स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कैसरबाग को एबीडी के लिए चुना गया है। इसका मतलब यह है कि इस एरिया को सबसे पहले स्मार्ट बनाया जाना है। इसके लिए स्मार्ट सिटी अधिकारियों की ओर से कार्य योजना भी तैयार की गई थी।


लखनऊ (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सबसे पहले कैसरबाग एरिया को ही स्मार्ट बनाने के लिए चुना गया था, लेकिन विभागों की उदासीनता ने इस एरिया की स्मार्टनेस पर ग्रहण लगा दिया है। आलम यह है कि नगर निगम की ओर से न तो अतिक्रमण हटाने की कवायद हो रही है और न ट्रैफिक और पुलिस विभाग की ओर से ऑटो-टेंपो को प्रॉपर ढंग से पार्क कराने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं, कैसरबाग बस अड्डे से निकलने वाली बसें भी एक बड़ी समस्या का कारण हैैं। जिसके परिणाम यह है कि स्वास्थ्य भवन से कैसरबाग एरिया तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन गया है।कार्रवाई हुए लंबा वक्त गुजरा


इस एरिया की तीन मूल समस्या हैं। एक तो अतिक्रमण, दूसरा रोड पर ऑटो-टेंपो का बेतरतीब ढंग से खड़ा होना और तीसरी समस्या कैसरबाग बस अड्डे से निकलने वाली बसों का रोड पर सवारियों को भरना। परिणामस्वरूप, यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात तो यह है कि किसी भी विभाग की ओर से इस समस्या को दूर करने के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई गई है, जिसकी वजह से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैैं। अब तो स्थिति यह है कि दो किमी का सफर तय करने में आधे घंटे भी अधिक का समय लग जाता है।ये कदम उठाए जाएं1-अतिक्रमण के खिलाफ अभियान2-ऑटो-टेंपो के लिए प्रॉपर स्टैैंड3-बस अड्डे के अंदर ही बसें खड़ी हों4-रोड नहीं, पार्किंग में ही छोटे व्हीकल पार्क होंएबीडी एरिया में चुना गया कैसरबागस्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कैसरबाग को एबीडी के लिए चुना गया है। इसका मतलब यह है कि इस एरिया को सबसे पहले स्मार्ट बनाया जाना है। इसके लिए स्मार्ट सिटी अधिकारियों की ओर से कार्य योजना भी तैयार की गई थी। कार्य योजना में साफ था कि इस एरिया में प्रॉपर पार्किंग की सुविधा, साफ-सफाई, ऑटो-टेंपो के लिए प्रॉपर स्टैंड इत्यादि बिंदुओं को शामिल किया गया था। अभी तक की बात करें तो 5 लाख घरों में कोडिंग कराई गई है जबकि कई कार्य होने बाकी हैं। क्षेत्र के स्थानीय व्यापारियों ने भी मांग की है कि जल्द से जल्द इस एरिया में स्मार्टनेस से जुड़े कार्य किए जाएं ताकि हर किसी को राहत मिल सके।ठोस रणनीति की जरूरत

अगर स्वास्थ्य भवन से कैसरबाग चौराहे तक जाम की समस्या को दूर करना है तो सभी विभागों को संयुक्त रूप से मिलकर रणनीति बनानी होगी। स्थानीय व्यापारियों को भी सहयोग करना होगा। जिम्मेदारों के साथ-साथ पब्लिक को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। इस एरिया में आने वाले 80 फीसदी लोग प्रॉपर पार्किंग में वाहन पार्क करने के बजाए रोड साइड ही वाहन पार्क कर देते हैं, जिसकी वजह से लोगों को जाम रूपी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं, ऑटो-टेंपो वाले भी सवारियों के चक्कर में इधर-उधर गाड़ी लगा देते हैं, जिसकी वजह से समस्या और ज्यादा विकराल हो जाती है।सभी प्रमुख प्वाइंट्स पर सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसके साथ ही बेतरतीब ढंग से खड़े होने वाले वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई भी होती है।-सुभाष शाक्य, डीसीपी ट्रैफिकमेरी यही प्राथमिकता है कि किसी भी क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या न रहे। अगर कहीं समस्या है तो तत्काल एक्शन लिया जाएगा।-इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त

कैसरबाग बस अड्डे पर बसों का जमा न लगे इसके लिए सिक्योरिटी गार्डों की तैनाती है। इसके अलावा अगर जाम लग जाता है तो सीसीटीवी में उसे देखकर तुरंत बस अड्डे के कर्मचारी खुद बाहर आकर बसों का जमा खुलवाते है। जमा न लगे इसके लिए हर समय विभाग आने जाने वाले बसों की कड़ी निगरानी करता है। - पल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ, परिवहन निगम

Posted By: Inextlive