राजनीतिक सफर

- 1999 में राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी बनाई

- 2002 में मलिहाबाद से निर्दलीय विधायक बने

- 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हुए

- 2014 में मलिहाबाद से लोकसभा का चुनाव जीते

- 2019 में दोबारा मलिहाबाद से सांसद बने

- कौशल किशोर ने समय के साथ खुद को बदला

LUCKNOW: लखनऊ की सरजमीं से राजनीति करने वाले 61 वर्षीय कौशल किशोर ने समय के साथ खुद को बदला। इसी का परिणाम रहा कि आज उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले कौशल किशोर ने 1999 में खुद की पार्टी बनाई। उसका नाम राष्ट्रवादी कम्युनिष्ट पार्टी रखा। इसका अध्यक्ष शाइस्ता अंबर को बनाया जबकि खुद महासचिव बने।

बने निर्दलीय विधायक

दलित उत्पीड़न समेत जनहित के मुद्दों पर प्रदर्शन करने वाले कौशल किशोर को मलिहाबाद की जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा था। वर्ष 2002 में निर्दलीय विधायक बनने के साथ ही समाजवादी पार्टी को समर्थन देने से उन्हें श्रम राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया लेकिन वह आठ माह की मंत्री रह पाए।

भाजपा में शामिल हुए

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें मोहनलालगंज सीट से टिकट दिया और वह सांसद बन गए। वर्ष 2019 में भाजपा ने उन्हें दोबारा टिकट दिया और वह फिर से सांसद बन गए। अब सांसद कौशल किशोर को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। उनके मंत्री बनने के साथ ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। सांसद के दुबग्गा आवास पर मिठाई बांटकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। दोपहर में जैसे ही सांसद कौशल किशोर को कैबिनट में शामिल किए जाने की खबर फैली तो लोगों ने सोशल मीडिया पर सांसद को बधाई देना शुरू कर दिया। उनके पुत्र विकास किशोर ने बताया कि पिता को कैबिनेट में शामिल करने की सूचना मिली तो क्षेत्र के लोग खुशी से फूले नहीं समाए।

बाक्स

पत्नी भी विधायक है

पति सांसद और पत्नी विधायक। यह कम ही सुना होगा। वर्ष 2017 में उनकी पत्नी जय देवी मलिहाबाद विधानसभा से विधायक चुनी गईं थीं। विधायक बनने से पहले गृहणी रहीं जय देवी ने समय के साथ अपने में परिवर्तन किया और जनता के बीच खुद को लोकप्रिय बना लिया।

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राजनीतिक सफर

- 1998 में सपा उम्मीदवार के तौर पर जलेसर लोकसभा सीट जीते

- 1999, 2004 में भी वे सपा की टिकट से ही लोकसभा गए

- 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा

- 2014 में भाजपा के टिकट पर फिरोजाबाद से चुनाव हारे

- 2017 में टूंडला विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीते

- 2019 में भाजपा की टिकट पर आगरा से जीते लोकसभा का चुनाव

प्रो। एसपी सिंह बघेल : पीएसओ से केंद्रीय मंत्री तक का सफर

-पांचवीं बार हैं सांसद, योगी मंत्रिमंडल में रह चुके हैं मंत्री

न्द्दक्त्रन् (7 छ्वह्वद्य4) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में आगरा से सांसद प्रो। सत्यपाल सिंह बघेल (एसपी सिंह बघेल) को भी जगह मिल गई है। पांचवी बार सांसद प्रो। बघेल उप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पीएसओ से केंद्र की कैबिनेट तक का उनका सफर बेहद रोचक रहा है। बघेल समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रो। एसपी सिंह नेता को मंत्री बनाए जाने के पीछे आगामी विधानसभा चुनाव में जाति समीकरण साधने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

मुलायम की सुरक्षा में तैनात थे

उप्र के औरैया जिले के मूल निवासी सांसद प्रो। सत्यपाल सिंह बघेल खादी से पहले खाकी पहन चुके हैं। वे लंबे समय तक सब इंस्पेक्टर रहे और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में तैनात रहे। वर्ष 1998 में उन्होंने सपा के टिकट पर जलेसर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। वर्ष 1999, 2004 में भी वे सपा की टिकट से ही लोकसभा गए।

बसपा में हुए शामिल

इसके बाद वे बसपा में शामिल हो गए और 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थामा। प्रो। बघेल को भाजपा ने फीरोजाबाद लोकसभा सीट से मैदान में उतारा लेकिन वे चुनाव हार गए। वर्ष 2015 में भाजपा ने उन्हें पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।

योगी कैबिनेट में हुए शामिल

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टूंडला विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया। जीत हासिल कर वे सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट का हिस्सा भी बने। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रो। बघेल को आगरा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया था। प्रो। बघेल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। वर्तमान में वे आगरा कालेज आगरा में सैन्य अध्ययन विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात हैं।

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Posted By: Inextlive