2 फीसद सस्ती मिलेगी बिजली

10 हजार प्रीपेड मीटर शहर में

50 हजार के करीब प्रीपेड मीटर प्रदेश में

8.5 लाख उपभोक्ता राजधानी में

- प्रीपेड मीटर लगाने वालों को दो फीसद सस्ती मिलेगी बिजली

LUCKNOW: एक तरफ जहां बिजली दरें बढ़ने से उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा, वहीं अगर किसी उपभोक्ता के घर में प्रीपेड मीटर है तो उसे बिजली बिल कम करंट मारेगा। वजह यह है कि नए टैरिफ से साफ है कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगे हैं, उन्हें दो प्रतिशत तक राहत मिलेगी।

दो फीसद सस्ती

नए टैरिफ से साफ है कि प्रीपेड मीटर से जुड़े उपभोक्ताओं को दो फीसद बिजली सस्ती मिलेगी। अगर प्रीपेड मीटर के माध्यम से किसी श्रेणी के उपभोक्ता की ओर से बिजली का कनेक्शन लिया जाएगा तो उसे राहत दी जाएगी। आयोग ने प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देने क लिए पहले से चली आ रही 1.25 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर दो फीसद किया है।

10 हजार मीटर शहर में

वर्तमान में राजधानी में प्रीपेड मीटर लगाए जाने की रफ्तार अच्छी नहीं है। आंकड़ों की माने तो राजधानी में सिर्फ 10 हजार प्रीपेड मीटर लगे हैं। जबकि पूरे प्रदेश में 50 हजार से कम प्रीपेड मीटर लगे हैं। प्रीपेड मीटर की रफ्तार को बढ़ावा देने के लिए ही उक्त राहत संबंधी कदम उठाया गया है।

साढ़े आठ लाख उपभोक्ता

शहर में करीब साढ़े आठ लाख बिजली उपभोक्ता हैं। बिजली दर बढ़ोत्तरी का असर हर उपभोक्ता पर किसी न किसी रूप में पड़ेगा। उपभोक्ता परिषद की मानें तो अगर किसी उपभोक्ता का लोड 5 से दस किलोवॉट तक है तो उसके ऊपर 12 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होगी। रेग्यूलेटरी सरचार्ज की राहत उक्त सभी उपभोक्ताओं को भी मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ लाइफ लाइन उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। उनका टैरिफ पूर्ववत ही रखा गया है।

हर उपभोक्ता पर सरचार्ज

अगर किसी उपभोक्ता का बिजली बिल जेनरेट हो रहा है तो उसके बिल में रेग्यूलेटरी सरचार्ज 4.8 प्रतिशत जरूर लगाया जाता है। अबकी बार से जो बिल जेनरेट होगा, उसमें यह सरचार्ज नहीं लगाया जाएगा, जिससे स्पष्ट है कि उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।

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21 माह बाद बढ़ोत्तरी

नियामक आयोग की ओर से करीब 21 माह बाद टैरिफ की दरों में बढ़ोत्तरी की गई है। टैरिफ में दुकानों और कार्यालयों की बिजली की दरों में भी इजाफा किया गया है।

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बकाये पर फोकस नहीं

सरकारी भवनों पर बिजली का करोड़ों रुपया बाकी है। सरकारी भवनों को बिजली बिल जमा करने के लिए नोटिस तो दी जाती है लेकिन कोई फायदा नहीं होता। जानकारों की माने तो अगर सरकारी विभागों की ओर से बिजली की बकाया राशि जमा करा दी जाए तो काफी हद तक दरों में कमी आ सकती है।

Posted By: Inextlive