढ़ा देते हैं। फैक्ट्री, कारखाने आदि में काम करने वालों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसका सर्वाधिक असर बुजुर्गो में देखने को मिलता है।

बच्चे हो सकते हैं चिड़चिड़े

जिन एरिया में साउंड पॉल्यूशन अधिक होता है, वहां रहने वाले बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। उनकी एकाग्रता खत्म होने लगती है और उन्हें अपने विचार दूसरों के सामने रखने में समस्या आती है। वहीं जिन एरिया में वाटर पॉल्यूशन होता है, वहां के पानी में आर्सेनिक या लेड की मात्रा अधिक होती है। ये तत्व बच्चों के मानसिक विकास में बाधक बनते हैं।

जो पॉलिसी बने, उस पर अमल हो

कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि एयर और साउंड पॉल्यूशन को नियंत्रित करने के लिए पॉलिसी तो बनती हैं लेकिन कई बार उन पर अमल ठीक से नहीं हो पाता है। सरकार को चाहिए कि वह जो पॉलिसी बनाए, उस पर पूरी तरह अमल किया जाए।

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हम भी रखें इसका ध्यान

- सभी लोग साल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं

- पानी के नेचुरल स्रोतों को नुकसान न पहुंचाएं

- अपने वाहनों पर प्रेशर हॉर्न न लगवाएं

- कूड़ा न जलाएं और नदियों को प्रदूषित होने से रोकें

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बच्चों में इसका रखें ध्यान

- बच्चे बात-बात में बहस करने लगते हैं

- उनका किसी काम में मन नहीं लगता है

- वे एकांत में रहना पसंद करने लगते हैं

- पूछने पर भी वे अपने मन की बात नहीं बताते हैं

कोट

पॉल्यूशन का लोगों पर अलग-अलग तरह से असर देखने को मिलता है। एयर पॉल्यूशन से डिमेंशिया होने का खतरा रहता है। ऐसे में सभी लोगों को पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए मिलकर काम करना होगा।

डॉ। आदर्श त्रिपाठी, एडिशन प्रोफेसर साइकियाट्रीक डिपार्टमेंट, केजीएमयू

Posted By: Inextlive