- 10 साल से बना रहा था मासूमों को शिकार, अश्लील वीडियो बनाकर डार्कवेब पर बेचे

- सीबीआई दिल्ली की विशेष यूनिट ने बांदा से पकड़ा, मोबाइल व नकदी बरामद

LUCKNOW : ऑनलाइन चाइल्ड प्रोनोग्राफी की खरीद-फरोख्त के संगीन मामले में सोनभद्र से इंजीनियर नीरज यादव को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने सूबे में ऐसा ही एक और बेहद गंभीर मामला पकड़ा है। चित्रकूट में ¨सचाई विभाग में तैनात अवर अभियंता रामभवन 10 सालों से बच्चों का न सिर्फ यौन उत्पीड़न कर रहा था, बल्कि उनकी अश्लील वीडियो बनाकर बेच रहा था। आरोपित अवर अभियंता ने 50 से अधिक बच्चों के साथ कुकृत्य किया। चाइल्ड प्रोनोग्राफी की ऑनलाइन मानीट¨रग के लिए गठित सीबीआई दिल्ली की विशेष यूनिट (ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूस एंड एक्सलाइटेशन प्रिवेंशन/इंवेस्टीगेशन) ने गहन छानबीन के बाद आरोपित अवर अभियंता को बांदा से गिरफ्तार किया है। सीबीआई की विशेष यूनिट ने आरोपित के चित्रकूट स्थित आवास से करीब आठ लाख रुपये, कई मोबाइल फोन, बेव कैमरा, लैपटॉप, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, अन्य इलेक्ट्रानिक उकरण व सेक्स ट्वाय बरामद किए हैं।

चित्रकूट के आसपास के जिलों में बच्चों को जाल में फंसाया

सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार आरोपित अवर अभियंता की उम्र करीब 40 वर्ष है और वह करीब 10 सालों से चित्रकूट में तैनात था। उसने चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर व आसपास के क्षेत्र के पांच से 16 वर्ष एज तक के बच्चों को अपने जाल में फंसाया और उनका यौन उत्पीड़न किया। बच्चों का यौन शोषण करने के दौरान वह मोबाइल व लैपटाप से उनके अश्लील वीडियो भी बनाता था। बाद में उन अश्लील वीडियो की बिक्री करता था। बताया गया कि करीब 15 दिन पूर्व सीबीआई दिल्ली ने ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी की गतिविधियों के आधार पर केस दर्ज किया था। विवेचना के दौरान आरोपित अवर अभियंता की भूमिका सामने आई जिसके बाद सीबीआई ने उस पर शिकंजा कसा। सीबीआई इस मामले में कुछ अन्य आरोपितों की भूमिका की जांच भी कर रही है और उन पर भी जल्द शिकंजा कसने की तैयारी है।

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सोनभद्र का इंजीनियर भी गिरफ्त में

इससे पूर्व सीबीआई की विशेष यूनिट ने ऑनलाइन मानीट¨रग के दौरान ही इंटरनेट मीडिया के एक अकाउंट के जरिए चाइल्ड प्रोनोग्राफी का मामला पकड़ा था और 25 सितंबर 2020 को अनपरा, सोनभद्र निवासी इंजीनियर नीरज यादव को गिरफ्तार किया था। नीरज बीटेक करने के बाद दिल्ली की एक कंपनी में काम करता था। लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूटने पर वह सोनभद्र अपने घर आ गया था और यह कुकृत्य कर रहा था।

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डार्कवेब पर बेचता था बच्चों के अश्लील वीडियो

बच्चों के यौन उत्पीड़न के वीडियो आरोपित अवर अभियंता डार्कवेब के जरिए बेचता था। आशंका है कि उसने कई देशों में अश्लील वीडियो बेचे हैं। दरअसल, डार्कवेब इंटरनेट का एक बेहद जटिल स्वरूप है। आईपीएस अधिकारी डॉ.अर¨वद चतुर्वेदी बताते हैं कि डार्कवेब बेहद जटिल नेटवर्क है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी कई परतें होती हैं। डेनमार्क, कनाडा, स्वीडन, आयरलैंड समेत अन्य देशों में स्थित इंटरनेट के वर्चुअल सर्वर के जरिए डार्कनेट संचालित होता है। इन वर्चुअल सर्वर के आईपी (इंटरनेट प्रोटोकाल) एड्रेस भी जल्द ट्रेस नहीं होते हैं। यही वजह है कि अपराधी अब मादक पदार्थों, चाइल्ड प्रोनोग्राफी, अवैध असलहों की खरीद-फरोख्त से लेकर अन्य अवैध धंधे डार्कनेट के जरिए संचालित करने लगे हैं। इससे पुलिस का उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। वर्चुअल सर्वर जिन देशों में हैं, उनसे संबंधित सूचनाएं जुटाने में भी कठिनाई होती है। एक अन्य साइबर विशेषज्ञ बताते हैं कि डार्कवेब पर क्रिएट की गई वेबसाइट सर्च इंजन में नजर नहीं आती हैं। डाकवेब को डीपनेट भी कहते हैं।

Posted By: Inextlive