- ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीजों को मिलेगी राहत

- विभागों की क्रिटिकल केयर यूनिटों में बढ़ाए जाएंगे वेंटिलेटर

LUCKNOW :

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में प्रदेशभर से मरीज आते हैं। यहां गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर मिलना चुनौती बना है मगर, अब नए वेंटिलेटर लगाने का खाका तैयार किया गया है। ऐसे में मरीजों को राहत मिलेगी। ट्रॉमा सेंटर में करीब 10 विभागों की इमरजेंसी यूनिट हैं। इनके वार्डों में कुल 460 बेड हैं। यहां हर रोज 300 के करीब मरीज आते हैं। इसमें 150 के लगभग भर्ती किए जा रहे हैं, वहीं वयस्क मरीजों के लिए वेंटिलेटर 47 ही हैं। यहां हर रोज 15 से 20 मरीज वेंटिलेटर वाले आ रहे हैं। लिहाजा, कई मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है। परिवारजन उन्हें गंभीर हालत में लेकर शहर में चक्कर काटने को मजबूर हैं। ऐसे में ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ। संदीप तिवारी ने 20 वेंटिलेटर बढ़ाने का फैसला किया है। विवि की उपकरण सेल में वेंटिलेटर की डिमांड भेज दी है।

इन यूनिट में लगेंगे वेंटिलेटर

डॉ। संदीप तिवारी के मुताबिक अभी टीवीयू में 12, इमरजेंसी मेडिसिन में छह, एमआइसीयू में आठ, न्यूरो सर्जरी में पांच, ट्रॉमा सर्जरी में दो व सीसीएम में 14 वेंटिलेटर हैं। इनमें उपलब्ध संस्थान, स्थान व स्टाफ के लिहाज से वेंटिलेटर लगाए जाएंगे।

दुर्घटना-स्ट्रोक के बढ़े मरीज

कोहरा पड़ने से स्ट्रोक के मरीज बढ़ने लगे हैं, वहीं दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में बेहोशी ही हालत में आ रहे मरीजों को समय पर वेंटिलेटर मिलना चुनौती बन रहा है। ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर न मिलने पर लोग पीजीआई व लोहिया संस्थान का चक्कर काटते हैं। यह भी आईसीयू में तत्काल बेड मिलना मुश्किल होता है।

ऑपरेशन की तकनीक पर मंथन करेंगे देश-विदेश के डॉक्टर

केजीएमयू में ऑपरेशन की तकनीक पर मंथन होगा। इसमें देश-विदेश के सैकड़ों डॉक्टर भाग लेंगे। दो दिवसीय कांफ्रेस में एक्सपर्ट एक-दूसरे से वर्चुअल जुड़ेंगे। इस दौरान सवाल-जवाब भी होंगे। सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की यूपी शाखा पांच व छह दिसंबर को वर्चुअल कांफ्रेंस का आयोजन करेगा। आयोजक सचिव डॉ। सुरेश कुमार के मुताबिक कार्यशाला के चीफ पैट्रन ले.जनरल डॉ। विपिन पुरी व सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ। रमा कांत होंगे। वहीं पैट्रन विभागाध्यक्ष डॉ। अरुण सोनकर व शाखा के अध्यक्ष डॉ। एचएस पहवा होंगे। दो दिवसीय कांफ्रेंस में देश-विदेश के छह सौ के करीब डॉक्टर जुड़ेंगे। इसमें फफड़े की सर्जरी, हार्निया का ऑपरेशन, थायराइड की सर्जरी, पित्त की थैली का ऑपरेशन, थोरेसिक सर्जरी, वीनस सर्जरी, आंको सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आदि पर व्याख्यान होंगे। एक्सपर्ट सर्जरी की नई तकनीक पर चर्चा करेंगे। साथ ही अपने अनुभवों और केस स्टडी को भी एक-दूसरे से साझा करेंगे।

Posted By: Inextlive